ठंड है प्रचण्ड : मध्य प्रदेश में ठंड का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शाम होती ही कोहरा अपनी आगोश में पूरे जिलों और शहरों को लेने लगता है। और सुबह 10:00 से 11:00 तक यह कोर विजिबिलिटी को लगभग कम कर देता है। मौसम केंद्र भोपाल के द्वारा अगले 24 घंटे के लिए मौसम का अलर्ट जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि कई जिलों में घना कोहरा होगा तो कई जिलों में शीत लहर भी चलेगी।
पिछले 24 घण्टो में कैसा था प्रदेश का मौसम
पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः सुशुष्क रहा। भोपाल, सिहोर, रतलाम, शाजापुर, में मशीत लहर का प्रभाव रहा। भोपाल, राजगढ़, रतलाम, शहडोल, माताजखंड (बालाघाट) में पीतत दिन रहा। रायसेन, धार, इंदौर, शाजापुर, उज्जैन में तीव्र शीतल दिन रहा।
अधिकतम तापमान भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन, जबलपुर संभागों के जिलों में काफी गिरे, शहडोल संभाग के जिलों में काफी बढ़े एवं शेष सभी संभागों के जिलों के तापमानों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। वे भोपाल, उज्जैन संभागों के जिलों में सामान्य से विशेषरूप से कम रहे. इंदौर, नर्मदापुरम, रीवा, जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में सामान्य से काफी कम रहे: ग्वालियर, सागर संभागों के जिलों में सामान्य से कम रहे।
न्यूनतम तापमान शहडोल संभाग के जिलों में विशेषरूप से गिरे, भोपाल, नर्मदापुरम्, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में काफी गिरे एवं शेष सभी संभागों के जिलों के तापमानों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। वे भोपाल, उज्जैन संभागों के जिलों में सामान्य से काफी कम रहे, रीवा संभाग के जिलों में सामान्य से अधिक रहे एवं शेष सभी संभागों के जिलों में सामान्य रहे।
प्रदेश के सतना, मैहर, रीवा, सीधी, सिंगरौली, राजगढ़, पत्रा और छत्तरपुर जिलों में मध्यम से घना कोहरा छाया रहा, आगर, अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, बैतूल, भिंड, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, दतिया, डिंडोरी, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, कटनी, मंडला, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, रायसेन, सिवनी, शहडोल, श्योपुर, शिवपुरी, उमरिया जिलों में हल्का से मधामकोहरा छाया रहा।प्रदेश में न्यूनतम दृश्यता 50 मीटर सतना में दर्ज की गयी।
सिनोष्टिक मौसमी परिस्थितियां –
पश्चिमी विक्षोभ, ईरान एवं निकटवर्ती क्षेत्रों के ऊपर माध्य समुद्र तल से 3.1 किमी से 7.6 किमी की ऊंचाई के बीच चक्रवातीय परिसंचरण के रूप मे अवस्थित है।
उत्तर भारत के ऊपर माध्य समुद्र तल से 12.6 किमी की ऊंचाई पर 203 किमी प्रति घंटा की गति से उपोष्ण जेट स्ट्रीम हवाएँ बह रही है।
दिनांक 18 जनवरी से अगले पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की सम्भावना है।
Yellow Alert
- घना कोहरा – छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिलों में।
- शीत लहर / शीतल दिन – भोपाल, सिहोर, रतलाम, शाजापुर जिलों में।
- मध्यम कोहरा / शीतल दिन – सतना जिले में।
- शीत लहर – नीमच जिले में ।
- मध्यम कोहरा – ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, मैहर जिलों में।
- शीतल दिन – रायसेन, धार, इंदौर, उज्जैन, शहडोल, बालाघाट जिलों में।
रखें ये सावधानियां
- लम्बे समय तक शीत के सम्पर्क में रहने से मस्तिष्क को गंभीर क्षति हो सकती है इस अवस्था को हाइपोथर्मिया कहा जाता है। इसके कारण शरीर में गर्मी के हास से कंपकपी, बोलने में दिक्कत्मनिदा, मांसपेशियों में अकडन्, सांस लेने में दिक्कत/निश्वेतन की अवस्था हो सकती है। ऐसी अवस्था में तत्काल चिकित्सीय सहायता ले।
