CMO नौरोजाबाद पर न्यायालय ने दिए FIR के आदेश जानिए क्या है पूरा मामला
उमरिया जिले के नौरोजाबाद नगर परिषद में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत नौरोजाबाद ज्योति सिंह आयु 35 वर्ष पति एस के सिंह पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अनूपपुर जिला अनूपपुर के द्वारा IPC की धारा 500 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करने के आदेश जारी किए हैं।
कौन हैं परिवादी
कोर्ट से मिली सत्यापित प्रतिलिपि के आधार पर प्रवीण कुमार सिंह आयु 54 वर्ष पिता नरेंद्र सिंह निवासी वार्ड क्रमांक 11 अनूपपुर एवं अनिल कुमार पटेल आयु 48 वर्ष पिता भारत पटेल निवासी वार्ड नंबर 9 अनूपपुर के द्वारा दायर परिवाद के आधार पर यह निर्णय दिया गया है।
क्या हैं पूरा मामला
उक्त दोनों व्यक्ति नगर पालिका अनूपपुर में पार्षद हैं। घटना 22 नवंबर 2022 की बताई जा रही है जब अनूपपुर नगर पालिका परिषद में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के रूप में ज्योति सिंह पदस्थ थीं। प्रेसिडेंट इन काउंसलिंग की बैठक में दोनों पार्षदों और मुख्य नगर पालिका अधिकारी के बीच कहां सुनी हो गई थी। आदेश में बताया गया है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह के द्वारा प्रमुख सचिव नगरी विकास एवं आवास मंत्रालय भोपाल मध्य प्रदेश को दोनों पार्षदों के विरुद्ध कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी। और बैठक के दौरान विभिन्न बिंदुओं को लेकर के खुद के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप दोनों पार्षदों पर सीएमओ के द्वारा लगाया गया था। साथ ही उक्त आशय का समाचार विभिन्न अखबारों में भी प्रकाशित कराया गया था।
आरोप निकले थे निराधार
कलेक्टर के द्वारा जब उक्त मामले की जांच जांच टीम के माध्यम से कराई गई तो पाया गया था कि दोनों पार्षदों के द्वारा कोई भी ऐसा आचरण नहीं किया गया है। जांच रिपोर्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद दोनों पार्षदों ने कोर्ट की शरण ले ली थी। इसी मामले को लेकर के कोर्ट के द्वारा आईपीसी की धारा 500 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाने हेतु आदेश किया गया है।
नौरोजाबाद में भी सत्तापक्ष और विपक्ष के पार्षदों में दिया थाने में आवेदन
नौरोजाबाद नगर परिषद के पार्षद रामप्यारी रौतेल, इशरत जहां, दीपा प्रजापति, सती लाल बैगा और नगर परिषद उपाध्यक्ष नईम बेग के द्वारा नौरोजाबाद थाने में जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर गालीगलौज करने की सूचना दर्ज कराई गई है।हालांकि इस मामले में अभी कोई भी FIR थाने में नहीं हुई है।
पुलिस अभिरक्षा में सम्पन्न हुआ विशेष सम्मेलन
नगर परिषद नौरोजाबाद का यह कार्यकाल विवादों की भेंट चढ़ता हुआ नजर आ रहा है। सड़क और नालियों को छोड़ दें तो नगर की सुंदरता और नगर के विकास में ऐसी कोई बड़े काम नहीं हुए हैं जो गिनाए जा सके। विपक्ष की पार्षदों का विरोध करना एक आम बात मानी जाती है लेकिन जब सत्ता पक्ष के पार्षद और उपाध्यक्ष ही मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरोध में खड़े हो जाएं और बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाए तो विषय में चर्चा होना स्वाभाविक है। लेकिन नगर परिषद नौरोजाबाद का विशेष सम्मेलन उस वक्त चर्चित हो गया जब सम्मेलन अति संवेदनशील हो गया और उक्त सम्मेलन को दो महिला और दो पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी में संपन्न कराया गया। बैठक के दौरान पार्षदों के द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर बड़े गंभीर आर्थिक आरोप लगाए गए हैं।
इंजीनियर भी नेपथ्य में
विश्वत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद नौरोजाबाद में जनता के द्वारा चुनकर भेजे गए पार्षद भर अपने आप को ठगा महसूस नहीं कर रहे हैं बल्कि इंजीनियर साहब के साथ किए गए कसमे वादे भी पूरे नही हुए तो उन्होंने भी विरोध का राग छेड़ दिया है। इंजीनियर साहब ने विरोध कलम बंद हड़ताल स्टाइल में किया है। लेकिन साहब विरोध ठाने रह गए वहीं खरीदी की फाइलों को दो अस्थाई कर्मचारी सत्यापन करके इंजीनियर साहब को ठेंगा भी दिख रहे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा भले ही लाख दावे किए जाएं की भ्रष्टाचार मुक्त सरकार नगर और क्षेत्र के विकास में जुटी हुई है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। अगर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कलेक्टर उमरिया या कमिश्नर के द्वारा कराई जाएगी तो एक बड़े संगठित भ्रष्टाचार की कलई खुलने में देर नहीं लगेगी।
हालांकि मुख्य नगर पालिका अधिकारी नौरोजाबाद पर लगे आरोपों के मामले में और कोर्ट के आदेश पर उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिस की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया