4 राज्यों के बदले गए प्रदेशाध्यक्ष क्या एमपी में आदिवासी नेता के हाथों में होगी संगठन की बागडोर - खबरीलाल.नेट
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4 राज्यों के बदले गए प्रदेशाध्यक्ष क्या एमपी में आदिवासी नेता के हाथों में होगी संगठन की बागडोर

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इस साल के अंत में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को संगठन में बड़े बदलाव किए। इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी को तेलंगाना के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। डी पुरंदेश्वरी को जहां आंध्र प्रदेश बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, वहीं पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को झारखंड का प्रदेश अध्यक्ष, सुनील जाखड़ को पंजाब में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. इटाला राजेंद्र को तेलंगाना भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

ऐसे में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में बदलाव की अटकलों ने भी जोर पकड़ लिया है. आम तौर पर बीजेपी एक व्यक्ति एक पद की नीति पर काम करती है. ऐसी स्थिति में श्री. किशन रेड्डी को मंत्री पद से हटाया जा सकता है ताकि वह अपना पूरा समय तेलंगाना को दे सकें। भाजपा ने जिन लोगों को अध्यक्ष बनाया है, उनमें से दो सुनील जाखड़ और डी. पुरंदेश्वरी का कांग्रेस से लंबा रिश्ता रहा है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके सुनील जाखड़

सुनील जाखड़ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. वह पूर्व में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सुनील जाखड़ को पहले राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया था. कांग्रेस छोड़ने के बाद जाखड़ ने कहा था कि. व्यक्तिगत लाभ के लिए राजनीति का प्रयोग नहीं करता । मैंने सदैव जोड़ने का काम किया है, तोड़ने का नहीं।

कौन हैं डी. पुरंदेश्वरी

आंध्र प्रदेश में डी पुरंदेश्वरी को कमान सौंपी गई है. वह टीडीपी संस्थापक एनटी रामाराव की बेटी हैं। गौरतलब है कि इससे पहले वह पार्टी के महासचिव भी रह चुकी हैं.

मोदी सरकार में मंत्री हैं जी किशन रेड्डी 

तेलंगाना में बीजेपी ने मोदी सरकार के मंत्री जी. किशन रेड्डी को कमान सौंपी गई है. बीजेपी हाल के दिनों में बीआरएस सरकार के खिलाफ काफी मुखर रही है. गौरतलब है कि तेलंगाना में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

कौन हैं बाबूलाल मरांडी?

बाबूलाल मरांडी झारखंड में बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं. वह राज्य के पहले मुख्यमंत्री भी रहे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने अपनी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया. गौरतलब है कि झारखंड में 14 लोकसभा सीटें हैं. फिलहाल एनडीए गठबंधन के पास 12 सीटें हैं.

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आदिवासी नेता के हाथों में होगी एमपी की बागडोर ?

बात अगर मध्यप्रदेश की करें तो भाजपा सत्ता को कायम रखने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनावी मॉड में उतर चुकी है लेकिन बीते कुछ माह पूर्व सोशल मीडिया में उडी अफवाहों ने तो यह यह कर दिया था कि प्रदेश संगठन में सब कुछ सही नही चल रहा है जिस तरह से मोदी एमपी का दौरा कर रहे है और और हाल ही के शहडोल दौरे में आदिवासी रंग की धूम रही तो ऐसे में राजनैतिक पंडित कयास लगा रहे है की आगामी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के रूप में किसी कद्दावर आदिवासी नेता को कमान सौपी जा सकती है. अब कयासों के गर्म माहौल में ऊट किस करवट बैठता है यह तस्वीर जल्द ही साफ हो जाएगी की आगामी चुनाव बीडी शर्मा के नेतृत्व में संपन्न होता कोई नया चेहरा जल्द सामने आएगा .

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Article By : Aditya

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