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सीधी के बाद सिंगरौली वाले इस शख्स ने कर दिया पेशाब कांड लेकिन 6000 में हो गया मामला रफा दफा

हैदराबाद से अपने गृहनगर सिंगरौली जा रहे एक शख्स को प्लेटफॉर्म पर वंदे भारत ट्रेन खड़ी मिली. उसे टॉयलेट जाना था, इसलिए उसने सोचा क्यों न वंदे भारत में चढ़ कर निपट लिया जाए और वह चढ़ गया लेकिन जब  जब वो टॉयलेट करके बाहर आया तब तक ट्रेन चल चुकी थी.

वन्दे भारत ट्रेन अन्य ट्रेनों की अपेक्षा ज्यादा सुविधाजनक होने के साथ साथ फ़ास्ट सर्विस भी है क्योकि सामान्य सुपरफास्ट एक्सप्रेस पहले हॉर्न देती है और फिर धीरे धीरे स्टेशन को छोडती है चलती ट्रेन में भी लोग चढ़ते हुए मिल जाते है लेकिन वन्दे भारत ट्रेन में ऐसा नही है,ट्रेन चलने से पहले पूरे दरवाजे खुद ब खुद बंद हो जाते है और इसका कण्ट्रोल ड्राईवर के पास रहता है,ईसी जानकरी के अभाव में एक शख्स को 6000 का चूना लग गया.

प्लेटफार्म में खड़ी देख चढ़ गया ट्रेन में

जब भी अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे लोगों को यूरीन पास करने की जरूरत महसूस होती है तो वो प्लेटफार्म में खड़ी ट्रेनों में जाना पसंद करते है,अमूमन कभी आपने भी ऐसा किया होगा लेकिन एक शक्श को यह भारी पड़गया दरअसल, हैदराबाद से अपने गृहनगर सिंगरौली जा रहा एक शख्स को वंदे भारत ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर खड़ी मिली . उन्हें टॉयलेट जाना था, इसलिए वे वंदे भारत पर चढ़ गए. टॉयलेट करने के बाद जब वह बाहर निकले तो दंग रह गए। क्योंकि वंदे भारत के दरवाजे बंद थे और ट्रेन चल चुकी थी.

पत्नी और बेटे छूट गए स्टेशन में

अब्दुल कादिर नाम का यह शख्स अपने परिवार के साथ मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित अपने गांव जा रहा था। अब्दुल अपनी पत्नी और 8 साल के बेटे के साथ हैदराबाद में रहता है, जहाँ वह ड्राई फ्रूट की दुकान चलाता है। उनकी हैदराबाद में ड्राई फ्रूट की दुकान भी है। परिवार हैदराबाद से भोपाल के लिए रवाना हुआ. 15 जुलाई की शाम को अब्दुल अपने परिवार के साथ भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहां से उसे सिंगरौली के लिए दूसरी ट्रेन पकड़नी थी.

टॉयलेट करने के लिए वंदे भारत में चढ़ा सिंगरौली निवासी शख्स

वह प्लेटफार्म पर खड़ा होकर अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहा था। लेकिन तभी उन्हें टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस हुई. उन्होंने कहीं और जाने की बजाय प्लेटफॉर्म पर खड़ी वंदे भारत ट्रेन के टॉयलेट में जाना बेहतर समझा. यही सोचकर वह अपने परिवार को प्लेटफॉर्म पर छोड़कर वंदे भारत ट्रेन में सवार हो गए. लेकिन जैसे ही अब्दुल शौचालय से वापस आया तो उसने देखा कि ट्रेन के दरवाजे बंद थे और ट्रेन चल पड़ी थी.

6 हजार का लगा गया चूना

इसके बाद अब्दुल वंदे ने टीटी और भारत की विभिन्न बोगियों में मौजूद 4 पुलिसकर्मियों से संपर्क किया और मदद की गुहार लगाई. लेकिन उन्होंने कहा कि ट्रेन के दरवाजे सिर्फ ड्राइवर ही खोल सकता है. अब्दुल ने ट्रेन ड्राइवर के पास जाने की भी कोशिश की, लेकिन उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई। अंत में, अब्दुल से रु। का शुल्क लिया गया। 1,020 रुपये जुर्माना भरना पड़ा. इतना ही नहीं, भोपाल वापस जाने के लिए उन्होंने उज्जैन से 750 रुपए में बस ली। फिर भोपाल से सिंगरौली तक दक्षिण एक्सप्रेस ट्रेन में बुक किया गया टिकट भी कैंसिल करना पड़ा. वंदे भारत ट्रेन में पेशाब करने की गलती करने पर अब्दुल पर 6000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था.

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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