ग्वालियर जिला अस्पताल के डॉक्टर पर गंदी बात के गंभीर आरोप लगे हैं, यह आरोप किसी छोटी-मोटी महिला कर्मचारी ने नहीं बल्कि महिला नर्सिंग ऑफिसर ने लगाए हैं। पीड़ित महिला नर्सिंग ऑफिसर की शिकायत पर आला अधिकारियों ने कार्रवाई करने की बजाय महिला नर्सिंग ऑफिसर को ही पद से मुक्त कर जनरल ड्यूटी नर्स बना दिया।
ग्वालियर जिला अस्पताल के 2 डॉक्टर गंदी बात करते हैं। जिला अस्पताल की महिला नर्सिंग ऑफिसर ने यह देना दो सीनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला नर्सिंग ऑफिसर का कहना है कि उन्हें जिला अस्पताल के दो डॉक्टर उनको डबल मीनिंग और आपत्तिजनक जोक सुनाते हैं। ड्यूटी के दौरान कई बार उनके साथ बेड टच करते हैं। रात में मोबाइल पर गाने और आपत्तिजनक मैसेज भेजते हैं। महिला नर्सिंग ऑफिसर ने जब इसकी शिकायत आला अधिकारियों से की तो अधिकारियों ने डॉक्टरों को बचाने के लिए उल्टा पीड़िता को नर्सिंग ऑफिसर के पद से ही हटाकर जनरल ड्यूटी नर्स बना दिया। इसके बाद पीड़िता ने महिला आयोग और अन्य जगह शिकायत की। जब ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो फिर उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाई कोर्ट ने पीड़िता के द्वारा पेश किए सबूत के आधार पर इस मामले में अफसर को फटकार लगाई और पीड़िता को तत्काल मेडिकल ऑफिसर पर बहाल कराया। इसके साथ ही इस मामले की यौन उत्पीड़न कमेटी से निष्पक्ष जांच कर कर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रीता का कहना है कि जिला अस्पताल में तैनात कई नर्स से उत्पीड़न का शिकार हो रही है, लेकिन वह अपनी इज्जत और नौकरी बचाने की खातिर सब कुछ सहने को मजबूर है। कुछ नर्सो ने शिकायत भी की लेकिन कार्रवाई होने की बजाए उनको ही प्रताड़ित किया जाने लगा तो तो सब डर कर चुप बैठ गई। सिविल सर्जन डॉक्टर आरके शर्मा का कहना है कि हाई कोर्ट के निर्देश के बाद यौन उत्पीड़न कमेटी को जांच सौंप गई हैं, 20 दिन बाद कमेटी की रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।