मौसम केंद्र भोपाल के द्वारा मध्यप्रदेश के सभी जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया।
पिछले 24 घण्टो में मौसम के हालात
पिछले 24 घंटो के दौरान, प्रदेश के चंबल संभाग के जिलों में कहीं कहीं; रीवा संभाग के जिलों में कुछ स्थानो पर; नर्मदापुरम, ग्वालियर, जबलपुर, शहडोल, सागर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा।
पिछले 24 घंटो में, अधिकतम तापमान भोपाल, उज्जैन संभागों के जिलों में 4.2°C -7.0°C तक विशेषरूप से गिरे, इंदौर, चंबल, रीवा, सागर संभागों के जिलों में 2.2°C -3.2°C तक काफी गिरे एवं शेष सभी संभागों के जिलों के तापमानों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ।
वे भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन संभागों के जिलों में सामान्य से 5.1°C -8.7°C तक विशेष रूप से कम रहे; चंबल, रीवा, सागर संभागों के जिलों में सामान्य से 3.8°C – 3.9°C तक काफी कम रहे; ग्वालियर, जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में सामान्य से 2.1°C – 2.9°C तक कम रहे
पिछले 24 घंटो में, न्यूनतम तापमानों में सभी संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ।
वे भोपाल, इंदौर संभागों के जिलों में सामान्य से 1.7°C 2.4°C अधिक रहे; उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में सामान्य से 3.3°C – 4.7°C तक काफी अधिक रहे; नर्मदापुरम, शहडोल संभागों के जिलों में सामान्य से 5.2°C 7.4°C तक विशेषरूप अधिक रहे।
जानिए कहां कहा है अलर्ट
वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें
भोपाल, रायसेन, सिहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, इंदौर, देवास, सिंगरौली, सीधी, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, पांढर्णा जिलों में। विदिशा, झाबुआ, धार, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, अशोकनगर, दतिया, रीवा, मऊगंज, सतना, पन्ना, छत्तरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर जिलों में।
राजगढ़, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां जिलों में।
भारी वर्षा, झंझावत और वज्रपात, झोंकेदार हवाएं (30-40 किमी/घंटा)
राजगढ़, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुरकला जिलों में।
झंझावत और वज्रपात, झोंकेदार हवाएं 30 – 40 किमी/घंटा
भोपाल, विदिशा, सिहोर, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,
अशोकनगर, दतिया जिलों में।
झंझावत और वज्रपात
रायसेन, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, कटनी, जबलपुर, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर,टीकमगढ़, निवाड़ी, मेहर जिलों में।
क्यों लौट आया दोबारा मानसून
चक्रवातीय तूफान “मोंथा” बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और संलग्न पश्चिम मध्य में, अक्षांश 12.6° उत्तर और देशांतर 85.0° पूर्व के पास, चेन्नई (तमिलनाडु) से लगभग 520 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) से 570 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व, विशाखापत्तनम (आआंध्र प्रदेश) से 600 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व, गोपालपुर (ओडिशा) से 750 किलोमीटर दक्षिण और पोर्ट ब्लेयर (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) से 850 किलोमीटर पश्चिम में अवस्थित है। इसके उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने और 28 अक्टूबर की सुबह तक एक गंभीर चक्रवातीय तूफान में परिवर्तित होने की संभावना है। उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर आगे बढ़ते हुए, इसके 28 अक्टूबर की शाम रात के दौरान काकीनाडा के आसपास मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच एक गंभीर चक्रवातीय तूफान के रूप में (अधिकतम निरंतर हवा की गति 90-100 किमी प्रति घंटा से लेकर 110 किमी प्रति घंटा) आंध्र प्रदेश तट को पार करने की बहुत संभावना है।
पूर्व-मध्य अरब सागर पर बना अवदाब क्षेत्र (डिप्रेशन) पिछले 6 घंटों के दौरान 20 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा और उसी क्षेत्र में, अक्षांश 16.4° उत्तर और देशांतर 66.9° पूर्व के पास, मुंबई (महाराष्ट्र) से लगभग 700 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, पंजिम (गोवा) से 750 किमी पश्चिम, अमिनिदिवी (लक्षद्वीप) से 860 किमी उत्तर-पश्चिम और मैंगलोर (कर्नाटक) से लगभग 940 किमी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में केंद्रित रहा। अगले 48 घंटों के दौरान इसके पूर्व-मध्य अरब सागर में लगभग उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है।
