मध्य प्रदेश के Bandhavgarh टाइगर रिजर्व में देश-विदेश की सैलानी बाघ दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कोर जॉन और बफर जोन के लिए बाकायदा ऑनलाइन टिकट का इंतजाम भी किया गया है.कोड कोर और बफर जोन के गेट पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारी तैनात रहते हैं.इसके साथ ही पर्यटक जिप्सी को चेक करने के बाद ही जंगल के अंदर जाने की अनुमति दी जाती है.लेकिन 15 मार्च की इवनिंग सफारी के दौरान एक तथा कथित रिटायर्ड डिप्टी रेंजर और उसके साथियों का इनोवा वहां जंगल के अंदर बिना अनुमति के पहुंच गया.
देखिए वायरल वीडियो
मिली जानकारी के अनुसार 15.03.25 को एक सफेद इनोवा गाड़ी रजिस्ट्रेशन क्रमांक MP20BA4643 समय 4:00 बजे के आसपास पचपेड़ी बफर जोन में देखी गई जिसमें चालक तथा सेवानिवृत्त उप वनक्षेत्रपाल, उमरिया सहित चार लोग सवार थे। वीडियो वायरल होने के बाद में ने कहा कि वो पूर्व में परिक्षेत्र पनपथा बफर के खतौली सर्कल में पदस्थ थे अतः वे पचपेड़ी बफर जोन के कैंप में पदस्थ पूर्व के परिचित एक श्रमिक से मिलने गए थे।
लेकिन वायरल वीडियो कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है.वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक वाटर होल में टाइगर बैठा हुआ है.और उस टाइगर को देखने के लिए पर्यटक भी जिप्सी में बैठे हुए हैं.लेकिन जिप्सी के पीछे एक इनोवा कर खड़ी हुई है और कार में बैठे हुए लोग वाइल्डलाइफ एक्ट का खुला उल्लंघन करते हुए कार से उतर करके वाटर होल के नजदीक खड़े हुए हैं.इसके साथ ही एक बाइक भी वहां नजर आ रही है.कुल मिलाकर के जिस तरीके से गेटों में वन कर्मियों की तैनाती मुस्तैदी से की जाती है लेकिन जंगल के अंदर किस तरीके से लोग जंगल राज बना करके रखे हुए हैं यह वीडियो पूरी कहानी बयां कर रहा है.
हालांकि उक्त मामले में फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय का कहना है कि उनके संज्ञान में भी यह वीडियो आया हुआ है.वायरल वीडियो के आधार पर रिटायर्ड कर्मचारियों से जानकारी तो ली ही जा रही है उसके साथ ही इस बात का भी संज्ञान लिया गया है कि यह वहां कैसे जंगल के अंदर पहुंचगया.भविष्य में कोई ऐसी घटना दोबारा घटित ना हो.इसके लिए भी चिंता व्यक्त की गई है.जाँच के बाद कार्यवाही की बात कही जा रही है.
वायरल वीडियो को देखने के बाद में आमजन इसलिए आश्चर्यचकित है कि जो व्यक्ति बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्र में नौकरी कर चुका हो वह कैसे वाइल्डलाइफ एक्ट का खुला उल्लंघन कर सकता है.कुल मिलाकर के ऐसेकई मामले सामने आते हैं लेकिन वीडियो वायरल ना होने कारण मामले दबा दिए जाते हैं.हालांकि वायरल वीडियो पर प्रबंधन क्या कार्यवाही करता है यह चिंतनीय है.