दो दिलीप कुमारों की कहानी… जिन्होंने बदल लिए थे अपने नाम
नाम बदलने का ट्रेंड आज का नहीं कल की परसों पुराना है.लेकिन इन नाम को बदलने के पीछे कोई धार्मिक कारण कहना बिल्कुल बेमानी ही होगा.आज पूरे देश में नाम और पहचान छुपाने के लिए करके बड़ी बहस छिड़ी हुई है.इसी बीच हम आपके लिए बॉलीवुड के कुछ महान कलाकारों की जानकारी ले करके आए हैं जिन्हें भी अपने नाम बदलकर किए शोहरत हासिल की है.लेकिन यह नाम बदलने के बाद भी उन्होंने कभी अपना धर्म नहीं बदला और अपने ओरिजिनल नाम को कभी नहीं छुपाया.
दो दिलीप कुमारों की कहानी… जिन्होंने बदल लिए थे अपने नाम
एक ए एस दिलीप कुमार से ए आर रहमान बना तो दूजा मोहम्मद यूसुफ़ ख़ान से दिलीप कुमार…दोनों की पत्नियों का नाम सायरा बानू हैं…
एक्टर दिलीप कुमार साहब के व्यक्तित्व और कृतित्व की जगह उनके असली नाम मोहम्मद यूसुफ़ ख़ान की बहस में उलझना मेरे हिसाब से बेमानी है…
पहली बात दिलीप कुमार अकेले नहीं जिनका असली नाम बदल कर नया स्क्रीन नाम दिया गया…बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी ने जब उन्हें 1944 में ‘ज्वार भाटा’ में ब्रेक दिया तो तीन स्क्रीन नाम सुझाए… जहांगीर, वासुदेव, दिलीप कुमार… यूसुफ़ ख़ान को दिलीप कुमार नाम सबसे कम पसंद था…लेकिन देविका रानी ने एक नहीं सुनी, दिलीप कुमार ही नाम रखा…
जिन और मुस्लिम कलाकारों के नाम बदले गए उनमें मीना कुमारी (महजबीं बानो), मधुबाला (मुमताज जहां देहलवी), अजीत (हमीद अली ख़ान), जयंत (ज़कारिया ख़ान), संजय (अब्बास अली ख़ान), जॉनी वॉकर (बदरूद्दीन जमालुद्दीन क़ाज़ी), जगदीप (सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी) और रीना रॉय (सायरा अली) शामिल हैं…
स्क्रीन नेम की सूटेबिलिटी के हिसाब से देव आनंद (धर्मदेव पिशोरीमल आनंद), राज कुमार (कुलभूषण पंडित), मनोज कुमार (हरिकृष्ण गोस्वामी), धर्मेंद्र (धर्म सिंह देओल), जीतेंद्र (रवि कपूर), राजेश खन्ना (जतिन खन्ना), संजीव कुमार (हरिहर जेठालाल जरीवाला), शक्ति कपूर (सुनील सिकंदर लाल कपूर), सनी देओल (अजय सिंह देओल), बॉबी देओल (विजय सिंह देओल), अक्षय कुमार (राजीव हरिओम भाटिया), अजय देवगन (विशाल वीरू देवगन) ने भी नाम बदल कर फिल्मों में काम किया…
दो दिलीप कुमारों की कहानी… जिन्होंने बदल लिए थे अपने नाम
दिलीप कुमार के बारे में कोई अज्ञानी ही होगा जिन्हें उनके असली नाम और धर्म के बारे में पता न हो…स्क्रीन नाम अलग रखने से पहचान छुपाने का सवाल ही कहां उठता है…
यूसुफ़ ख़ान ने तो स्क्रीन नेम दिलीप कुमार रखा लेकिन ए एस दिलीप कुमार ने तो रीयल लाइफ़ में धर्म बदला और अपना नाम ए आर रहमान कर लिया…धर्म बदलना रहमान का निजी फ़ैसला था…लेकिन हमें कभी उन्हें इस नज़रिए से नहीं बल्कि उनके काम से देखना चाहिए…रहमान ने 2009 में स्लमडॉग मिलिनेयर से बेस्ट ओरिजनल स्कोर और ‘जय हो’ (बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग) से दो-दो ऑस्कर अवार्ड जीत तिरंगे का मान पूरी दुनिया में बढ़ाया…
मरहूम शेक्सपियर चचा सही कह गए- ग़र गुलाब का नाम कुछ और होता तो क्या उसकी ख़ुशबू कम हो जाती…वो वैसे ही तब भी दुनिया को महकाता…