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Term Life Insurance : रिटर्न आफ प्रीमियम का टर्म है घाटे का सौदा जानिए नफा नुकसान का पूरा गणित

Term Life Insurance : हमारे देश में बीमा कंपनियां जिन तरीकों से काम करती हैं उनमें से अक्सर तरीका यह होते हैं कि ग्राहक को पैसा गारंटी का आकार भरोसा मिल जाए तो ग्राहक बीमा करवा लेता है। साफ तौर ...

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Sanjay Vishwakarma

Term Life Insurance : रिटर्न आफ प्रीमियम का टर्म है घाटे का सौदा जानिए नफा नुकसान का पूरा गणित

Term Life Insurance : हमारे देश में बीमा कंपनियां जिन तरीकों से काम करती हैं उनमें से अक्सर तरीका यह होते हैं कि ग्राहक को पैसा गारंटी का आकार भरोसा मिल जाए तो ग्राहक बीमा करवा लेता है। साफ तौर पर हमारे देश में एंडोमेंट प्लान काफी प्रचलित और ज्यादा बिकने वाले इंश्योरेंस प्लान में से एक हैं। लेकिन जैसे-जैसे लोगों के बीच में इंश्योरेंस को लेकर के जागरूकता फैल रही है वैसे-वैसे लोग अब Term Life Insurance  को लेकर के भी काफी पॉजिटिव हो चुके हैं। टर्म लाइफ इंश्योरेंस को लेकर के कई इंश्योरेंस कंपनियां ऐसे प्लान भेजते हैं जिसमें return of premium का ऑप्शन भी होता है। आज हम देखेंगे कि रिटर्न ऑफ़ प्रीमियम का ऑप्शन वाले टर्म प्लान आपके लिए कितने फायदेमंद है

नार्मल टर्म प्लान से कैसे अलग है रिटर्न ऑफ़ प्रीमियम वाला बीमा प्लान 

टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लेन एंडोमेंट प्लान से अलग होते हैं इसमें आपको सिर्फ विशुद्ध बीमा मिलता है और पैसा वापसी की कोई गारंटी नहीं होती है। लेकिन इन दिनों का इंश्योरेंस कंपनियां कुछ ऐसे प्लान भेजते हैं टर्म लाइफ इंश्योरेंस के नाम पर जिम रिटर्न आफ प्रीमियम का ऑप्शन भी होता है। इसका तात्पर्य हुआ कि अगर इंश्योरेंस टर्म के दौरान बीमा धारा को कोई दुर्घटना या उसकी मौत नहीं हुई तो जो भी प्रिया हुआ है इंश्योरेंस कंपनी में जमा करता है वह उसे पूरा का पूरा वापस मिल जाता है। लेकिन एक बात गौर करने वाली है कि जो नॉर्मल टTerm Life Insurance प्लान है उनके प्रीमियम की अपेक्षा रिटर्न आप प्रीमियम वाले टर्म लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम ज्यादा होते हैं। यही सबसे बड़ा कारण है कि इस प्लान को नहीं चुनना चाहिए।

आईए देखते हैं नफे नुकसान का गणित

आई इस नफे नुकसान की गणित को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं मान लेते हैं कि किसी इंश्योरेंस प्लान देने वाले शख्स की उम्र 30 साल का है और वह 30 साल के लिए एक करोड़ का टर्म लाइफ इंश्योरेंस कर लेना चाहता है। किसी इंश्योरेंस कंपनी के वेबसाइट पर वह जब वह प्रीमियम चेक करता है तो नॉर्मल टर्म प्लान में उसे ईयरली प्रीमियम के रूप में 18934 रुपए देने पड़ते हैं। लेकिन यदि वह इस रिटर्न ना प्रीमियम वाले टर्म के साथ में इसे लेना चाहता है तो इसके लिए उसे 47712 रुपए चुकाने होंगे। गौर करने वाली बात यह है कि इन दोनों के बीच में 28778 का बड़ा अंतर है। बात करें तो यह नॉर्मल टर्म प्लान की प्रीमियम की अपेक्षा लगभग डेढ़ गुना ज्यादा है। दोनों में से कोई भी प्लान ले हाथ से होने पर एक करोड़ का कर दोनों में ही मिलेगा। नॉर्मल टर्म प्लान में आपको सिर्फ जोखिम की राशि मिलेगी जबकि टर्म रिटर्न आफ प्रीमियम वाले प्लान में आपको इसका पूरा प्रीमियम वापस हो जाएगा। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इसमें कोई ब्याज आपको नहीं मिलेगा।

एक छोटे से उदाहरण से आप समझ सकते हैं कि आपने जो रिटर्न आफ प्रीमियम वाले ऑप्शन में जो ज्यादा पैसा दिया है अगर आप उसे 30 साल के लिए कहीं इन्वेस्टमेंट करेंगे उतने ही पैसे को तो उसकी ब्याज की रकम कहीं ज्यादा होगी और आपको एक बेस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन मिल सकता है। इसी छोटे अंदर के माध्यम से आप समझ सकते हैं कि रिटर्न आफ प्रीमियम वाला टर्म इंश्योरेंस नॉर्मल टर्म इंश्योरेंस की अपेक्षा काफी महंगा पड़ता है और उसे लेना आपके लिए फायदेमंद नहीं है।

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