जिले का पशुपालन विभाग के प्रभारी की भूमिका में बैठे अधिकारी के काले कारनामो का काला चिट्ठा खुल चुका है लेकिन गाँधी की रंग बिरंगी तस्वीरों से मामले को ठंडा कर राहत महसूस करने वाले प्रभारी महोदय की पोल अब खुलने वाली है।
होगी सीएम तक शिकायत
जिले के कुछ सहाफियों के द्वारा मामले की शिकायत आरटीआई की कॉपी के साथ संभागीय अधिकारी और विभागीय मंत्री के साथ-साथ सूबे के मुखिया डॉ मोहन यादव तक पहुँचाने का जिम्मा उठाया गया है।
30 लाख के आसपास घोटाला
पशुपालन प्रभारी ने जिले के पशुओं के ईलाज के लिए आए आवंटन में 12 लाख से अधिक डकार लिया है। वही जिले के पशु चिकित्सालयों के मरम्मत के लिए आए 18 लाख के आसपास की राशि मे 14 से 15 लाख की राशि का गबन कर दिया गया है।
कार्यवाही लंबित
उक्त मामले में तेज तर्रार जिला पंचायत सीईओ ने पशुपालन प्रभारी के भ्रष्टाचार की परतें खोलकर जिले के मुखिया के सामने सितंबर के पहले सप्ताह में ही रख दिया है।कार्यवाही अभी लंबित है।