Bandhavgarh : बाँधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के खितौली कोर ज़ोन में 24 जनवरी की शाम एक बाघ शावक के घायल होने की खबर ने प्रबंधन के बीच हड़कंप मचा दिया। वैसे तो बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व का खितौली कोर ज़ोन वर्ष 2024 से ही सुर्खियों में चल रहा है।चाहे खितौली कोर ज़ोन से लगे सलखनिया में 10 हाथियों की मौत का मामला हो या डोमिनेन्ट टाईगर छोटा भीम के गले मे तार का फंदा मिलने का मामला हो।
मिली जानकारी के अनुसार खितौली कोर के जंगल मे 23 जनवरी से ही ग्राउलिंग की आवाजें सुनी गई है।यदि समय रहते विभागीय हाथियों की मदद से वन परिक्षेत्र अधिकारी की टीम मौके पर पहुचती तो शायद यह घटना नही घटित हो पाती।लेकिन लगातार खितौली कोर ज़ोन में हो रही लापरवाही चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि जैसे ही बांधवगढ़ प्रबंधन को उक्त जानकारी लगी है रेस्क्यू टीम को मौके पर तत्काल रवाना किया गया है। और कुछ ही घंटे मे बाघ का रेस्कयू कर लिया गया है।बाघ का रेस्कयू करने के बाद मुकुंदपुर टाईगर सफारी प्राथमिक ईलाज के बाद भेज दिया गया है।
खितौली कोर ज़ोन में क्यों बढ़ रहा है संघर्ष
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की माने तो बाघ छोटा भीम के घायल होने के बाद जब से उसे भोपाल वन विहार शिफ्ट किया गया है तबसे उसके पूरे एरिया में इन दिनों बाघ D1 का कब्जा हो चुका है। बाघ D1 इन दिनों अपनी प्राइम ऐज में है। ऐसे में बाघ D1 लगातार अपनी टेरिटरी बढ़ाता चला जा रहा है। हाल ही में इसी बाघ ने बाघिन तारा के 2 शावको को मौत के घाट उतार दिया था वही तीसरे शावक की लोकेशन ट्रैस नही हो पाई है। ये तीनो शावको का पिता बाघ छोटा भीम ही था।
वही आज जिस बाघ शावक को घायल अवस्था मे प्रबंधन ने ट्रैक किया है यह काटिवाह का शावक बताया जा रहा है। काटिवाह कि 3 शावको में एक को बाघ D1 ने गंभीर घायल कर दिया है। बाघिन काटिवाह के तीनों शावको का पिता बाघ पुजारी को बताया जा रहा है। हो सकता है यह संघर्ष आगे भी जारी रहे और बाघ D1 काटिवाह के अन्य दोनों शावको को भी निशाना बनाए।
किसकी संतान है टाइगर D1
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चुनौती बनकर उभरा हुआ यह बाघ इसको D1 चर्चा का विषय बन गया है.बाघ D1 टाइगर महामन और बाघिन डॉटी की संतान है. टाइगर महामन कुछ वर्ष जंगल से अचानक लापता हो गया था लेकि नआज भी टाइगर D1 की मां बाघिन डॉटी मगधी कोर ज़ोन में अपना कब्जा जमाए हुए हैं.
तो क्या तोड़ देगा बाघ चार्जर का रिकॉर्ड
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खतौली कोर ज़ोन में इन दोनों टाइगर D1 एक वॉरियर बनकर उभरा है। छोटा भीम की टेरिटरी भी टाइगर D1 के कारण लगातार छोटी होती चली जा रही थी। वहीं टाइगर बजरंग ने ताला कोर ज़ोन में अपना टेरिटोरियल एरिया बना लिया है। टाइगर बजरंग का बहुत ही कम खतौली कोर ज़ोन में आना जाना होता है। लेकिन ऐसे में जब बाघ छोटा भीम भोपाल शिफ्ट हो चुका है तो खितौली कोर में बचे हुए अन्य टाइगर में धमोखर मेल अभी लगभग 5 वर्ष के आसपास का है जिसे DM के नाम से जाना जाता है। वही टाइगर पुजारी की उम्र 10 वर्ष के आसपास की बताई जा रही है। कुल मिला कर खतौली कोर ज़ोन में अगर कोई प्रायमरी ऐज का टाइगर है तो वह है टाइगर D1 आज के दौर में इस टाईगर D1 की टेरिटरी 50 वर्ग किलोमीटर से लेकर 60 वर्ग किलोमीटर की बताई जा रही है।
बताया जाता है कि वर्ष 1994 के दौर में जब बांधवगढ में टाईगर चार्जर की तूती बोलती थी इस दौर में टाईगर चार्जर की टेरिटरी लगभग 105 वर्ग किलोमीटर के आसपास थी। हालांकि आज के दौर में जो टाईगर आपको बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व में मिल रहे है ये सभी टाईगर चार्जर का ही कुनबा कहलाते है। ऐसे में बाघ D1 अगर बाघ चार्जर जितनी टेरिटरी बना लेता है तो 30 साल बाद फिर एक बड़ा नाम बनकर बांधवगढ टाईगर रिज़र्व में टाईगर D1 बनकर उभरेगा।
D1 क्यों बाघ शावको को बना रहा है निशाना
जब कोई बाघ जंगल में अपने टेरिटोरियल एरिया में वृद्धि करता है। तो उक्त टेरिटोरियल एरिया में रहने वाली बाघिन को भी वह अपना बना लेता है। ऐसे में दूसरे बाघों की संतानों को बाघ बर्दाश्त नहीं करता। और भविष्य में आने वाली चुनौतियों को वह शुरुआती दौर पर ही खत्म कर देना चाहता है। यही कारण है कि बाघ D1 का आतंक इन दिनों खितौली कोर जोन में देखने को मिल रहा है।हो सकता है की आने वाले समय में D1, बाघ पुजारी और DM के लिए भी चुनौती बनकर उभरे.