मानवता को शर्मशार कर देने वाली बड़ी ही निर्मम तस्वीरें मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के पशु औषधालय परिसर से सामने आई हैं, यूँ तो आप रोज देखते है की जब किसी इंशान का आशियाना तोडा जाता है तो वह धरने पर बैठा जाता है, रोता है बिलखता है, मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखता है और उसकी बाद प्रदेश और देश के आलाकमान तक पहुचती है. लेकिन मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के पशु औषधालय परिसर में हुई इस घटना की तस्वीरें जिसने भी देखी उसकी आखें नम हो गई,लेकिन यह घटना किसी इंशान के साथ नही बल्कि मूक पक्षिओं के साथ घटित हुई. जो न बोल सकते है और ना ही कुछ कर सकते है, लेकिन टूटी दालों में अपने बच्चों को तलाश करते रह गए. मानो पूरे बगुले मौन धरना प्रदर्शन में बैठ गए हो.
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क्या है पूरा मामला
दरअसल मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के पशु औषधालय परिसर में एक पेड़ पर बगुलों ने पेड़ पर अपने घोसले बना रखे थे, लेकिन बगुलों के बैठने और रहने से पशु पालन विभाग के अधिकारियों को दुर्गंध आती थी, इसलिए बगुलों के घौंसलों, अन्डो और बच्चों का ठिकाना छीन लिया गया। करीब 30 से ज्यादा बगुलों और उनके नन्हे बच्चों ने पेड़ कटने के साथ ही नीचे गिरकर दम तोड़ दिया। पेड़ कटने के बाद भी कई बगुले अपना आशियाना छोड़ने को तैयार नहीं थे और वे काटी हुई शाखाओं पर ही काफी देर तक मायूस से बैठे रहे।
विभाग के नाम को किया बदनाम
यूँ तो पशुओ के संरक्षण और संवर्धन के लिए बना प्रदेश का पशु पालन और उनके जीवन रक्षा का दायित्व निभाने वाले विभाग के परिसर में ही ये बगुले और उनके शिशु तड़पते रहे, दम तोड़ते रहे।लेकिन इस सबके बीच पेड़ों को काटकर बगुलों की बलि ले ली गई।
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कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
मामले की जानकरी संज्ञान में आने के बाद विदिशा जिले के संवेदनशील कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने मामले की जाँच के आदेश दिए है.
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व्यूरो रिपोर्ट