बेहतर प्रबंधनः कोर क्षेत्र में शावकों के साथ विचरण कर रहीं 7 से ज्यादा बाघिन
Bandhavgarh News : मप्र में बाघों की संख्या बढ़ रही है। खासतौर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इस समय बाघों की संख्या 200 पहुंच गई है। वर्ष 2022 की टाइगर सेंसस में यहां 135 बाघ हुआ करते थे। वर्ष 2024 की टाइगर सेंसस में बांधवगढ़ में बाघों की संख्या 165 पहुच गई.पिछली सेंसस में सबसे ज्यादा 260 बाघ के साथ उत्तराखंड का जिम कार्बेट देश में पहले नंबर पर था। जानकार संभावना जताते हैं कि अगली टाइगर सेंसस में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में देश के टॉप 3 में शामिल हो सकता है।
कोर क्षेत्र में 7 से ज्यादा बाघिन शावकों के साथ विचरण कर रही हैं। यही स्थिति बफर में भी है। उप संचालक पीके वर्मा ने बताया कि मैदानी अमले के अनुसार बीते कुछ महीनों में कोर-बफर क्षेत्रों में कई टाइग्रेस ने शावकों को जन्म दिया है। इससे संख्या 200 के आसपास पहुंची है।
बाघों को मिला पोषण तो बढ़ी उनकी संख्या
बांधवगढ़ में बाघों की वृद्धि का श्रेय उत्तम प्रबंधन, वन और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशील ग्रामीणों एवं विभागीय अमले को जाता है। वर्षों पहले वन्य जीवों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की पहल की थी। इनमें हिरण, चीतल, सांभर जैसे जानवरों का संरक्षण और उनके लिए भोजन की स्थाई व्यवस्था शामिल है। इस दौरान घास के कई मैदान विकसित किए गए। शाकाहारी जानवरों की उपलब्धता से बाघों को पर्याप्त पोषण मिला।
देश के प्रमुख 5 टाइगर रिजर्व में बाध संख्या
- जिम कार्बेट, उत्तराखंड – 260
- बांदीपुर, कर्नाटक – 173
- नागरहौल कर्नाटक – 164
- मुदुमलाई कर्नाटक – 162
- काजीरंगा, असम – 135
(स्त्रोत – टाइगर सेंसस 2022)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1,536 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 716 वर्ग किमी कोर जोन और 820 वर्ग किमी बफर जोन शामिल है। यहां घास के मैदान तैयार करने से हिरण, चीतल, सांभर जैसे शाकाहारी वन्यप्राणियों की तादाद में अच्छी वृद्धि हुई है। ये शाकाहारी प्राणी बाघ जैसे मांसाहारी जानवरों के पसंदीदा आहार हैं। इससे बाघों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि हो रही है।
डॉ. अनुपम सहाय, संचालक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व