Chhatarpur News : मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के सिंहपुर गांव के किसानों ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में अनोखे अंदाज़ में अपनी व्यथा सुनाई। दर्जंनो किसान ढोल-नगाड़े बजाते हुए गले में आवेदनों की माला डालकर प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां तहसीलदार द्वारा आवेदन लेने से इनकार व गाली-गलौज करने की भी शिकायत की।

आम रास्ता के लिए कर रहा शिकायत
किसानों का आरोप है कि गांव का दशकों पुराना करीब 3 किलोमीटर लंबा सरकारी आम रास्ता, जिसे खेतों में जुताई-बुवाई, मवेशियों को चराने और आवाजाही के लिए उपयोग किया जाता था, तहसील प्रशासन और राजस्व अमले की मिलीभगत से बंद करवा दिया गया है।
महाराजपुर तहसीलदार ने कहे अपशब्द
किसानो ने तहसीलदार पर लगाया गंभीर आरोप;* किसानों का कहना है कि जब वे अपनी शिकायत लेकर महाराजपुर तहसीलदार अनिल तलैया के पास पहुंचे, तो उन्होंने आवेदन लेने से साफ मना कर दिया और अपशब्द भी कहे। इसके बाद मजबूर होकर किसानों ने कलेक्टर जनसुनवाई में अनोखे तरीके से पहुंचकर समस्या उठाई।
पटवारी पर हेराफेरी का आरोप
पीड़ित किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि एक पटवारी ने नाप-जोख में गड़बड़ी और कागजातों में हेराफेरी करके आम रास्ते की जमीन को निजी बता दिया, जिसके बाद उक्त रास्ते को तारबंदी और लोहे के गेट लगाकर पूरी तरह बंद कर दिया गया।दरअसल किसानों ने उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर भी शिकायत दर्ज की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कलेक्टर के आदेश का करेंगे पालन : तहसीलदार
महाराजपुर तहसीलदार अनिल तलैया ने कहा जो भी आदेश जिला कलेक्टर का होगा, उसका पालन किया जाएगा। अगर किसानों की मांग है कि फिर से सीमांकन हो, तो मैं नए राजस्व निरीक्षक और पटवारी को भेजकर पुनः नप्ति करवाऊंगा।
होगा दोबारा सीमांकन और नामांकन : एडीएम
एडीएम मिलिंद नागदेवे ने कहा किसानों की मांग के आधार पर तत्काल तहसीलदार को दोबारा सीमांकन और नामांकन की कार्यवाही के आदेश देंगे। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि उन्हें जरुर न्याय मिलेगा।