Imd Alert MP : मध्य प्रदेश के अधिकतर जिले इन दिनों मौसम की मार झेल रहे हैं। मध्य प्रदेश के औसतन जिलों में इन दोनों टेंपरेचर 42- 43 डिग्री के ऊपर ही है। ऐसे में लगातार भीषण गर्मी की मार झेल रहे प्रदेशवासियों के लिए एक राहत भरी खबर है। रात भारी खबर उमरिया जिले वासियों के लिए भी है क्योंकि शेड्यूल संभाग के अनूपपुर और उमरिया और शहडोल जिले सहित दर्शन जिलों में मौसम विभाग के द्वारा येलो अलर्ट जारी किया गया है। जारी अलर्ट में बताया गया है कि कुछ जिलों में भारी बारिश होगी कुछ जिलों में आकाशीय बिजली का प्रकोप रहेगा तो अधिकतर जिलों में झोकेदर हवाएं चलेंगी।
सिनोष्टिक मौसमी परिस्थितियां
मानसून की उत्तरी सीमा 17.0°N/55°E, 17.5°N/60°E, 18°N/65°E, 18.5°N/70°E, मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी, सैंडहेड द्वीप, 23.5°N/89.5°E, बालुरघाट, 30°N/85°E से होकर गुज़र रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात के कुछ हिस्सों में, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ और हिस्सों में; अगले 3 दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।
एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में माध्य समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
एक ट्रफ़ पूर्वी मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल से होते हुए बांग्लादेश तक जा रही है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकते हुए माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर विस्तृत है।
एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण उत्तरी राजस्थान और निकटवर्ती क्षेत्रों में माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है।
उपरोक्त चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ्फ़ उत्तरी राजस्थान और निकटवर्ती क्षेत्रों से पश्चिमी मध्य प्रदेश तक माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर विस्तृत है।
एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण पूर्वी उत्तर प्रदेश और निकटवर्ती क्षेत्रों में माध्य समुद्र तल से 0.9 किमी की ऊंचाई
पर सक्रिय है। मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ़ के रूप में पश्चिमी विक्षोभ अपनी धुरी के साथ माध्य समुद्र तल से 5.8 किमी
ऊपर पर देशांतर 70° पूर्व से अक्षांश 26° उत्तर के उत्तर पर अवस्थित है
वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पांढुर्णा जिलों में।बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर जिलों में।
Yellow Alerts Details
भारी वर्षा/ वज्रपात / झंझावात / झोंकेदार हवाएं (50-60 किमी/घंटा)
खंडवा, बड़वानी, अलीराजपुर जिलों में।
वज्रपात / झंझावात / झोंकेदार हवाएं (50-60 किमी/घंटा)
बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खरगौन, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां जिलों में।
वज्रपात / झंझावात / झोंकेदार हवाएं (40-50 किमी/घंटा)
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, क्मोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पांढुर्णा जिलों में।
रखें यह विशेष सावधानियां
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय अधिकारियों जैसे आधिकारिक स्रोतों से मौसम के पूर्वानुमान और अलर्ट पर नज़र रखें।
परिवहन व्यवस्था सहित निकासी के तरीके के बारे में पहले से योजना बना लें।
वाहन धीरे चलाएँ और स्टीयरिंग व्हील को मजबूती से पकड़ें, पुलों और ऊँची खुली सड़कों से बचें। मचान (स्केफोल्डिंग) और निर्माण स्थलों से दूर रहें। ऊँचे या खुले इलाकों में न जाएँ।
पेड, बिजली के खंभे, अस्थायी शेड और कमजोर संरचनाओं को नुकसान पहुंचने की संभावना है। खुले खेतों और बाहरी गतिविधियों के दौरान बिजली गिरने का खतरा बना रहता है।
गरज-चमक के दौरान घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें। बिजली से सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करें। आंधी-तूफान के दौरान खुले खेतों में कार्य करने से बचे।
आपातकालीन किट में आवश्यक वस्तुएं जैसे कि जल्दी खराब न होने वाला भोजन, पानी, दवाइयां, टॉर्च, बैटरी और प्राथमिक चिकित्सा किट रखें। सुरक्षित आश्रय लें: पेड़ों के नीचे शरण न लें तथा तूफ़ान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें। पेड़ों और बिजली की तारों से दूर रहें।
कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें। इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें एवं उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं।
जानवरों को खुले पानी, तालाब या नदी से दूर रखें। रात के समय पशु को खुले स्थान पर न रखें।
पशुओं का विशेष ध्यान रखें, पशुओं को विशेष संरक्षित एवं सुरक्षित पशु शेड में रखें। सभी जानवरों को रात के दौरान विशेष रूप से संरक्षित और सुरक्षित पशु शेड में रखा जाना चाहिए।
लू से बचने के लिए प्रचुर मात्रा में पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें और मध्याह्न 12 बजे से 4 बजे तक प्रत्यक्ष सूर्यप्रकाश से बचें।
गर्मी के संपर्क से बचें, हल्के वजन के, हल्के रंग के, ढीले सूती कपड़े पहनें, अपने सिर को ढकें, कपड़े, टोपी या छाता का उपयोग करें।
नर्सरी में पौधों को बचाने के लिए उन्हें हरे जाल या किसी अन्य माध्यम से ढकें। झोंकेदार तेज हवाओं के कारण उड़ने वाला मलबा और कम दृश्यता हो सकती है, जिससे भात्रा और परिवहन प्रभावित हो सकते हैं। यदि संभव हो तो पात्रा करने से बचें।
कृषकों के लिए विशेष सलाह –
यदि मिट्टी में नमी पर्याप्त नहीं है तो ग्रीष्म खरीफ फसलों की बुवाई में देरी करें।
फसलों में गर्मी के तनाव को कम करने के लिए सुबह या शाम के समय हल्की सिंचाई करें।
लू (हीट वेव) के दौरान उर्वरक या कीटनाशक का प्रयोग न करें।
तूफान के समय फलों के पेड़ों की शाखाएं टूटने से बचाने के लिए उन्हें सहारा दें।
यदि संभव हो तो बड़े खेतों में बिजली गिरने से सुरक्षा के लिए लाइटनिंग अरेस्टर लगाएं।
पॉलीहाउस, शेड और अस्थायी ढांचों को सुरक्षित करें।
खरीफ फसलों की बुवाई के लिए उन्नत किस्मों के बीज एकत्र करें और उनका अंकुरण प्रतिशत जांचे. सोयाबीन 70%, धान 80%, मक्का 80%, अरहर 75%।