अब दिल्ली दरबार है बाकी आज शाम से लेकर 5 जनवरी तक हो सकती है घोषणा ये है पूरी अपडेट - खबरीलाल.नेट
25.1bhopal

अब दिल्ली दरबार है बाकी आज शाम से लेकर 5 जनवरी तक हो सकती है घोषणा ये है पूरी अपडेट

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले सहित पूरे प्रदेश में कयासों का बाजार गर्म है।सोशल मीडिया में उत्साही कार्यकर्ताओं ने अपने – अपने लीडर के पक्ष में कसीदे  पढ़ना शुरू कर दिए है। भाजपा अब आज रात से लेकर 5 जनवरी तक ...

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Sanjay Vishwakarma

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अब दिल्ली दरबार है बाकी आज शाम से लेकर 5 जनवरी तक हो सकती है घोषणा जान ये है पूरी अपडेट

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले सहित पूरे प्रदेश में कयासों का बाजार गर्म है।सोशल मीडिया में उत्साही कार्यकर्ताओं ने अपने – अपने लीडर के पक्ष में कसीदे  पढ़ना शुरू कर दिए है। भाजपा अब आज रात से लेकर 5 जनवरी तक जल्द से जल्द भाजपा जिलाध्यक्ष की सूची को सार्वजनिक करने जा रही है।ई मेल के जरिए दिल्ली सूची भेजी गई है. हरी झंडी मिलते ही घोषणा कर दी जाएगी.हालांकि सोशल मीडिया में कई फर्जी सूची शेयर होने के बाद प्रदेश भाजपा ने बाकायदा पत्र जारी करके फर्जी सूचियों का खण्डन किया है।

जान लीजिए पैनल का स्वरूप 

मध्य प्रदेश की उमरिया सहित सभी जिलों में यह चर्चा चल रही है कि आखिर जो पैनल से फाइनल हुआ है उसमें कितने नाम है। कुछ लोगों का मानना है कि पैनल में दो नाम भेजे गए हैं। तो कुछ लोग पांच नाम की चर्चा कर रहे हैं। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पैनल में तीन नाम की सूची भेजी जा रही है प्रत्येक जिलो के लिए। तीन नाम की अनिवार्यता इतनी अधिक है कि जिन जिलों में एक सिंगल नाम सामने आए हैं उन जिलों से भी दो नाम एकत्र करके पैनल में शामिल करके भेजे जा रहे हैं।साथ ही हर जिले से ओपिनियन पोल में आए कुल नामों की मेरिट लिस्ट के आधार पर तीन नामों का पैनल बनाया गया. यदि इन तीन नामों में किसी महिला का नाम नहीं है तो ओपिनियन पोल की मेरिट में शीर्ष पर रहने वाली महिला कार्यकर्ता का नाम भी पैनल में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, यदि तीन नामों के पैनल में कोई एसटी/एसटी शामिल नहीं है, तो जिले की जनसंख्या के अनुसार एसटी/एससी वर्ग से एक नाम पैनल में शामिल किया गया है।

यहां बदले जाएंगे अध्यक्ष

सूत्रों के आधार पर जानकारी यह निकालकर के सामने आ रही है कि जिन जिलों में भाजपा जिला अध्यक्षों का कार्यकाल 4 साल हो चुका है उन जिलों में जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे.विशेष परिस्थितियों में ही चार साल के जिला अध्यक्षों को मौका मिलेगा.लेकिन जिन जिलों में कार्यकाल डेढ़ साल से काम का है.उन जिलों में यदि विधायक सांसद कार्यकर्ता और पार्टी के नेता अगर उनके विरोध में नहीं है तो उन्हें ही दोबारा मौका दिया जाएगा.हालाँकि कुछ नेताओं की लॉट्री लग सकती है, क्योंकि संगठन चुनाव के पदाधिकारियों का मानना है कि जिलाध्यक्षों के पुराने कार्यकाल पर भी नजर रखी गई है. जिनके काम बढ़िया हैं और अगर किसी ऐसे जिलाध्यक्ष पर रायशुमारी बनती है तो फिर उसे फिर से मौका मिल सकता है. 

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मेरा नाम संजय विश्वकर्मा है,वैसे मेरा ख्याल है ‘खबर वह है, जिसे कोई दबाना चाहे। बाकी सब केवल विज्ञापन है’ बतौर पत्रकार मेरा काम है, कि यथासंभव स्पष्ट रूप से ख़बरों की सच्चाई से आपको रूबरू करवा सकूँ। सच बोलता हूँ और विभिन्न परिस्थितियों में सही और सटीक काम करने का प्रयास भी करता हूँ। आप 09425184353 पर संपर्क करके मुझे खबर से अवगत करवा सकते हैं। आपका नाम और पहचान सार्वजानिक नही करूँगा।

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