- ठंड के मौसम में आपकी त्वचा, हाथ-पैरों की अंगुलियों में रक्त वाहिकाएँ संकरी हो जाती है, इसलिए कम गर्मी के कारण हृदय गति बढ़ जाती है और हृदय के लिए आपके सरीर में रक्त पंप करना कठिन हो जाता है। इसलिए ठण्ड में बाहर कम समय बिताएँ।
- शीत लहर के संपर्क में आने पर शीत से प्रभावित अंगों के लक्षणों जैसे कि संवेदनशून्यता, सफ़ेद अथवा पीले पड़े हाथ एवं पैरों की उंगलियों, कान की तौ तथा नाक की ऊपरी सतह का आन रखे।
- शीत लहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एवं संवेदनशून्य तथा लाल फफोले पड़ सकते है। यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे गैंगरीन भी कहा जाता है। यह अपरिवर्तनीय होती है। अतः शीत लहर के पहले लक्षण पर ही चिकित्सक की सलाह से तथा तब तक अंगों को गरम करने का प्रयास करे।
- शरीर की गर्माहट बनाये रखने हेतु अपने सर, गर्दन, हाथ और पैर की उँगलियों को अच्छे से ढंके एवं पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर, एवं जल रोधी जूते आदि पहने। शीत तहर के समय जितना
- संभव हो सके घर के अंदर ही रहें और कोशिश करें कि अतिआवश्यक हो तो ही बाहर यात्रा करें।
- इस समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जैसे- फ्लू, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक से संपर्क करें।
- पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से अर्म पेय पदार्थ का अवश्य सेवन करें।
- कोहरे में मौजूद कण पदार्थ और विभिन्न प्रकार के प्रदूषक के संपर्क में आने पर फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने, खांसी और सांस की समस्या बढ़ने की संभावना है. अतः नियमित व्यायाम करे व मास्क का प्रयोग करें।
- वाहन को धीमी या औसत गति पर चलायें, अगली वाली गाड़ी से पर्याप्त दूरी बनाये रखे एवं फॉग लैंप का इस्तेमाल करे।
- मौसम की जानकारी तथा आपातकालीन प्रक्रिया की जानकारी का सूक्ष्मता से पालन करे एवं शासकीय एजेंसियों की सलाह के अनुसार कार्य करे।
कृषकों के लिए विशेष सलाह
- गेहू एवं सरसों में सिचाई को स्थगित करें ताकि फसल गिरने से बचे, रोगों को रोकने के लिए अनुशंसित फफूंदनाशकों का छिड़काव करें।
- चने के पौधों को सहारा देने के लिए बांस का उपयोग करें, फफूंद संक्रमण रोकने के लिए सुरक्षात्मक फफूंदनाशकों का छिड़काव करें।
- यदि फसलें परिपक्कता के करीब हैं, तो जल्दी कटाई करें ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
- ओलावृष्टि के बाद नियमित रूप से खेतों का निरीक्षण करें, नुकसान का आकलन करें और समय पर सुधारात्मक उपाय करें। ऑर्किड/बागवानी फसलों जैसे संतरा, जामुन्, फूल, सब्जियां आदि में हेलनेट का उपयोग करें।
- शीत लहर के दौरान प्रकाश और लगातार सिंचाई प्रदान करे। स्प्रिंकलर सिंचाई से शीत लहर के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलेगी।
- शीत लहर के दौरान पौधों के मुख्य तने के पास मिट्टी को काली या चमकीली प्लास्टिक शीट, घास फूस या सरकंडे की घास से ढंके। यह विकिरण अवशोषित कर मिट्टी को ठंडी में भी गर्म बनायें रखता है • गेहूं की फसल में क्राउन रूट स्टेज (20-22 DAS) पर पहली सिंबाई करें तथा सरसों और चना में 35 से 40 DAS पर खेत में पर्याप्त नमी के लिए सिंचाई करें। पहली सिंचाई के बाद गेहूं की फसल में टॉप इंसिग के रूप में यूरिया के रूप में अनुशंसित नाइट्रोजन उर्वरक की 1/3 मात्रा दें।
- कम तापमान के पूर्वानुमान के कारण रबी की फसलों में पाला पड़ने की संभावना है। इसलिए फसलों को पाले से बचाने के लिए रात में स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करें.