एक ट्रफ़, पूर्व मध्य अरब सागर पर बने अवदाब क्षेत्र (डिप्रेशन) से जुड़े ऊपरी हवा के चक्रवातीय परिसंचरण से लेकर उत्तर-पूर्व अरब सागर और दक्षिण गुजरात क्षेत्र होते हुए पश्चिम मध्य प्रदेश तक माध्य समुद्र तल से 1.5 और 3.1 किमी की ऊंचाई के मध्य विस्तृत है।
पश्चिमी विक्षोभ, मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक टूफ़ के रूप में माध्य समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर 30°N अक्षांश के उत्तर में 70°E देशांतर के साथ विस्तृत है।
मौसम चेतावनियों के संभावित प्रभाव
भारी वर्षा के दौरान कम दृश्यता से यातायात बाधित होना व दुर्घटनाओं की संभावना।
नदियों/नालों में जलस्तर बढ़ने तथा कच्ची सड़कों को नुकसान की संभावना।
तेज हवाओं/बिजली गिरने के कारण पेड़ों के गिरने और बिजली आपूर्ति में बाधा।
कच्चे मकानों और अस्थायी आश्रयों को क्षति पहुंचने का खतरा बढ़ना।
खेतों में खुले में लोगों व पशुओं के लिए वज्रपात (बिजली गिरने) से जान-माल का खतरा।
सुझाये गए कार्य
भारी वर्षा के कारण दृश्यता कम हो सकती है, जिससे सड़क और हवाई यातायात प्रभावित हो सकता है। उफनती नदियों, नालों या पुलियों को पार न करें।
निचले इलाकों, जिनमें सड़के और अंडरपास शामिल हैं, में जलभराव की संभावना है, जिससे यातायात जाम और देरी हो सकती है।
झोंकेदार तेज हवाओं के कारण उड़ने वाला मलबा और कम दृश्यता हो सकती है, जिससे यात्रा और परिवहन प्रभावित हो सकते हैं। यदि संभव हो तो यात्रा करने से बचें।
परिवहन व्यवस्था सहित निकासी के तरीके के बारे में पहले से योजना बना लें। वाहन धीरे बलाएँ और स्टीयरिंग व्हील को मजबूती से पकड़े, पुलों और ऊँची खुली सड़कों से बचें। मचान (स्कैफोल्डिंग) और निर्माण स्थलों से दूर रहें। ऊँचे या खुले इलाकों में न जाएँ। खुले खेतों और बाहरी गतिविधियों के दौरान बिजली गिरने का खतरा बना रहता है।
पेड़, बिजली के खंभे, अस्थायी शेड और कमजोर संरचनाओं को नुकसान पहुंचने की संभावना है। आंधी-तूफान के दौरान खुले खेतों में कार्य करने से बचे।
गरज-चमक के दौरान घर के अंदर रहे, खिड़कियों और दरवाजे बंद करें और पदि संभव हो तो यात्रा से बचें।
आपातकालीन किट में आवश्यक वस्तुएं जैसे कि जल्दी खराब न होने वाला भोजन, पानी, दवाइयां, टॉर्च, बेटरी और प्राथमिक चिकित्सा किट रखें।
सुरक्षित आश्रय लें; पेड़ों के नीचे शरण न लें तथा तूफान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें। पेड़ों और बिजली की तारों से दूर रहें।
कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें। इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें एवं उन सभी वस्तुओं से दूर रहे जो बिजली का संचालन करती है।
पशुओं का विशेष ध्यान रखे, सभी जानवरों को रात के दौरान विशेष रूप से संरक्षित और सुरक्षित पशु शेड में रखा जाना चाहिए।
जल जनित और कीट जनित रोगों से बचाव के लिए सावधानी बरतें। फ़िल्टर किया हुआ या उबला हुआ पानी पीने और स्वच्छता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दें। मच्छरों के प्रजनन को रोकने
के लिए रुके हुए पानी को हटाएं, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों का खतरा कम हो सके।
मानसून में आमतौर पर सर्दी, खांसी और वायरल बुखार जैसी बीमारियों फैलती हैं, इसलिए इनके लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और यदि लक्षण बने रहें तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
हृदय रोग से पीडित्त व्यक्तियों को मानसून के दौरान अधिक नमी के कारण होने वाले जोखिमों को ध्यान में रखना बाहिए। वे नियमित रूप से अपना रक्तचाप जांचे और हृदय स्वस्थ आहार का पालन करें।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय अधिकारियों जैसे आधिकारिक स्रोतों से मौसम के पूर्वानुमान और अलर्ट पर नजर रखें।
कृषकों के लिए विशेष सलाह
गरज-चमक शुरू होने से पहले खरीफ फसलों की कटाई पूरी कर लें तथा उपज को ढके हुए और ऊँचे स्थान पर सुरक्षित रखें।
कटाई की गई फसल को सुरक्षित स्थान पर रखें या तिरपाल/प्लास्टिक शीट से ठीक से ढक दें।
गरज-चमक या वज्रपात के दौरान खेत में किसी भी प्रकार का कार्य जैसे बुवाई, छिडकाव या उर्वरक का प्रयोग न करें। फलदार पौधों व सब्जियों की बेलों को सहारा दें ताकि तेज़ हवा से गिरने या टूटने से बचाया जा सके।
खेतों तथा बागवानी फसलों में उचित जल निकासी की व्यवस्था रखें ताकि जलभराव न हो।
रबी फसलों की बुवाई से पहले बीज उपचार अवश्य करें ताकि नमी वाले वातावरण में रोगों से बचाव हो सके।
खुले स्थानों में कार्य न करें; पशुओं को वज्रपात के समय छत के नीचे रखें तथा पेड़ों या लोहे की वस्तुओं के नीचे न जाएँ।













