20 to 25 eggs of dinosaurs older than 6 billion years found : मध्य प्रदेश इको टूरिज्म विकास बोर्ड के द्वारा धार जिले में जीवाश्म संपदा और चट्टानों को सुरक्षित करने के लिए इन दिनों मुहिम चलाई जा रही है इसी के तहत आदिकाल के डायनासोर के अंडों के नए स्थानों की खोज की गई है जिले में अब तक हुई खोज में शाकाहारी डायनासोर के अंडे ही मिले थे किंतु इस बार नए खोज में सम्भवतः मांसाहारी डायनासोर के अंडे मिले हैं संभावना जताई जा रही है कि यह डायनासौर के मांसाहारी अंडे है ।
अन्डो की 6 अरब वर्ष पुराना होने की जताई जा रही सम्भावना
डायना सौर के मांसाहारी अंडों की दो अलग-अलग साइटों पर होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि वैज्ञानिक परीक्षण के बाद ही इसकी पुष्टि हो पाएगी किंतु स्थानीय खोजकर्ता विशाल वर्मा के द्वारा स्थल कौन सा है यह बताने से इनकार किया गया है ।यह खोज वन विभाग स्थानीय विज्ञानी और ग्रामीणों के सहयोग से हुई है ।वर्षा की वजह से इन्हें अभी निकाला नहीं जा सकता इसके स्थानान्तरण करने का कार्य वर्षा के बाद किया जाएगा ।वही वनविभाग के एसडीओ संतोष कुमार रणशोरे ने बताया कि इन एग्स के साढ़े 6 अरब वर्ष पुराने होने की संभावना है इसकी जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी
पूरा क्षेत्र किया जा चुका है राष्ट्रिय उद्यान घोषित
इस दिशा में अभी भी खोज अनुसंधान जारी है। डायनासोर अंडा स्थली में अब तक 20 से अधिक घोसले पाए जा चुके हैं। आपको बता दें कि बाग के पाड़लिया क्षेत्र में वर्ष 2006 में डायनासोर के 30 घोसले में 100 से अधिक अंडों के जीवाश्म खोजे गए थे इसके बाद 2010 में डायनासोर पार्क को लेकर अधिसूचना जारी कर इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। वहीं पाड़लिया क्षेत्र में तकरीबन 89.74 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है
पर्यटन विकास बोर्ड में मार्गदर्शन में चल रहा है अनुसन्धान
विशाल वर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश इको पर्यटन विकास बोर्ड कि जो सीईओ मैडम स्मिता राजौरा उनके निर्देशन में उनकी व्यक्तिगत रूचि के साथ लगभग पिछले 1 साल से डायनासोर फॉसिल नेशनल पार्क उसके आसपास का जो भूगोल है उसके जीवाश्म संबंधित अर्थ साइंस संबंधित कई सारे एक्सप्लोरेशन कैंप मुहिम चलाई जा रही है साथी उनके नेशनल व ग्लोबल रिकॉग्नाइज एक्शन के लिए भी कई सारे प्रयास किए जा रहे हैं उसमें 20 अलग-अलग विषयों के वैज्ञानिक 3 दिन तो उनका वर्कशॉप हुआ सारे महत्वपूर्ण विषयों पर जीवाश्म पार्क से संबंधित ज्ञान और सूचनाओं विकास कार्य के लिए सूचनाओं का आदान प्रदान हुआ कई तरह के जो कार्य किए जा रहे हैं उसमें से एक बड़ा ही महत्वपूर्ण कार्य जो था वह यह था कि आसपास के जो भी विनासशील जीवाश्म है जो पार्क पर्यटन के लिए ज्ञान विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है उनको समय रहते उनको पार्क में सुरक्षित लाकर रख रखा जा सके और उस पर वैज्ञानिक अनुसंधान और पर्यटन के लिए समुचित कार्य किए जा सके को पर्यटन विकास निगम के द्वारा ₹300000 जारी किए गए थे।
शाकाहारी डायनासोर के अंडे भी मिल चुके है खोज में
