Umaria Congress News : देश भर में चलाए जा रहे कांग्रेस नव सृजन अभियान के तहत उमरिया जिले में भी सृजन अभियान के केन्द्रीय पर्यवेक्षक, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं झारखंड सरकार समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर का एक दौरा जिले में वैसे तो पूरा हो चुका है लेकिन अब इनका दो दिवसीय दौरा पुनः प्रस्तावित हुआ है।
जारी हुआ ये कार्यक्रम
अब केंद्रीय ऑब्जर्वर राजेश ठाकुर 26 और 27 जून के दो दिवसीय दौरे पर उमरिया आ रहे है।कल 26 जून से दो दिनो तक जिले मे पार्टी की मैराथन बैठकें लेंगे। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय सिंह ने बताया कि राजेश ठाकुर 25 जून को देर रात उमरिया पहुंच कर रात्रि विश्राम करेंगे। 26 जून को सुबह 10.30 बजे वे जिले के मानपुर विस क्षेत्र के कांग्रेसजनो से मुलाकात करेंगे। 10.30 बजे से उनकी भेंट बांधवगढ़ विस क्षेत्र के कांग्रेसजनो से होगी। अपरान्ह 02.30 से 3.30 बजे तक का समय सुरक्षित रखा गया है। दूसरे सत्र मे अपरान्ह 3.30 से उनकी बैठक जिला महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवा दल, अल्पसंख्यक, एससी, एसटी, ओबीसी एवं अन्य विभागों के सांथ होगी।
दूसरी बार हो रहा है दौरा
कांग्रेस अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि 27 जून को पर्यवेक्षक राजेश ठाकुर सुबह 10.30 बजे सामाजिक संगठनो से मिलेंगे तथा 11.30 बजे व्यवसायिक संगठनो की बैठक लेंगे। दोपहर 12.30 बजे वे पत्रकारों से चर्चा उपरांत 1.30 बजे जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे। अपरान्ह 02.30 से 3.30 बजे तक का समय सुरक्षित रहेगा। गौरतलब है कि कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के एआईसीसी आब्जर्वर राजेश ठाकुर दूसरी बार जिले के दौरे पर आ रहे हैं। इससे पूर्व बीते 14 जून को उनका उमरिया आगमन हुआ था। इस दौरान उनके द्वारा लगातार 5 दिनो तक जिले से ब्लाक, मंडलम, सेक्टर तथा बूथ स्तर पर जाकर पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं से सघन चर्चा की गई थी।
पैनल में जाएगें अधिकतम 6 नाम
कांग्रेस के नए जिला अध्यक्षों के लिए गाइडलाइन जारी हो चुकी है बताया जा रहा है कि ऑब्जर्वर पैनल में 6 से ज्यादा नाम उमरिया जिले से नहीं भेज पाएंगे। उमरिया से जो 6 नाम जाने वाले हैं उन्हें नाम में से एक नाम में पर चर्चा होगी।
उमरिया से कौन प्रबल दावेदार
उमरिया जिले में कांग्रेस का नया जिला अध्यक्ष कौन बनेगा इसकी चर्चा अब काफी तेज हो चुकी है। हालांकि जितने भी दावेदार हैं वह अपने भोपाल कनेक्शन और दिल्ली कनेक्शन में अपने नाम पर मुहर लगाने के लिए जुटे हुए है। हालांकि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है की उमरिया के जितने दावेदार हैं और जो भोपाल और दिल्ली जी नेताओं के पास अपनी लॉबिंग कर रहे हैं, उन सभी नेताओं के जिलों में भी कांग्रेस नव सृजन अभियान के तहत नए जिला अध्यक्षों की तलाश में जुटी हुई है। ऐसे में वे नेता अपने क्षेत्र के गुणा भाग को छोड़कर उमरिया जिले किसी भी दावेदार के लिए कितनी ताकत से पहल कर पाएंगे यह कह पाना बड़ा कठिन है।
कौन है वो टॉप 6 नाम
कांग्रेस से नव सृजन अभियान के तहत जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ रहा है यह कह पाना काफी कठिन है कि वो कौन से मजबूत 6 नाम है जो पैनल में शामिल होंगे।हालांकि राजनैतिक जानकारों का मानना है कि वतर्मान जिलाध्यक्ष अजय सिंह को दोबारा जिले की कमान सौंपी जा सकती है।लेकिन यदि इसमें फेरबदल हुआ तो फिर कांग्रेस नेता त्रिभुवन सिंह का नाम काफी मजबूत माना जा रहा है। इनके साथ-साथ कांग्रेस नेता एवं अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पुष्पराज सिंह को की लगातार जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष के रूप में 8वीं बार जीत हासिल किए है इनका नाम भी कांग्रेस के एक बड़े धड़े के द्वारा लिया जा रहा है। विपक्ष की राजनीति करने के लिए ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष जिला मुख्यालय का ही ज्यादा उपयुक्त रहेगा ऐसे में पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा का नाम भी दावेदारों की सूची में अहम जगह पर है। मानपुर क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओपी द्विवेदी और करकेली क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य ओंकार सिंह का नाम की भी दावेदारी सामने आई है।ऐसे में फायरब्रांड नेता जीतू पटवारी की टीम का उमरिया जिले का सेनापति कौन होगा यह प्रश्न जब एक कांग्रेस नेता से पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर इस विषय को काफी उलझा दिया कि दावेदारी तो 40 से 50 से भी ज्यादा कांग्रेस नेताओं के द्वारा की गई है….. ऐसे में घोषणा पूर्व किसी एक नाम पर बने रहना बना कठिन है.हो सकता है की दिल्ली से आई सूची जब सोशल मीडिया में गोते लगाती हुई उमरिया पहुचें तो वह नाम कांग्रेस सहित जिलेवासियो के लिए चौकाने वाला नाम हो …..
पाली में उठा था नगरीय निकाय चुनाव के दौरान का विषय
हालांकि जब कांग्रेस के केन्द्रीय ऑब्जर्वर पहले दौर में उमरिया पहुंची हुए थे। तो छुटपुट विवादों को छोड़ दिया जाए तो जिले का दौरा बाद ही शांतिपूर्ण तरीके से हुआ था। सिर्फ पाली में कुछ नेताओं के द्वारा नगरीय निकाय चुनाव के दौरान उनके बैनर को उतारे जाने की शिकायत की गई थी। शिकायत में कहां गया था कि जो जिम्मेदार हैं जिन्हें ब्लॉक की कमान दी गई थी उन नेताओं ने ही हमारे बैनर अपने परिसर से उतार दिए थे। यह बात तब सामने आई थी जब कांग्रेस ऑब्जर्वर पाली ब्लॉक की बैठक ले रहे थे। हालांकि जिले के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा उन नेताओं को समझा बुझा कर उन्हें संतुष्ट कर दिया गया था।