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इंश्योरेंस पॉलिसी सरेंडर करना पड़ सकता है महंगा आया IRDAI  का यह बड़ा फैसला

इंश्योरेंस पॉलिसी को तय समय से पहले सरेंडर करने की अगर आप सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बड़ी महत्वपूर्ण है.दरअसल इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI ) के द्वारा हाल ही में किए गए एक फैसले से यह बात सामने आई है कि अब समय से पहले पॉलिसी होल्डर अगर अपनी पॉलिसी को सरेंडर करते हैं तो उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है,.दरअसलइरडा ने दिसंबर 2023 में एक ड्राफ्ट को पेस्ट किया थाइस ड्राफ्ट मेंबताया गया था की तय समय सीमा से पहले पॉलिसी जो सरेंडर करेंगे उनके चार्ज को कुछ काम किया जाएगा, लेकिन इस प्रस्ताव का लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के द्वारा बड़ा विरोध किया गया. 

उसके बाद निर्णय लिया गया कि जो ट्रेडिशनल इंश्योरेंस प्लान चल रहे हैं उन पॉलिसीयों को अगर सरेंडर किया जाएगा तो वही पुराने चार्ज उन पर अप्लाई होंगे

2 साल तक प्रीमियम चुकाने पर पॉलिसी सरेंडर करने का अधिकार

IRDAI  के अनुसार अभी पॉलिसी होल्डर जो 2 साल तक अपना प्रीमियम जमा कर देते हैं उन्हें अगर बीच में ही पैसे की जरूरत पड़ती है तभी पॉलिसी को सेंडर कर देते हैं.लेकिन 2 साल तक पैसे जमा करने के बाद में पॉलिसी होल्डर को मात्र जमा धन का 30% पैसा ही वापस मिल पाता है.अगर IRDAI  का प्रस्ताव मंजूर हो गया होता तो जो लोग पॉलिसी करवाते हैं उन्हें सेंडर राशि 175 फ़ीसदी बढ़कर मिलती.साथ ही अगर पॉलिसी आर्डर अपने वो बीमा को 5 साल चलने के बाद में सरेंडर करते हो बीमा धारक को जमा  धन का 50 फ़ीसदी पैसा वापस मिल जाता.

IRDAI के बोर्ड की 19 मार्च की बैठक में फैसला

आपको बता दें किआईआरडीए के द्वाराजो ड्राफ्ट पेश किया गया थाउसमें बताया गया था किअगर बीमा धारकअपना प्लान 5 साल तक चलता हैमतलब अगर 5 साल तक पैसे जमा करता हैऔर 5 साल के बाद अगर वह पॉलिसी को सरेंडर करना चाहेतो उसे जमा धन का 175 फीस दी पैसा वापस मिल जाएगा 

IRDAI  के फैसले का बीमा कंपनियों ने जताया था विरोध 

आईआरडीईए कि फैसले को अगर लागू कर दिया जातातो बीमा कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता.बीमा कंपनियों ने दलील दी कि अगर यह चार्ज घटा दिया जाएगातो उन्हें ऐसेट लायबिलिटी में संतुलन पैदा करने में काफी समस्या होगी. हालांकि इस फैसले के बाद सेग्राहकों कोवही चार्ज देने का आदेश जारी कर दिया गया हैइसके साथ ही बीमा कंपनियों को अब राहत मिल गई है.

5 सालों में सरेंडर हो जाती है ज्यादातर इंश्योरेंस पॉलिसी

IRDAI द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि भारत में अधिकतर इंश्योरेंस प्लान 5 साल तक में दम तोड़ देते हैं.अधिकतर इंश्योरेंस प्लान को लेने वाले बीमा धारक 5 साल से ज्यादा इंश्योरेंस को नहीं चला पाते हैं और 5 साल के अंदर ही पॉलिसी सरेंडर हो जाती है.इसका सबसे बड़ा कारण बताया गया है कि इंश्योरेंस एजेंट इंश्योरेंस प्लान बेचते समय ग्राहक को जब सही जानकारी नहीं देते हैं तब ग्राहक जब उसे पता चलता है कि वह फस चुका है ऐसे में वह आगे का प्रीमियम जमा करने की इच्छा जाहिर फिर नहीं करता.

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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