देश में कोविड के मामलों की संख्या कम होती नहीं दिख रही है। भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 3,824 नए मामले सामने आए हैं, जो पिछले छह महीनों में एक दिन में सामने आए सबसे अधिक मामले हैं। वहीं, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 18,389 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,47,22,605 हो गई है। वहीं, पांच और मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई, जिससे मृतकों की कुल संख्या 5,30,881 हो गई है।वहीँ मध्य प्रदेश में एक बार फिर कोरोना ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. मौसम बदलने के साथ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले 24 घंटे में राज्य में 54 संक्रमित मिले हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। बता दें कि सबसे ज्यादा 31 संक्रमित इंदौर में मिले हैं। इसके अलावा भोपाल में 12, जबलपुर में 2, नरसिंहपुर, सागर और उज्जैन में 1-1 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला है.
देश के कुछ राज्यों में वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकरण में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी रखना महत्वपूर्ण है। इसी तारतम्य में केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल माह में पेन इंडिया मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। केंद्र सरकार के कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में आवश्यक तैयारियाँ के साथ 10 और 11 अप्रैल को (चिन्हित कोविड डेडिकेटेड स्वास्थ्य सुविधाओं सहित) मॉक ड्रिल करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में सभी कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और अस्पताल के सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश जारी किए है।
आयुक्त एवं सह सचिव स्वास्थ्य डॉ. सुदाम खाड़े ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य कोविड-19 के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करना है। सोमवार-मंगलवार 10 और 11 अप्रैल, 2023 को मॉक ड्रिल के दौरान जिलों को आवश्यक मापदंडो पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। इसमें अस्पतालों में बिस्तर क्षमता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन युक्त आइसोलेशन बेड, आईसीयू और वेंटीलेटर सहित बेड की नियत संख्या की उपलब्धता सुनिश्चित करना हैं।
सभी जिलों को कवर करते हुए भौगोलिक रूप से स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रतिनिधि उपलब्धता सुनिश्चित करना है। अस्पताल में उपलब्ध मानव संसाधन जिसमें डॉक्टर नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, आयुष डॉक्टर, आशा सहित अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, आगनबाड़ी कार्यकर्ता और अन्य ग्राम स्तर के कार्यकर्ता, मानव संसाधन क्षमता में कोविड-19 प्रबंधन पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य देख-भाल कार्यकर्ता, गंभीर मामलों के प्रबंधन के लिए वेंटीलेटर प्रबंधन प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल कर्ता, पीएसए संयंत्रों के संचालन में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि और रेफरल सेवाओं में एडवांस्ड और बेसिक लाइफ सपोर्ट, (एएलएस/बीएलएस) एंबुलेंस की उपलब्धता, अन्य एंबुलेंस की उपलब्धता (पीपीपी मोड के तहत या एनजीओ के साथ), कार्यात्मक एम्बुलेंस कॉल सेंटर की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।
परीक्षण क्षमताओं में कोविड परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या और क्षमता, आरटीपीसीआर और आरएटी किट की उपलब्धता, परीक्षण उपकरण और रिएजेन्ट की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।
चिकित्सा रसद में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता जैसे स्टेरॉयड, एनोक्सापारिन, रेमेडिसविर, टोसिलजुमेब और अन्य सहायक दबाए आईवी तरल पदार्थ आदि, वेंटिलेटर (कार्यात्मक) पीपीई (पीपीई किट, एम-95 मास्क आदि) नेब्यूलाइजर, ऑक्सीमीटर आदि, मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए प्लॉट, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, स्टोरेज टैंक मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम आदि की व्यवस्था को दुरुस्त रखना शामिल है। साथ ही टेलीमेडिसिन सेवाओं की उपलब्धता को भी सुनिस्चित करना है। मॉकड्रिल में दिए गए निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में संबंधित जिला कलेक्टर, जिला अधिकारियों के मार्गदर्शन में मॉकड्रिल की जायेगी।
सभी स्वास्थ्य संस्था मॉकड्रिल का डाटा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/जिला सर्विलेंस अधिकारी से समन्वय कर मंगलवार, 11 अप्रैल को सायंकाल तक अनिवार्य रूप से ऑनलाइन कोविड-19 इण्डिया पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित करेंगे।