Bandhavgarh: विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ विश्व रिजर्व में शिकार की घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं।ताजा मामला छिपियाडॉड, RF 380, बीट डोभा, रेंज खितौली का है। जहाँ से रक्तरंजित ठूंठ, चीतल का सिर और क्लच वायर का फंदा के साथ गोरेलाल बैगा, राममिलन बैगा और दिनेश बैगा, गढ़पुरी को गिरफ्तार किया गया है। 3 आरोपी फरार बताए जा रहे है।
आरोपियो के खिलाफ वन अपराध प्रकरण क्रमांक 1674/25 दर्ज कर दिनांक 28 अप्रैल को न्यायालय उमरिया में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के द्वारा उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।3 आरोपी जो फरार हुए है,उनकी तलाश जारी है। इस कार्यवाही में परिक्षेत्र अधिकारी खितौली एवं पतौर, परिक्षेत्र सहायक गढ़पुरी,बीटगार्ड डोभा,रंछा,गढ़पुरी,उमरिया बकेली ओर अन्य वनकर्मी की भूमिका रही।
कब होगी छोटा भीम के हत्यारो की गिरफ्तारी
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के इसी खितौली कोर ज़ोन में बाघ छोटा भीम का 30 नवंबर 2024 को रेस्क्यू किया गया था।बीते लगभग 5 दिन के बाद हुए रेस्क्यू में बाघ छोटा भीम के गले मे क्लच वायर का फंदा बुरी तरह फसा हुआ मिला था। उसी रात बाघ छोटा भीम को इलाज के लिए वन विहार भोपाल भेज दिया गया था जिसकी 2 फरवरी को ईलाज के दौरान मौत कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के कारण हो गई थी।
4 माह बाद भी शिकारी पहुँच के बाहर
बांधवगढ टाइगर रिजर्व में छोटा भीम की मौत वन्य जीव प्रेमियों के लिए किसी सदमे से काम नहीं थी। प्रबंधन के द्वारा दावा किया जा रहे थे कि जल्द से जल्द आरोपी शिकारी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन 4 माह से ज्यादा वक्त गुजर जाने के बाद भी शिकारी प्रबंधन की गिरफ्त के बाहर हैं। प्रबंधन या तो बाघ छोटा भीम की मौत को भूल चुका है या फिर शिकारी को पकड़ना प्रबंध के बस में नहीं है।
3 – 4 सालों में पहली कार्यवाही
खितौली कोर ज़ोन की सीमाएं कटनी जिले से लगा हुई हैं। यह बड़ा ही संवेनशील क्षेत्र माना जाता है।लेकिन 3 -4 सालों में पहली बार चीतल के शिकारी पकड़े गए है। क्या इस क्षेत्र में शिकार नही होता या मैदानी कर्मचारियों के द्वारा प्रॉपर मॉनिटरिंग नही की जाती। तमाम सवालों का जबाव मिल पाना बड़ा ही कठिन है। लेकिन जिले के वन्यजीव प्रेमियों को इन्तेजार है कि बांधवगढ़ प्रबंधन जल्द से जल्द छोटा भीम के शिकारियों को गिरफ्तार करने में कामयाब होगा।