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Tata Motors बेंगलुरु में सप्लाई कर सकती है 921 इलेक्ट्रिक बसें, सिंगल चार्ज में 200 किलोमीटर तक होगी रेंज

टाटा मोटर्स (Tata Motors) 921 इलेक्ट्रिक बसो  को बनाकर बेंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (BMTC) को सप्लाई करेगी। इसके लिए कंपनी 12 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसों का निर्माण और सप्लाई करेगी। 12 साल तक इन बसों की सप्लाई, संचालन और रखरखाव ...

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Sanjay Vishwakarma

टाटा मोटर्स (Tata Motors) 921 इलेक्ट्रिक बसो  को बनाकर बेंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (BMTC) को सप्लाई करेगी। इसके लिए कंपनी 12 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसों का निर्माण और सप्लाई करेगी। 12 साल तक इन बसों की सप्लाई, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी भी कंपनी की होगी। जिसके अंतर्गत सप्लाई, ऑपरेशन भी शामिल होगा। यानि कि बसों को सप्लाई करने के साथ ही इनके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी टाटा मोटर्स की ही होगी।Tata Motors बेंगलुरु में सप्लाई कर सकती है 921 इलेक्ट्रिक बसें, सिंगल चार्ज में 200 किलोमीटर तक होगी रेंज

बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) ने कंपनी की सहायक कंपनी TML स्मार्ट सिटी मोबिलिटी सॉल्यूशंस के साथ एक एग्रीमेंट किया है। एक मीडिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अंतर्गत कंपनी निगम को 921 इलेक्ट्रिक बसों की उपलब्ध करवाएगी । ये बसें Tata के Tata Starbus EV मॉडल पर आधारित होंगी। इसमें एसी के साथ-साथ नॉन एसी और दूसरे वर्जन भी शामिल होंगे। नॉन एसी बसों की रेंज 200 किमी बताई गई है। यह एक बार चार्ज करने पर 200 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम होगी। इसके साथ ही इसकी टॉप स्पीड 65 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है।

कंपनी फास्ट चार्जिंग तकनीक का इस्तेमाल करके नॉन एसी बसों को 2 से 3 घंटो में फूल चार्ज कर पाएगी। BMTC को मिलने वाली ये इलेक्ट्रिक बसें टाटा स्टारबस EV रेंज का हिस्सा होंगी। इसके अलावा कंपनी को पश्चिम बंगाल परिवहन निगम को 1800 इलेक्ट्रिक बसों का कॉन्ट्रेक्ट मिला है। और, दिल्ली परिवहन निगम से 1500 इलेक्ट्रिक बसों का कॉन्ट्रेक्ट मिला है।

टाटा कंपनी के अनुसार अब तक टाटा मोटर्स ने भारत के कई शहरों में 750 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की सप्लाई की है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में वैसे भी प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा है इसलिए प्रदेश की सरकारें जल्द से जल्द इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। इसमें बसों और अन्य वाहनों जैसे सार्वजनिक परिवहन के साधन भी शामिल हैं। जबकि इलेक्ट्रिक वाहन प्रति किलोमीटर कम लागत पर चलते हैं, वे प्रदूषण के स्तर को कम करने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।

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