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बदला मौसम का मिजाज MP के दर्जनों जिलों में जारी हुआ भारी बारिश का Yellow Alert

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IMD Alert : मौसम केंद्र भोपाल के द्वारा मध्यप्रदेश के दर्जनों जिलो में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।मौसम केंद्र भोपाल के द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार अगले 24 घण्टे तक भारी वर्षा, झंझावत और वज्रपात, झोंकेदार हवाओ के चलने का अलर्ट जारी किया गया है।

देखिए पूरी लिस्ट

क्यों लौटा मानसून

बंगाल की दक्षिणपूर्व खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाब (डीप डिप्रेशन), पिछले 6 घंटों के दौरान पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में लगभग 6 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ा और आज, 26 अक्टूबर 2025 की सुबह 08:30 बजे IST पर, यह उसी क्षेत्र में लगभग 11.2° उत्तर अक्षांश और 87.1° पूर्व देशांतर के पास केंद्रित है। इसके पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ने और अगले 24 घंटों में दक्षिणपश्चिम एवं उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। यह 28 अक्टूबर की शाम या रात के दौरान आंध प्रदेश तट के मछलीपट्टनम और कालींगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के आसपास, लगभग 90-100 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्थायी हवा की गति और 110 किमी प्रति घंटे तक की झोंकों के साथ एक भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में परिवर्तित होने की बहुत अधिक संभावना है।

अरब सागर के पूर्व-मध्य भाग के ऊपर बना अवदाब (डिप्रेशन) पिछले 6 घंटों के दौरान लगभग 13 किमी प्रति घंटे की गति से दक्षिण-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ा और 26 अक्टूबर 2025 की सुबह 08:30 बजे IST पर, यह उसी क्षेत्र में लगभग 16.0° उत्तर अक्षांश और 66.5° पूर्व देशांतर के पास केंद्रित है। इसके प्रारंभ में लगभग दक्षिण-पश्चिम दिशा में तथा बाद में दक्षिण-दक्षिणपश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए अगले 24 घंटों में पूर्व मध्य अरब सागर के पार जाने की संभावना है।

एक टूफ अरब सागर के पूर्व मध्य भाग के ऊपर बने अवदाब (डिप्रेशन) से जुड़े ऊपरी वायु चक्रवातीय परिसंचरण से लेकर पश्चिम मध्य प्रदेश तक, उत्तरपूर्वी अरब सागर और दक्षिण गुजरात क्षेत्र से होकर, लगभग 1.5 से 3.1 किमी ऊँचाई (माध्य समुद्र तल से ऊपर) के बीच बनी हुई है।

भारी वर्षा के संभावित दुष्प्रभाव

  • निचले इलाकों एवं सुरंगों में जलजमाव / अस्थायी बाढ़।
  • कच्चे, असुरक्षित एवं अस्थायी ढांचों को आंशिक क्षति।
  • विद्युत व्यवस्था में व्यवधान ।
  • भारी बारिश के दौरान फिसलन भरी कच्ची सडक और खराब दृश्यता के कारण सड़क यातायात में मामूली व्यवधान।
  • मौसमी नालों/नदियों के जलस्तर में आकस्मिक वृद्धि ।
  • वृक्षारोपण/बागवानी फसलों को को मामूली क्षति।
  • संपत्ति को नुकसान के कतिपय मामले।

भारी वर्षा दुष्प्रभाव से बचने के उपाय

  • अचानक आने वाली बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों से दूर रहें।
  • पक्के अधवा सुरक्षित मकानों में आश्रय लें।
  • अस्थायी और असुरक्षित संरचनाओं को ठीक से सुरक्षित किया जाना चाहिए अथवा खाली कर दिया जाना चाहिए।
  • बिजली की वैकल्पिक योजना बनाई जा सकती है।
  • यातायात में अपेक्षित देरी से बचने हेतु पूर्व योजना बनाएं।
  • मौसमी नदी-नालों से दूर रहें।
  • खतरे के निशान के आस-पास बह रही नदियों से दूर रहें।
  • गड्डों, पोखरों एवं तालाबों जिनमे बाहर से पानी आता हो में नहाने से बचें।
  • झंझावत /वज्रपात/झोंकेदार हवाओं के दुष्प्रभाव एवं सुझाव

प्रभाव

  • दृश्यता में कमी।
  • विद्युत व्यवस्था में व्यवधान, यातायात प्रवाह में व्यवधान।
  • इमारतों, कमजोर संरचनाओं, कच्चे घरों/दीवारों और झोपड़ियों को नुकसान हो सकता है। खिड़कियाँ टूट सकती हैं और छतें क्षतिग्रस्त हो सकती है। हल्की वस्तुएं उड़ सकती है।
  • तेज झंकिदार हवाओं/वज्रपात से बागान, बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है।
  • झंझावत /वज्रपात से विमान को गंभीर नुकसान हो सकता है।
  • पशुधन, वन्य जीवन और जनजीवन को क्षतिः खुले स्थानों पर लोगों,
  • मवेशियों और वन्यजीवों को गंभीर चोट लग सकती है. घायल भी हो सकते हैं या उनकी मृत्यु भी हो सकती है।

सुझाव

  • घर के अंदर रहें, खिड़‌कियाँ और दरवाज़े बंद रखें और अगर संभव हो तो यात्रा करने से बचें।
  • बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करें।
  • वाहन चलते समय सावधानी रखें।
  • सुरक्षित आश्रय लें, पेड़ों के नीचे आश्रय न लें। कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों से न टिकें।
  • जलस्रोतों से तुरंत बाहर निकलें।
  • बिजली का संचालन करने वाली सभी वस्तुओं से दूर रहें।
  • घर में रहें, खिड़कियाँ और दरवाजे बंद रखें और यदि संभव हो, तो यात्रा से बचें।

स्वास्थ्य परामर्श 

जल जनित और कीट जनित रोगों से बचाव के लिए सावधानी बरतें। फ़िल्टर किया हुआ या उबला हुआ पानी पीने और स्वच्छता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दें। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए रुके हुए पानी को हटाएं, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों का खतरा कम हो सके।

मानसून में आमतौर पर सर्दी, खांसी और वायरल बुखार जैसी बीमारियाँ फैलती हैं, इसलिए इनके लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और यदि लक्षण बने रहें तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।

हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को मानसून के दौरान अधिक नमी के कारण होने वाले जोखिमों को ध्यान में रखना चाहिए। वे नियमित रूप से अपना रक्तचाप जांचें और हृदय स्वस्थ आहार का पालन करें।

कृषकों के लिए विशेष सलाह

  • कटाई की गई फसल को सुरक्षित स्थान पर रखें या तिरपाल/प्लास्टिक शीट से ठीक से ढक दें।
  • खेत में लाइट टैप का उपयोग करके वयस्क कीटों को नष्ट करें।
  • बोवाई से पहले खेतों की सफाई करे और अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद (FYM) या कम्पोस्ट डालें, ताकि मिट्टी की सेहत, जलधारण क्षमता और पोषक तत्वों की उपलब्धता में सुधार हो।
  • यदि कटाई की गई फसल को ढकने और इकट्ठा करने की उचित व्यवस्था नहीं हो. तो नुकसान से बचने के लिए फसल को खेत में ही खड़ा रहने दें।
  • वर्तमान मौसम की स्थिति को देखते हुए रबी फसलों के लिए खेत की तैयारी शुरू कर दें। मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए ठीक से जुताई और पाटा करें।
  • पशुओं को सूखे बाड़ों में रखें और संक्रमण को कम करने के लिए बाड़ों के चारों ओर चूना छिड़कें।

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संजय विश्वकर्मा खबरीलाल न्यूज़ पोर्टल हिंदी में कंटेंट राइटर हैं। वे स्टॉक मार्केट,टेलीकॉम, बैंकिंग,इन्सुरेंस, पर्सनल फाइनेंस,सहित वाइल्ड लाइफ से जुड़ी खबरें लिखते हैं।संजय को डिजिटल जर्नलिज्म में 8 वर्ष का अनुभव है।आप संजय से 09425184353 पर सम्पर्क कर सकते हैं।