6 माह बाद अंधे हत्याकांड का खुलासा 2 हजार की सुपारी लेकर 2 लोगो ने उतारा था मौत के घाट 

   

क्या एक जान की कीमत केवल 2 हजार हो सकती है । ये सनसनीखेज़ वारदात सामने आई है बैतूल में जहां भाभी ने केवल 2 हजार की सुपारी देकर अपने देवर की हत्या करवाई । अधजली अवस्था मे मिले शव की शिनाख्त के लिए पुलिस को डीएनए टेस्ट और दुभाषिये की मदद लेनी पड़ी । पिछले 6 महीने से अँधे कत्ल की ये वारदात पुलिस के लिए गुत्थी बनी हुई थी लेकिन तफ्तीश के दौरान जब डीएनए रिपोर्ट  आई तो फिर एक के बाद एक कड़ियों को जोड़ते हुए आखिरकार पुलिस हत्यारों को पकड़ने में कामयाब हुई है। अंधे कत्ल के इस खुलासे के साथ ही सामने आई है एक सनसनीखेज वारदात  । 

बैतूल के कोतवाली थानाक्षेत्र में मलियाढाना गाँव के पास 27 अप्रैल 2024 के दिन एक युवक का अधजला शव बरामद हुआ जिसे पहचान पाना मुश्किल था । पुलिस ने शव की तस्वीरें सभी थानों में चस्पा करवाई लेकिन कोई सुराग नहीं मिला । पुलिस ने मामले में हत्या का अपराध दर्ज करके तफ्तीश आगे बढ़ाई । 

शव मिलने के लगभग 18 दिन बाद बैतूल के ही झल्लार थाने में एक गुमशुदगी दर्ज हुई । गाडागोहान गाँव निवासी शंकर दहीकर नाम का युवक काफी दिनों से लापता था । पुलिस शंकर के घर गई तो वहां शंकर की बुजुर्ग माँ,भाई और भाभी मनीता मिले जिन्होंने शंकर के शव को पहचानने से इनकार कर दिया । पुलिस को शक हुआ तो मृतक शंकर का उसके सम्भावित परिजनों के साथ डीएनए मिलान करवाया गया । कुछ समय इंतज़ार के बाद जब डीएनए रिपोर्ट आई तो ये साफ हो गया कि अधजला मिला शव लापता शंकर का ही था और जो उसे पहचानने से इनकार कर रहे थे वही उसके परिजन हैं । डीएनए रिपोर्ट सामने आते ही जांच दोबारा आगे बढ़ी । 

शंकर की हत्या को लेकर मृतक उसके भाई  और भाभी कुछ भी बताने से इनकार करते रहे । पुलिस जब भी पूछताछ करने जाती तो परिजन आपस में गोंडी भाषा मे कुछ बात करते जिसे पुलिसकर्मी समझ नहीं पा रहे थे । खास तौर पर शंकर की भाभी इस मामले में कुछ ज्यादा ही परेशान दिख रही थी जिससे पुलिस का शक गहराता गया । पुलिस ने एक प्लान बनाकर दुभाषिये को साथ लिया और मृतक शंकर की माँ से बातचीत की । ये तरकीब काम कर गई और शंकर की माँ ने वो सब कुछ बता दिया जिसके लिए पुलिस छह महीने से परेशान हो रही थी । 

दरअसल मृतक शंकर का उसकी भाभी के साथ आए दिन किसी ना किसी बात पर विवाद हुआ करता था । भाभी मनीता ने आने भाई संदीप को बुलाकर उसे शंकर की हत्या करने के लिए महज 2 हजार रुपयों की  सुपारी दी । संदीप ने उसके एक दोस्त नीलेश को साथ लिया और शंकर को शराब पिलाकर अपने साथ ले गए । दोनो ने एक बेल्ट से पहले शंकर का गला घोंटकर उसकी हत्या की और फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए पेट्रोल डालकर जला दिया । दोनो आरोपी मौके से फरार हो चुके थे लेकिन शंकर का  शव अधजला ही रह गया था । पुलिस ने हत्या का खुलासा होने के बाद आरोपी संदीप और नीलेश  को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया । दोनो हत्या करने के बाद महाराष्ट्र में मजदूरी कर रहे थे । उन्हें ये मालूम नहीं था कि उनके अपराध का खुलासा हो चुका है । 

इस तरह शंकर के अंधे कत्ल का 6 महीने बाद खुलासा हो पाया । फिलहाल पुलिस ने हत्यारे संदीप और नीलेश को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन 2 हजार की सुपारी देकर शंकर की हत्या करवाने वाली उसकी भाभी मनीता अब भी फरार है जिसकी तलाश में पुलिस अब भी लगी हुई है । इस वारदात के खुलासे ने एक बार फिर इस हकीकत को पुख्ता किया कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो लेकिन कानून से बचकर ज्यादा समय खुला नहीं घूम सकता ।

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