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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पकड़ा तूल

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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पकड़ा तूल
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ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वकीलों के दो पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। एक पक्ष बाबा साहब की मूर्ति को लेकर हाई कोर्ट पहुंच गया तो वहीं दूसरे पक्ष हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट परिसर में मूर्ति लगाने पर आपत्ति जाहिर की है। तनाव के माहौल के बीच भारी पुलिस फोर्स हाई कोर्ट के बाहर तैनात कर दिया गया है। वही इस हालात के चलते सनी के लिए पहुंचे पक्षकार बाहर ही बैठने मजबूर हैं।

दरअसल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में जैसे ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने की चर्चा हुई वैसे ही विवाद ने जन्म ले लिया। बार एसोसिएशन मूर्ति लगाने को लेकर विरोध जता रही है। यहां तक की हाई कोर्ट की बिल्डिंग कमेटी ने भी परिसर में मूर्ति लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसके बावजूद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अनुयायी वकीलों का गुट लोडिंग वाहन से मूर्ति को लेकर हाई कोर्ट पहुंच गया। क्रेन के जरिए मूर्ति लगाने का प्रयास शुरू होते ही बार एसोसिएशन ने विरोध जताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस प्रशासन के अधिकारियो के साथ भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचा।

मूर्ति लगाने वाले वकीलों के धड़े का कहना है कि बाबा साहब भारत रत्न है और उन्होंने संविधान की रचना की है ऐसे में उनकी मूर्ति हाईकोर्ट में लगाने से लोगों को संविधान के जरिए न्याय मिलने की प्रेरणा मिलेगी, लेकिन जो लोग मूर्ति लगाने का विरोध कर रहे हैं यह असंवैधानिक है और सीधे तौर पर बाबा साहब का विरोध है।

ग्वालियर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट पवन पाठक का कहना है कि हाई कोर्ट परिसर में यदि कोई भी मूर्ति स्थापित की जाएगी तो उसके लिए बिल्डिंग कमेटी की परमिशन जरूरी है लेकिन कमेटी ने मूर्ति लगाने की अनुमति नहीं दी है। मूर्ति लगाने का काम सिर्फ पीडब्ल्यूडी विभाग कर सकता है लेकिन उसके पहले मूर्ति का टेंडर जारी होने की अनुमति देनी होगी।शासन द्वारा मूर्ति लगाने से जुड़ी हुई अनुमति के साथ ही कोई भी टेंडर जारी नहीं किया गया है। यह मूर्ति भ्रष्टाचार के पैसे से कुछ असामाजिक तत्व हाई कोर्ट परिसर में लगाना चाहते हैं। जबकि हाई कोर्ट परिसर में जिस जगह पर यह मूर्ति लगाने की कोशिश की जा रही है वहां पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगा दिया गया है। देश में राष्ट्रीय ध्वज से बड़ी कोई भी मूर्ति नहीं है। ऐसे में फिर भी यदि मूर्ति लगाई जाती है तो इससे हाई कोर्ट के साथ ही ग्वालियर के साथ मध्य प्रदेश का सामाजिक सौहार्द बिगड़े का और 2 अप्रैल जैसी स्थिति बन सकती है।

इस विवाद के चलते सनी के लिए पहुंचे पक्षकारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर के अंदर और बाहर तनाव की स्थिति बनी हुई है। जिसके चलते भारी संख्या में पुलिस फोर्स और प्रशासन के अधिकारी मौजूद है

ग्वालियर
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विकास पिछले 6 सालों से डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. इस दौरान इन्होंने अलग-अलग कई न्यूज़ पोर्टल्स पर काम किया। विकास मूल रूप से मध्यप्रदेश के ग्वालियर के रहने वालें हैं। विकास नेटवर्क10 सहित कई इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थान में भी काम कर चुके हैं। विकास की डेली पालिटिकल इवेंट्स के साथ ही राजनीति, शिक्षा और क्राइम से जुडी खबरों में ख़ास रूचि है। इन्हें किताबें पढ़ने और यात्रा करना काफी पसंद हैं।
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