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सिर्फ नर्मदा नदी का जल पीकर वर्षों से जिन्दा बाबा पहुंचे बाबा महाकाल के दर्शन करने

उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर मे सोमवार को सिर्फ नर्मदा नदी का जल पीकर निराहार रहकर नर्मदा संरक्षण के लिए अनशन कर नर्मदा परिक्रमा करने वाले  तपस्वी नर्मदा मिशन के संस्थापक संत समर्थ गुरु ने आज बाबा महाकाल के दर्शन किए जहां उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया और उसके बाद नंदी हॉल में बाबा महाकाल की भक्ति में लीन नजर आए । इस दौरान संत दादा गुरु के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला भी मौजूद रहे । जिन्होंने संत श्री के साथ महाकालेश्वर के गर्भग्रह में पहुंचकर पूजन अर्चन किया और गर्भग्रह में ही ओम नम: शिवाय की माला जपते नजर आए ।

सिर्फ नर्मदा नदी का जल पीकर निराहार रहकर नर्मदा संरक्षण के लिए अनशन कर नर्मदा परिक्रमा करने वाले  तपस्वी नर्मदा मिशन के संस्थापक संत समर्थ गुरु ने आज बाबा महाकाल के दर्शन किए ।  पिछले कई सालों से वे नर्मदा एवं पर्यावरण संरक्षण जिसमें धर्म, धरा, धेनु शामिल है के लिए  निराहार रहकर अनशन कर रहे है। उनकी इस महाव्रत में उनके सैकड़ों भक्त भी शामिल हैं।

कौन हैं समर्थ सद्गुरु दादा गुरु

दरअसल आज के युग में आपने कई संत, गुरु और बाबाओं को देखा होगा. जो बड़े वाहनों में आते रहते हैं। कथा  के लिए वे मुंहमांगी कीमत वसूलते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे संत से मिलवाने जा रहे हैं जो असल में एक तपस्वी हैं। नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए अनेक अभियान चलाए जा रहे हैं। यह अभियान कई वर्षों से चला आ रहा है। प्रकृति उपासक समर्थ सद्गुरु दादा गुरु, नर्मदा मिशन के संस्थापक, जिन्होंने 21 महीने तक एक बूंद भी नहीं खाई। वे सिर्फ और सिर्फ नर्मदा के जल पर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

कई लैब में हो चुकी जांच

इससे सभी हैरान हैं कि नर्मदा के पानी पर कोई कैसे 21 महीने तक जीवित रह सकता है। जब हमने समर्थ सद्गुरु दादा गुरु से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं जानता था कि विज्ञान इसे स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए मैंने कभी किसी से बहस नहीं की। सीधे उनके मृत शरीर को विज्ञान को सौंप दिया। श्री श्री रविशंकर ने भी लैब में हमारे शरीर का परीक्षण करवाया और बाबा राम देव ने भी पतंजलि लैब में हमारे शरीर का परीक्षण करवाया। दोनों ने इसे चमत्कार बताया।

समर्थ सद्गुरु दादा गुरु से बातचीत में जब हमने पूछा कि आपका यह व्रत कब तक चलेगा? जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह लगातार उपवास है. जब तक नर्मदा माता को बचाने के लिए समाज नहीं जागेगा, मैं अखंड उपवास पर रहूंगा। मैं कहना चाहूंगा कि नर्मदा का पानी इतना अच्छा है कि इसे पीने से ही हमारा गुजारा हो सकता है।

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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