Umaria News : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सनत कुमार कश्यप ने बताया कि नेशनल लोक अदालत का आयोजन 11 फरवरी को किया गया हैं। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए 11 फरवरी 2023 (शनिवार) को होने वाली नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को निम्नानुसार छूट दी जावेगी।
प्री-लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छमाही चक्र वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी ।
लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छः माही चक्र वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। छूट निम्न नियम एवं शर्तों के तहत दी जावेगी। जिसमें आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता / उपयोगकर्ता की विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन / संयोजनों के विरुद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा।
आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरुद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण गुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी / अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जावेगी। विद्युत चोरी / अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत / अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता / उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य विद्युत देयकों के विरुद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जावेगी। छूट मात्र नेशनल लोक अदालत में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जावेगी।