IMD Alert : मौसम केंद्र भोपाल के द्वारा अगले 24 घण्टो के लिए अलर्ट जारी किया गया है।बीते 24 घण्टो में धार, नौगाँव (छतरपुर), दमोह, शिवपुरी एवं बैतूल जिलो में शीत लहर का प्रभाव रहा। भोपाल, राजगढ़, इंदौर, रीवा, जबलपुर, सीहोर, शाजापुर एवं शहडोल जिलो में तीव्र शीत लहर का प्रभाव रहा। मलाजखंड (बालाघाट) जिले में शीतल दिन रहा।
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में ठंड का कहर बढ़ता ही चला जा रहा हैं।तापमान जबसे नीचे आना शुरू हुआ है,तबसे एक भी बार तापमान में बढ़ोत्तरी नही हुई है।बीते कई दिनों से जिले का तापमान 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था।लेकिन अब तापमान एक डिग्री और नीचे उतर गया है।
मौसम केंद्र भोपाल द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार उमरिया मध्यप्रदेश के टॉप 5 ठंडे जिलो में शामिल हो गया है।एक सप्ताह में यह दूसरी बार है जब उमरिया टॉप 5 ठंडे जिलो की लिस्ट में शामिल हुआ है।
5 सबसे कम न्यूनतम तापमान वाले शहर
- राजगढ़/(गिरवर) शाजापुर : 6
- (कल्याणपुर) शहडोल : 6.2
- भोपाल/इंदौर : 6.4
- उमरिया : 7.3
- रीवा : 7.4
शीत लहर का यलो अलर्ट
वही बीते सप्ताह से उमरिया जिले में शीत लहर का यलो अलर्ट जारी किया गया था जो लगातार जारी है। वही आज मौसम केंद्र भोपाल के द्वारा मध्यप्रदेश के जिलो के लिए शीत लहर का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
देखिए जिलो के नाम
तीव्र शीत लहर : भोपाल, सिहोर, राजगढ़, इंदौर, शाजापुर, सतना, शहडोल जबलपुर, मैहर ।
शीत लहर : बैतूल, धार, देवास, शिवपुरी, रीवा, उमरिया, कटनी, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी।
शीत दिन : छिंदवाडा, बालाघाट।
सुझाये गए कार्य –
- शीत लहर के संपर्क में आने पर शीत से प्रभावित अंगों के लक्षणों जैसे कि संवेदनशून्यता, सफ़ेद अथवा पीले पड़े हाथ एवं पैरों की उँगलियों, कान की लौ तथा नाक की ऊपरी सतह का ध्यान रखे।
- शीत लहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एवं संवेदनशून्य तथा लाल फफोले पड़ सकते है। यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे गैंगरीन भी कहा जाता है। यह अपरिवर्तनीय होती है। अतः शीत लहर के पहले लक्षण पर ही चिकित्सक की सलाह ले तथा तब तक अंगों को गरम करने का प्रयास करे।
- शीत लहर के प्रभाव से हाइपोथर्मिया हो सकता है। शरीर में गर्मी के हास से कंपकपी, बोलने में दिक्कत, अनिद्रा, मांसपेशियों में अकडन, सांस लेने में दिक्कत/निश्चेतन की अवस्था हो सकती है। यह अत्यधिक गंभीर अवस्था है इसमें तत्काल चिकित्सीय सहायता ले। I
- शरीर की गर्माहट बनाये रखने हेतु अपने सर, गर्दन, हाथ और पैर की उँगलियों को अच्छे से ढंके एवं पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे- दस्ताने, टोपी, मफलर, एवं जल रोधी जूते आदि पहने। शीत लहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहें और कोशिश करें कि अतिआवश्यक हो तो ही बाहर यात्रा करें।
- इस समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जैसे- फ्लू, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक से संपर्क करें।
- पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ का अवश्य सेवन करें। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय अधिकारियों जैसे आधिकारिक स्रोतों से मौसम के पूर्वानुमान और अलर्ट पर नज़र रखें।
कृषकों के लिए विशेष सलाह
- शीत लहर आने से पहले खेत में हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी का तापमान बना रहे। रात के समय खेत के किनारों पर सूखी पत्तियाँ या भूसा जलाकर धुआँ करें।
- सब्ज़ियों और नाजुक फसलों के आसपास पुआल, घास या प्लास्टिक शीट से ढकाव करें। आलू, टमाटर, मिर्च, फूलगोभी, सरसों आदि फसलों की विशेष सुरक्षा करें।
- सब्ज़ी नर्सरी को पॉलीथीन शीट या घास से ढककर रखें।
- पशुओं को ठंडी हवा से बचाने के लिए बंद या आंशिक बंद गोठ में रखें। पशुओं को पीने के लिए गुनगुना पानी दें, ठंडा पानी न दें।
- पशुओं के लिए सूखी बिछावन जैसे पुआल या भूसा बिछाएँ। पशुओं को गुड़, तेलखली, दाना आदि ऊर्जावान चारा दें।
- किसान खुद ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़े, टोपी, दस्ताने और जूते पहनें। अत्यधिक ठंड में खेत पर काम करने से बचें









