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Cheque Cloning : ना कॉल ना SMS खाते से निकले 11 लाख 70 हजार रुपए,हो जाएँ सावधान !

Cheque Cloning : उज्जैन के माधव नगर थाना पुलिस ने एक ऐसे ठग गिरोह को पकड़ा है जो ना तो फोन करता है और ना ही SMS, इसके बावजूद बैंक से चेक का क्लोन बनाकर ठगी को अंजाम देता है. बैंक ऑफ इंडिया की सेठी नगर ब्रांच से 4.60 लाख और इंदिरा नगर की ब्रांच से 7.10 लाख की चपत लगाने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है.फिलहाल इस गैंग का मुख्य सरगना अभी फरार है.

अन्तर्राज्यीय गिरोह का हाथ

दरअसल इस गिरोह ने उज्जैन के दो थाना क्षेत्र में बैंक से चेक का क्लोन बनाकर ठगी की थी. 13 दिसंबर को सेठीनगर निवासी रेणी चाको के खाते का नकली चेक बनाकर आगर रोड बैंक की शाखा में लगाया था. चेक के जरिए ठग ने 3.10 लाख रुपए एएसआई रमेश तोमर के खाते में ट्रांसफर किए थे. बाद में सेठीनगर शाखा से राहुल राठौर नामक युवक के द्वारा 4.60 लाख रुपए निकाल लिए थे. खाते से डेढ़ लाख रुपए निकालने पर तोमर ने शिकायत की तो मामला सामने आया था. सेठीनगर बैंक मैनेजर पूनम दूबे की शिकायत पर केस दर्ज कर माधवनगर पुलिस ने रुपए निकालने वाले राहुल को पकड़ा तो पता चला अज्ञात व्यक्ति ने राहुल को नौकरी पर रख उससे राशि निकलवाई और फरार हो गया. पुलिस को ठग के मथुरा में होने का पता चला है. इसी तरह बैंक ऑफ इंडिया की इंदिरानगर शाखा में 13 दिसंबर को शातिर बदमाश ने पुष्पा गुप्ता के खाते का चेक लगाकर 7.10 लाख रुपए निकाल लिए थे. गुप्ता ने 21 दिसंबर को राशि निकालने का पता चलने पर किसी को चेक नहीं देने की बैंक में शिकायत की थी. नकली चेक से ठगी का पता चलने पर बैंक मैनेजर नवल किशोर ने चिमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.

पहचान छिपाने लड़के को रखा नौकरी पर

माधवनगर थाना प्रभारी मनीष लोधा ने बताया कि बैंक के सीसीटीवी फुटेज से पता लगा कि उज्जैन के राहुल राठौर नामक युवक ने रुपए निकाले है.इसके बाद राहुल तक पुलिस पहुंची तो खुलासा हो गया. यूपी के मथुरा का रहने वाला चेतन गिरोह का सरगना है. उसी ने कंचन नामक शख्स को 50 हजार रुपए सैलरी पर रखा था. उसका काम था राहुल जैसे लड़कों से काम करवाना. कंचन ने उज्जैन में राहुल को 14 हजार की नौकरी पर रखा था.इसके बाद रमेश तोमर नामक आदमी के चेक का क्लोन तैयार कर चेतन ने कंचन को दिया.कंचन ने 4.60 लाख रुपए का चेक भर कर राहुल को निकालने के लिए भेज दिया था और राहुल रुपए निकालते हुए सीसीटीवी में कैद हो गया.

बैंक की भूमिका संदिग्ध

मामले में सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि बड़े पेमेंट निकालने पर बैंक कर्मी उपभोक्ता को फोन लगाते है.इस केस में तोमर के पास फोन नहीं आया,साथ ही, खाते की डिटेल में तोमर के मोबाइल की जगह किसी और का नंबर था.सम्भवतः वो नंबर मुख्य सरगना चेतन का है.दूसरा ये भी कि आखिर चेक बुक की फोटो कॉपी करवाकर क्लोन किस तरह से तैयार किया गया.मामले में बैंक कर्मचारी की भूमिका की भी जानकारी भी पुलिस ले रही है.

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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