लाइफ स्टाइल

Chagal Water Bag : छागल किस किस ने पिया इसका पानी ??

ये मोटे कैनवास से बना हुआ एक तरफ खुले मुंह वाला बैग है. इसे स्थानीय मारवाड़ी में दिवड़ी या मसक कहते हैं. इसका एक मालवी  नाम छागल भी है। इसमें पानी भर के इसे कहीं भी खुली जगह पर छाया में टांग दिया जाता था। अंदर भरे पानी से इसमे नमी बनी रहती और बाहर चलने वाली गर्म लू से इसे ठंडक मिलती है। इस कारण इसके अंदर भरा पानी बहुत ठंडा रहता था।

           10 -20 साल पहले तक यात्रा के समान में इसका खास महत्व हुआ करता था। इसे ट्रेन की खिड़की में बाहर की तरफ टांग दिया जाता था ताकि हवा से पानी शीतल बना रहे। ट्रक चालक इसे हमेशा अपने साथ रखते थे। सामान्यतः ये दिवड़ी ट्रक के आगे कार्बोरेटर पर टांगी जाती थी जो कार्बोरेटर को ठंडा करने का दोहरा काम भी करती थी। आप में से भी कुछ ने इसके पानी का स्वाद जरुर लिया होगा।

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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