विंध्य के सीधी जिले में मुगल शासक अकबर के नौ रत्न में से एक बीरबल जिनको माता चंद्रिका का आशीर्वाद मिला,आशीर्वाद के फल स्वरूप वो अपनी बुद्धि के बल पर बीरबल कहलाए, जहा नवरात्रि के पर्व पर आज भी दूर दूर से लोग अपनी अर्जी लगाते है ।
सीधी जिले से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित पहाड़ में माता चंद्रिका देवी विराजमान है पूर्व कल में माता चंद्रिका की सेवा और भक्ति से महेश दास जिनको देवी मां से बुद्धि का वरदान मिला तभी से अकबर के दरबार में नौ रत्न में से एक रत्न माने गए, जिनका बाद में नाम बीरबल हुआ,लोगो की मान्यता है कि मां के मंदिर में हर आने जाने वाले लोगो ने जो मांगा है वो मन्नत पूरी हुई है इतना ही नहीं यह देवी मां को मान्यता अनुसार दूर दूर से आने वाले लोगो की मां मनोकामनाएं पूर्ण करती है साथ ही
सीधी,चुरहट,मऊगंज,अमिलिया से सिंगरौली तक के लोग माता के दर्शन के लिए आते है,साल में दो पाख की नवरात्रि का पर्व लोग बड़े धूम धाम से मानते है साथ ही प्राचीन काल में पौराणिक मान्यताओं को पूरा करने वाली घोघरा गांव लोग अपनी कुल देवी भी मानते है।