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मुआवजा घोटाला उमरिया : SDM के आवेदन ने खुद की कार्यशैली पर खड़ा किया प्रश्नचिन्ह खसरा नंबर 727/3 में आया ये नया ट्वीस्ट

मध्य प्रदेश सरकार आदिवासियों के संरक्षण संवर्धन के लाख दावे कर लें लेकिन आदिवासी समाज का जमकर शोषण भी मध्य प्रदेश की धरती पर हो रहा है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के उमरिया जिले का है जहां से गुजरने वाली ...

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Sanjay Vishwakarma

मध्य प्रदेश सरकार आदिवासियों के संरक्षण संवर्धन के लाख दावे कर लें लेकिन आदिवासी समाज का जमकर शोषण भी मध्य प्रदेश की धरती पर हो रहा है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के उमरिया जिले का है जहां से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के लिए भूमि का अधिग्रहण बीते कई वर्षों से चल रहा है। आदिवासियों की अधिग्रहित भूमि पर सड़क का निर्माण भी हो चुका है। लेकिन आदिवासी मुआवजा की रकम के लिए दर-दर भटक रहे हैं।लेकिन कुछ लोगो को तय लिमिट से अधिक मुआवजा राशि मिलने की शिकायत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है।

वही मामले में चौका देने वाले खुलासे तब हुए जब जिले की जिम्मेदार अधिकारी एसडीएम बांधवगढ़ रीता डेहरिया ने MPRDC सहायक महाप्रबंधक और उनके कंप्यूटर आपरेटर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायती आवेंदन कोतवाली थाना में दिया है। साथ ही  डिजिटल हस्ताक्षर को दुरुपयोग करके 4 करोड़ से अधिक की राशि  कुछ चिन्हित हितग्राहियों के खातों में डाल दिए गए हैं। उक्त मामले की शिकायत कोतवाली उमरिया में की गई है।

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आदिम जाति मंत्री विजय शाह ने लिया संज्ञान 

मामले की का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के आदिम जाति विभाग मंत्री विजय शाह ने उमरिया दौरे के दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए कहां की मामला अत्यंत गंभीर हैं। कलेक्टर उमरिया के नॉलेज में पूरा मामला संज्ञान में ला दिया गया है। जांच के उपरांत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मुआवजा घोटाला उमरिया : SDM के आवेदन ने खुद की कार्यशैली पर खड़ा किया प्रश्नचिन्ह खसरा नंबर 727/3 में आया ये नया ट्वीस्ट
आदिम जाति मंत्री विजय शाह ने लिया संज्ञान

एसडीएम बांधवगढ़ के आवेदन की जाँच जारी : SDOP उमरिया 

वही मामले की जानकारी देते हुए एसडीओपी उमरिया नागेंद्र सिंह ने कहा है कि एसडीएम बांधवगढ़ रीता डहेरिया के द्वारा थाना कोतवाली में एक आवेदन दिया गया है।आवेंदन में डिजिटल सिग्नेचर के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया हैं।मामले में जांच जारी है।

मुआवजा घोटाला उमरिया : SDM के आवेदन ने खुद की कार्यशैली पर खड़ा किया प्रश्नचिन्ह खसरा नंबर 727/3 में आया ये नया ट्वीस्ट
एसडीएम बांधवगढ़ के आवेदन की जाँच जारी : SDOP उमरिया

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शिकायती आवेदन की दलील चर्चा का विषय 

जाँच का नतीजा जो भी हो लेकिन SDM बांधवगढ़ के शिकायती पत्र ने उनकी खुद की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं। एसडीम ने शिकायती आवेदन 13 जून को कोतवाली उमरिया में दिया था। इसके साथ ही जिन खातों में मुआवजे की राशि गई हैं उनमें बैंक में जाकर होल्ड लगवा दिया गया है।

सुजीत सिंह ने लिखे ये 2 पत्र 

आवेदन की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद आवेदन में जिन 07 नाम और उमरिया के दो लोकेशन का जिक्र किया गया है।उसमे भगड़ा लोकेशन से मुआवजा प्राप्त करने वाले सुजीत सिंह भदौरिया ने 18 जून को बैंक और भू अर्जन अधिकारी को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी मांगी है कि उनके खातों में होल्ड क्यों लगा दिया गया है। हालांकि होल्ड लगाए जाने के कारणों की जानकारी उन्हें खबर लिखे जाने तक नही मिल पाई है।

मुआवजा घोटाला उमरिया : SDM के आवेदन ने खुद की कार्यशैली पर खड़ा किया प्रश्नचिन्ह खसरा नंबर 727/3 में आया ये नया ट्वीस्ट
भू अर्जन अधिकारी को लिखा गया

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खसरा नंबर 727/3 में आया ये नया ट्वीस्ट 

SDM बांधवगढ़ के शिकायती आवेंदन में जिन 07 खसरा नम्बर का जिक्र है। उसमे खसरा नम्बर 727/3 में शिकायती आवेंदन में अंकित नाम के अलावा 2 और व्यक्तियों का मुवावजे संबंधित दावे का आवदेन या तो जिला प्रशासन के पास आएगा या फिर सीधे हाई कोर्ट की शरण मे दोनों आवेदक जांएगे।

मुआवजा घोटाला उमरिया : SDM के आवेदन ने खुद की कार्यशैली पर खड़ा किया प्रश्नचिन्ह खसरा नंबर 727/3 में आया ये नया ट्वीस्ट

मामले की जानकारी देते हुए दीपनारायण गुप्ता पिता जमुना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि एक ही खसरे में पिता जी के स्वर्गवास के बाद खसरा नम्बर 727/3 में हमारी माँ मीरा बाई, बहन सपना गुप्ता,मेरे बड़े भाई राज किशोर गुप्ता और मेरा दीपनारायण के नाम से अवॉर्ड पारित हुआ था।जमीन बटवारे को लेकर बहन सपना गुप्ता के साथ हमारी अनबन थी।बहन ने अपना   हिस्सा रोमेश गुप्ता को वर्ष 2023 के आसपास बेच दिया था। जब SDM मैडम का शिकायती आवेंदन सोशल मीडिया में वायरल हुआ है तब मेरे एक दोस्त के द्वारा मुझे इस मामले की जानकारी 27 जून को मिली है।

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उन्हहोंने आगे बताया कि अब हमे यह जानकरी जुटानी है कि खसरा नम्बर 727/3 में जो मुआवजे की राशि रोमेश गुप्ता के खाते में ट्रांसफर हुई है क्या वह सिर्फ उनके हिस्से की जमीन की है या हमारे हिस्से के मुवावजे की राशि भी उनके खाते में ट्रांसफर कर दी गई है।

मामले में बनी हैं कलेक्टर की पैनी नजर 

फिलहाल यह पूरा विषय जिला प्रशासन के संज्ञान में आते ही जांच के बाद मामले से पर्दा उठ जाएगा।लेकिन एक यक्ष प्रश्न लगातार उन आदिवासी समाज के लोगो के दिमागों में कौंध रहा है कि उन्हें तो उनके हक का पैसा आज तक क्यों नही मिला।हालांकि जिले के संवेदनशील कलेक्टर पूरे मामले में अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। यदि उमरिया मुआवजा घोटाला वास्तव में एक बड़ा घोटाला है। तो इस घोटाले का पर्दाफाश होने में कलेक्टर उमरिया की कार्यवाही के बाद समय नही लगेगा।

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