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गोंडवाना एक्सप्रेस में हुआ बच्चे का जन्म नाम रख दिया ‘विदिशा’

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गोंडवाना एक्सप्रेस में हुआ बच्चे का जन्म नाम रख दिया ‘विदिशा’
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निजामुद्दीन से जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ जा रहे एक परिवार के साथ मौजूद प्रसूता का चलती ट्रेन में प्रसव हुआ। विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहले से सूचना देने के बावजूद एंबुलेंस नहीं मिल सकी। करीब एक घंटे बाद आरपीएफ की मदद से ऑटो के जरिए प्रसूता और उसके परिवार को जिला अस्पताल भेजा गया। 

फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। परिवार ने नवजात का नाम विदिशा रखा हैं। जानकारी के अनुसार गोंडवाना एक्सप्रेस से राजकुमार चौहान अपनी प्रसूता पत्नी सुमन वाई और दो बच्चियों के साथ छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के लिए रवाना हुए थे। बीना रेलवे स्टेशन निकालने के बाद उनकी गर्भवती पत्नी सुमन को प्रसाव पीड़ा हुई। गंजबासौदा आते-आते उन्होंने बच्चे को जन्म दिया। 

इस दौरान ट्रेन में मौजूद महिलाओं और रेलवे स्टाफ ने उनकी मदद की। प्रसव होने के बाद विदिशा रेलवे स्टेशन पर इस बात की सूचना दी गई। साथ ही एंबुलेंस की व्यवस्था करने के संबंध में बताया गया। जैसे ही गोंडवाना एक्सप्रेस विदिशा रेलवे स्टेशन पर देर रात 12.30 बजे के लगभग पहुंची तो वहां एंबुलेंस नहीं थी। 

आरपीएफ और अपडाऊनर एशोसिएशन के सदस्य और कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता अरुण अवस्थी और उनके साथियों की मदद से विदिशा रेलवे स्टेशन पर उतरा गया। करीब एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया गया। लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। तब उन्हें ऑटो के जरिए विदिशा जिला अस्पताल भेजा गया। 

जहां सुमन और उनके नवजात बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। राजकुमार ने बताया कि वह मूल रूप से छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा के निवासी हैं। दिल्ली में रहकर काम करके गुजर-बसर करते थे। उनकी एक पांच साल और ढाई साल की बेटियां है। तीसरी संतान के रूप में उन्हें बेटा हुआ है। उनका बेटा विदिशा में हुआ है। इसलिए उसका नाम वह विदिशा रखेंगे।

निजामुद्दीन से जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ जा रहे एक परिवार के साथ मौजूद प्रसूता का चलती ट्रेन में प्रसव हुआ। विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहले से सूचना देने के बावजूद एंबुलेंस नहीं मिल सकी। करीब एक घंटे बाद आरपीएफ की मदद से ऑटो के जरिए प्रसूता और उसके परिवार को जिला अस्पताल भेजा गया। 

फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। परिवार ने नवजात का नाम विदिशा रखा हैं। जानकारी के अनुसार गोंडवाना एक्सप्रेस से राजकुमार चौहान अपनी प्रसूता पत्नी सुमन वाई और दो बच्चियों के साथ छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के लिए रवाना हुए थे। बीना रेलवे स्टेशन निकालने के बाद उनकी गर्भवती पत्नी सुमन को प्रसाव पीड़ा हुई। गंजबासौदा आते-आते उन्होंने बच्चे को जन्म दिया। 

इस दौरान ट्रेन में मौजूद महिलाओं और रेलवे स्टाफ ने उनकी मदद की। प्रसव होने के बाद विदिशा रेलवे स्टेशन पर इस बात की सूचना दी गई। साथ ही एंबुलेंस की व्यवस्था करने के संबंध में बताया गया। जैसे ही गोंडवाना एक्सप्रेस विदिशा रेलवे स्टेशन पर देर रात 12.30 बजे के लगभग पहुंची तो वहां एंबुलेंस नहीं थी। 

आरपीएफ और अपडाऊनर एशोसिएशन के सदस्य और कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता अरुण अवस्थी और उनके साथियों की मदद से विदिशा रेलवे स्टेशन पर उतरा गया। करीब एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया गया। लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। तब उन्हें ऑटो के जरिए विदिशा जिला अस्पताल भेजा गया। 

जहां सुमन और उनके नवजात बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। राजकुमार ने बताया कि वह मूल रूप से छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा के निवासी हैं। दिल्ली में रहकर काम करके गुजर-बसर करते थे। उनकी एक पांच साल और ढाई साल की बेटियां है। तीसरी संतान के रूप में उन्हें बेटा हुआ है। उनका बेटा विदिशा में हुआ है। इसलिए उसका नाम वह विदिशा रखेंगे।

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दित्य खबरीलाल न्यूज़ पोर्टल में डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं।इन्हें डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में 5 वर्ष का अनुभव है।आदित्य टेक,ऑटो,मनोरंजन के साथ-साथ राजनीति, क्राइम और डेली इवेंट्स से जुड़ी खबरों में रुचि रखते हैं।आदित्य चौपाल से भोपाल, मध्यभूमि के बोल, स्टेट वॉइस, बुंदेली दर्शन सहित कई बड़ी न्यूज़ वेबसाइट के वेब डवलपर भी हैं। इन्हें आप 09977114944 पर संपर्क कर सकते हैं।
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