Highlights :
- इंदौर के जिला न्यायालय से युवक को दुष्कर्म मामले में मिला न्याय पीड़िता ने बदले बयान
- एरोड्रम थाने में 2023 में दर्ज हुआ था प्रकरण
- दो थानों से जुड़ा हुआ है मामला
- पीड़िता ने दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में कराया था प्रकरण दर्ज
- किशनगंज थाने में 0 में प्रकरण दर्ज किया था
- एरोड्रम थाना भेजा गया था प्रकरण
- कई महीनो तक युवक को जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा था
इंदौर के जिला न्यायालय से दुष्कर्म के झूठे प्रकरण मामले पुलिस पीड़िता के कथनों के आधार पर आरोपी बनाए युवकों को सबूतों के आधार पर बारी किया है उसे न्याय दिया गया है पूरे मामले अधिवक्ता के के कुन्हारे द्वारा मीडिया से चर्चा में बताया की धारा 232 के तहत न्यायलय ने फैसला सुनाया है।
पूरे मामले में जानकारी देते हुए अधिवक्ता के के कुन्हारे द्वारा बताया गया की न्यायालय द्वारा एक युवक को न्याय दिया गया है दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाते हुए मामले में एक युवक को दोष मुक्त कर उसे बरी किया है। जिसमें यह सामने आई है षडयंत्र पूर्वक युवक को झूठे प्रकरण में फसाने का प्रयास किया गया था और 10 माह तक चले इस मामले में पीड़िता के द्वारा कोर्ट में यह बयान दिया कि उसका किसी ऑटो रिक्शा चालक से विवाद हुआ था जिसके बाद पुलिस उसे पड़कर लाई थी और किस तरीके से पुलिस ने युवक को आरोपी बनाया है, इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है और ना ही वह व्यक्तियों को पहचानती है।
इस मामले में युवती के बयान के बाद ही न्यायालय के द्वारा अपनी शक्तियों इस्तेमाल करते हुए धारा 232 के तहत दोनों ही युवक को दोष मुक्त कर बरी किया है। वहीं अब इस मामले में बरी हुए युवक के द्वारा युवती, उसकी मां और दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक करोड़ के मानहानि का नोटिस देने की तैयारी कर ली है।