विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के रामा कैम्प में 7 दिवसीय हाथी महोत्सव का आयोजन किया गया है।हाथी कैम्प में हाथियों की खातिरदारी के साथ- साथ सभी 15 विभागीय अधिकारियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाएगा।
उक्त मामले में फील्ड डायरेक्टर बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व अनुपम सहाय ने बताया कि बांधवगढ़ में हर वर्ष हाथी महोत्सव का आयोजन 7 दिन के लिए किया जाता है।प्रतिदिन हाथियों को नहलाया जाता है।और सभी हाथियों को फल के साथ साथ उनकी मनपसंद आइटम्स खिलाए जाते है।उन्होंने बताया कि बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व में 15 विभागीय हाथी है जिसमे 9 नर 6 मादा है।बांधवगढ़ का सबसे वयस्क हाथी गौतम है।टाइगर रेस्कयू,टाइगर प्रबंधन,मानसून गस्ती,विद्युत लाइन की गस्ती में विभागीय हाथियों का विशेष योगदान है।प्रतिदिन 2 हाथियों को हाथी महोत्सव में शामिल कर आमजन को उनसे मिलवाने का काम किया जाएगा।
वही उक्त मामले में प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि एक सप्ताह चलने वाले हाथी महोत्सव में हाथियों के साथ-साथ उनके साथ रहने वाले चारा कटर और महावतों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।एक सप्ताह तक सभी 15 विभागीय हाथियों को पूर्ण विश्राम दिया जाएगा।ताकि नए पर्यटन सत्र में आने वाली सभी चुनौतियों के लिए विभागीय हाथी तैयार रहे।
वन्य प्राणी चिकित्सक बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व राजेश तोमर ने बताया कि पर्यटन सत्र शुरू होने से पहले प्रत्येक वर्ष हाथी महोत्सव का कार्यक्रम किया जाता है।, विभागीय हाथी चारा कटर पूरे पर्यटन सत्र में काम करते हैं और नया पर्यटन सत्र शुरू होने से पहले उनके स्वास्थ्य का प्रशिक्षण आवश्यक हो जाता है। हाथी महोत्सव के दौरान हाथियों की स्वास्थ्य का परीक्षण के साथ-साथ उनके दांतों की शेपिंग,ट्रिमिंग के साथ-साथ पैरो के नाखून की समस्याओं को देखा जाता है। जबलपुर वाइल्डलाइफ सेंटर से आने वाला विशेषज्ञों का दल भी इन विभागीय हाथियों के स्वास्थ्य का परीक्षण करता है। सभी विभागीय हाथियों का ब्लड सैंपल ले करके उसके जांच उपरांत रिपोर्ट आने के बाद में इनका इलाज भी किया जाता है।
वही विभागीय हाथी सुंदरगज के महावत सखाराम बैगा ने बताया कि आज से शुरू होने वाले हाथी महोत्सव में विभागीय हाथियों को गन्ना,सेब,केला,गुड़,नारियल,रोटियाँ सभी विभागीय हाथियों को 7 दिनों तक खिलाई जाती है।जब कोई टाइगर किसी गाँव मे घुस जाता है,या टाईगर किसी अन्य टाईगर को किल कर देता है,ऐसे मौकों में रेस्कयू के दौरान विभागीय हाथियों का उपयोग किया जाता है।













