बंटी और बबली ने 6 साल में लूटे 12 ठिकाने अगले ठिकाने की तलाश जारी
लूट से परेशान वर्ग खटखटा रहे है शासन प्रशासन का दरवाजा
सतपुड़ा पर्वत की मैकल पर्वत श्रृंखला की तलहटी में बसा एक नगर जहाँ आजकल बंटी और बबली की जुगलबंदी ने आमजन तो क्या नगर के प्रबुद्धजनों की सूची में सुमार लोगो की नाक में दम करके रखा हुआ है।
वैसे तो वर्ष 2005 में बनी अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी की फिल्म ने जितनी सुर्खिया नही बटोरी होंगी उतनी सुर्खिया इस जोड़ी ने संभाग में बटोर ली है।कई करोड़ो का वारा न्यारा इस जोड़ी ने अब तक किया है। शिकायतें भी जिला संभाग से लेकर प्रदेशस्तरीय नेतृत्व के सामने की जा चुकी है। लेकिन बंटी और बबली को मालूम है कि जांच के लिए जो भी मातहत आएंगे उन्हें भी बापू की तस्वीर खूब पसंद है।
बात भी कितनी आश्चर्यजनक है जिस बापू का देश ही नही पूरे विश्व ने उनके विचारों का लोहा माना है। इस बाबू की तस्वीर लगे कागज के टुकड़े भ्रष्टाचार का सशक्त माध्यम बन रहे हैं। अब तो बापू की आत्मा भी फूट-फूटकर होगी और कहती होगी की बस करो मेरी की तस्वीर इन चंद कागज़ के टुकड़ों से हटा दो।
बंटी और बबली ने शहडोल संभाग की नब्ज पकड़ ली है।इस लाजबाव जोड़ी को पता है कि हर मर्ज की दवा बापू वाली तस्वीर हैं।इस जोड़ी का फंडा है एक लोकेशन पर लगभग 1 साल तक रहो 1000 साल और 1000 श्रीफल ऐसे लोगो को दो जो सवाल करना जानते है।और इस छोटे से इन्वेस्टमेंट में करोड़ो बनाओ या अगर कुछ ज्यादा भी बन जाए तो बेमानी नही होगी।
बंटी और बबली ने शासन प्रशासन के द्वारा बनाए गए नियमों को भी ठेंगा दिखा दिया है। ऐसी भ्रष्टाचार की इबारत लिखी है की नियम और कायदे कानून भी पानी पानी हो रहे हैं।
लेकिन इस बार बंटी और बबली का दांव कुछ कमजोर पड़ता जा रहा है क्योंकि लगभग एक करोड़ की रेवड़ी का लालच भी इस बार काम नही आ रहा है।
विश्वस्त सूत्रों और पूरे संभाग प्राप्त दस्तावेजों की माने तो बंटी और बबली ने 3 माह में करोड़ो का वारा न्यारा अपने वर्तमान के पड़ाव में करने के बाद आवाज उठाने वालों को दुत्कार दिया है।
लेकिन बंटी और बबली को यह पता होना चाहिए कि जोहिला नदी का पानी पीने वालों के विरोध को सहन कर पाना मुश्किल नही नामुमकिन होता है।बंटी और बबली यह भूल चुके हैं की काठ की हांडी को एक बार,दो बार, तीन बार बचाया जा सकता है, लेकिन काठ की हांडी यूं ही चढ़ती रहेगी यह संभव नही है।
इस बार बंटी और बबली के भोपाली दोस्त भी जद में आ जाएंगे क्योंकि इस बार का विरोध का जिम्मा विभाग के जानकार लोगो ने उठा लिया है।हालांकि विरोध करने वालो को जांच टीम पर भरोसा नही है क्योंकि जांच टीम इन दिनों आपदा में अवसर तलासती नजर आती है।
नोट : करबद्ध निवेदन दूरभाष के माध्यम से बंटी और बबली का नाम न पूछे चिकित्सक ने फोन पर कम बात करने की सलाह दी है।पूरी जानकारी आप तक पहुचाई जाएगी।