Oath Taking Ceremony in MP-CG: पीएम मोदी कि मौजूदगी में मध्‍यप्रदेश-छत्‍तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों का आज होगा सपथ ग्रहण समारोह

मध्‍यप्रदेश-छत्‍तीसगढ़ में सपथ ग्रहण समारोह कि तैयारिया पूरी हो चुकी हैं, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कि मौजूदगी में पहले मध्यप्रदेश और उसके बाद छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री सपथ लेंगे.

कौन बनेगा मुख्यमंत्री की रस्स्सकसी के बाद आज अब जो नाम मध्‍यप्रदेश-छत्‍तीसगढ़ में फाइनल हुए हैं उनके द्वारा आज सपथ ली जानी है. शपथ ग्रहण समारोह  (Oath Taking Ceremony) आज  13 दिसंबर बुधवार को आयोजित किया जाएगा. दोनों ही राज्‍यों में मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी उपस्थित रहेंगे. पहले मध्‍यप्रदेश में सीएम मोहन यादव इसके बाद छत्‍तीसगढ़ में विष्णु देव साय मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

ये है शपथ ग्रहण का समय

मध्य प्रदेश में शपथ ग्रहण समारोह मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में सुबह 11.30 बजे से होगा. छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शाम 4 बजे साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शपथ लेंगे. दोनों ही जगहों पर शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. इस दौरान शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे.

मोहन यादव शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।

मोहन यादव उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक हैं. 58 वर्षीय डॉ. मोहन यादव पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। साल 2013 में वह पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक चुने गये थे. इसके बाद साल 2018 में वह फिर से दक्षिण उज्जैन सीट से विधायक चुने गए। 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मोहन यादव ने उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से कांग्रेस के चेतन प्रमनारायण यादव को 12941 वोटों से हराया।

विष्णुदेव साय पहले आदिवासी मुख्यमंत्री होंगे

विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री हैं। विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के कुनकुरी विधानसभा के रहने वाले हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस यूडी की कुनकुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. मिंज 25,541 वोटों से हारे थे. विष्णुदेव साय 2020 से 2022 तक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राज्य स्तर के मंत्री भी रह चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला.

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