फॉसिल ट्रांसपोर्टेशन व रॉक ट्रांसपोर्टेशन के लिए पहले एक सर्वे हुआ इस सर्वे के दौरान कई सारे महत्वपूर्ण चट्टाने जो 33 समुद्र के एवीडेंस को बताती है जो 6:30 करोड़ वर्ष के आसपास डेक्कन वोल्केनो आया था उससे जो सुंदर चट्टानी सरचनाएं बनी वह रह गई गई है छूट गई है उन सब के संग्रह के साथ-साथ हमको जो है डायनासोर के तीन नेस्टिंग साइट मिले हैं जिनमें कुछ इक्का-दुक्का अंडे मिले हैं एक साइट पर तकरीबन हमें 20 के आसपास डायनासोर के घोसले जो कि टाइटेनोसौर शाकाहारी डायनासोर के हैं इनका आकार लगभग 20 सेंटीमीटर प्रत्येक अंडे का साइज 18 से 20 सेंटीमीटर के आसपास इसका व्यास है।
डायनासोर के पर्यटन के क्षेत्र के रूप में मिलेगा बढ़ावा
यह हमको प्राप्त हुए यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है दो छोटी साइज के जरूर मिले हैं लेकिन वहां पर संभावनाएं बढ़ी है साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि उसमें से कुछ अंडे हमें कठोर चर्ट बैंड में मिले हैं जो कि यह अलग तरह का पत्थर होता है बहुत ही फाइन बालूका से बना होता है तो पहली बार इस क्षेत्र से कुछ अंडे मिले हैं उससे नया विज्ञान सामने आएगा इन सभी अंडों को महत्वपूर्ण चट्टानों को लाकर पार्क में रख लिया गया है इनमें से कुछ अंडे एलॉन्गेटेड शेप के है कुछ अलग आकार के हैं इनके अंडों के छिलकों का प्रिजर्वेशन बहुत अच्छा नहीं है पर आकार में उसके रूप में समानता विशिष्टता होने के कारण प्राथमिक तौर पर यह माना गया है कि वह मांसाहारी डायनासोर के अंडे हो सकते हैं किंतु उसमें एग शेल को खोजा जाएगा और पाया जाने पर उनकी टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि यह मांसाहारी डायनासोर है या नहीं है इस प्रकार यह एक महत्वपूर्ण खोज है ।जो हमारे क्षेत्र को डायनासोर के पर्यटन के क्षेत्र के संबंध में बहुत ही समृद्ध बनाती हैशिक्षा की पर्यटन की और विज्ञान की जो प्रचार प्रसार की साइंटिफिक अवेयरनेस की सारी संभावनाओं के नए द्वार खोलती है।
तीन साइट्स में मिले है तकरीबन 20 से 25 अंडे
वन विभाग के उपमंडल अधिकारी संतोष कुमार रणशोरे ने बताया किअभी पिछले कुछ 3 महीनों से जाच चल रही थी नए साइट और नए फासिल की तलाश की जा रही थी बाघनी नदी के किनारे तीन नेस्टिंग साइट्स मिली है तकरीबन 20 से 25 अंडे भी मिले हैं यह पिछले मिले हुए अंडों से के साइज पर कुछ डिफरेंट है यह उम्मीद की जा रही है कि यह अंडे मांसाहारी डायनासोर के हो सकते हैं यह जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी इनको जांच के लिए लखनऊ में चंडीगढ़ में इनका इंस्टिट्यूट है वहां अनुसंधान होता है वहां पर भेजा जाएग।इसमें वन विभाग की टीम भी लगी हुई थी हमारे क्षेत्र के जो विशाल वर्मा है उनका सहयोग भी रहा कुछ साइंटिस्ट ने भी विजिट किया था ।बीच में प्रशिक्षण के लिए भी टीम को भेजा गया था इको पर्यटन विकास बोर्ड की तरफ से अभी खोज के लिए ₹3 लाख आवंटित हुए थे उसी के तहत यह जाच चल रही थी।इन के साढ़े 6 अरब वर्ष पुराने होने कि संभावना है।अंडों के साइज शेल के कवर कि थिकनेस के आधार पर इसकी केमिकल कम्पोजिशन अनुसंधान में ही पता चलेगी ।