विश्वप्रसिद्ध बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 3 माह के लंबे इन्तेजार के बाद ताला,मगधी और खितौली कोर आज सुबह से टाईगर सफारी शुरू हो गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के तीनों कोर जोन जुलाई से सितंबर कुल तीन माह के लिए बंद हो जाते हैं। और बारिश के बाद एक अक्टूबर को गेट में सफारी शुरू होती है।
बिल गेट्स को चाय पिलाने के बाद हाल ही में सुर्खियों में आए डॉली चाय वाला भी आज बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व पहुँचे और टाला कोर ज़ोन में बाघ दर्शन करने के लिए गए है।
बाघ देखने पहुँचें डॉली चायवाला
मीडिया से बात करते हुए डाली ने बताया कि मैं ताडोबा नेशनल पार्क में टाईगर देखने गया था लेकिन मुझे वहां बाघ नही दिखा था।लेकिन आज मैं अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के साथ बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व आया हूँ।बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व में मुझे बहुत मजा आ रहा है।रोमांच इतना ज्यादा था कि मेरी सुबह जागने की आदत नही है लेकिन रात में 2 बजे सोने के बाद मैं सुबह 4 बजे टाईगर सफारी के लिए तैयार हो गया था।आज टाईगर से मैं फेस तो फेस मिलने जा रहा हूँ।
डॉली ने बताई पूरी कहानी
डॉली चाय वाले ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मैं किसी से मिलने जा रहा हूं। मुझे एक इवेंट के लिए हैदराबाद बुलाया गया था। हैदराबाद में जहां इवेंट होना था वह मुझे बताया गया कि फॉरेन कंट्री के कुछ मेहमान आए हुए हैं। मुझसे मिलने के लिए पांच सर और तीन मैडम आई हुई थी। नागपुर में मेरा जैसा चाय का स्टाल लगा हुआ है वैसा ही स्टॉल हब वहां भी बनाया गया था और जैसा मैं नागपुर में अपनी शैली से चाय पिलाता हूं वहां में सभी को चाय पिला रहा था। जब वे चाय पीने मेरे पास आए और उन्होंने मुझे चाय मांगी तब तक मैं उन्हें नहीं जानता था कि मेरे पास चाय पीने के लिए कौन आया हुआ है। इवेंट पूरा होने के बाद में जब मैं नागपुर वापस आ गया तो दूसरे दिन सुबह से ही मेरे पास सैकड़ो फोन आने लगे और लोग मुझे कहने लगे कुछ जानते हो तुमने किन्हे चाय पिलाया है। नागपुर आने के बाद मुझे पता चला कि जिन्हें मैं चाय पिलाई है वह बिल गेट्स थे।
बिल गेट्स को चाय पिलाने के बाद बदली लाइफ
बिल गेट्स सर को चाय पिलाने के बाद में मेरी लाइफ ही बदल गई है। बिल गेट्स सर से मिलने के बाद मेरी लाइफ ही बदल गई है और मेरे कई फॉरेन टूर भी हुए हैं यह सब उन्हीं के प्रयास से संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में अफवाह फैली हुई है कि बिल गेट सर ने मुझे बिजनेस में सपोर्ट किया है लेकिन यह मात्र मीडिया की के द्वारा फैलाई अफवाह है आज मैं जो भी हूं अपनी मेहनत के दम पर हूं।
3 माह बाद शुरू हुई सफारी
बारिश के 3 महीनों में पार्क के कोर ज़ोन एरिया में पार्क पार्क प्रबंधन के द्वारा सड़को की मरम्मत के कार्य के साथ साथ सतत पेट्रोलिंग की जाती है।बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के तीनों कोर ज़ोन में बाघों की अधिक संख्या होने के कारण पर्यटकों की पहली पसंद होते है।
देश विदेश से पहुँचते है पर्यटक
बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के तीनों कोर जोन में प्राकृतिक सुंदरता और वन्य प्राणियों का नजारा देखने के लिए देश -विदेश से पर्यटक पहुँचते हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का ताला गेट पर्यटकों की पहली पसंद है। बांधवगढ टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर्यटकों की व्यवस्था में जुटा रहता है, जिससे कि पर्यटकों को परेशानी ना हो।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजापाठ से शुरू हुआ पर्यटन
बांधवगढ टाईगर रिजर्व के प्रमुख गेट कहे जाने वाले ताला गेट में मौजूद श्री गणेश और हनुमानजी जी की मन्दिर में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी एवं डिप्टी डायरेक्टर P K वर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा पाठ कर पर्यटकों की जिप्सियों को जंगल के अंदर रवाना किया।आज 1 अक्टूबर को कुल 44 गाड़ियां और तीन 200 से अधिक पर्यटकों ने की सफारी
आज एक अक्टूबर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के तीनों कोर जोन ताला, मगधी और खितौली में सफारी शुरू हो गई है। पर्यटक तय समय के पहले ही पर्यटक गेट में पहुंच गए। टाईगर सफारी में पहुँचे पर्यटकों में उत्साह दिखा।
तीनो कोर जोन की अलग-अलग है विशेषता
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला कोर में पर्यटको को विशाल पहाड़ और पुरातत्वविक धरोहरों के साथ-साथ बाघ सहित विविध वन्य प्राणी देखने को मिलते हैं, तो वही मगधी कोर ज़ोन में विशाल ग्रास लैंड मैदान में बाघ सहित अन्य वन्य प्राणी देखने को मिलते हैं। वहीं खितौली कोर ज़ोन के जंगलों में बांस के विशाल सुंदर जंगल दिखाई देते हैं। साथ ही तीनों गेट में बाघों और वन्य प्राणियों के सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं।
बांधवगढ टाइगर रिजर्व में 165 बाघ
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के 3 कोर ताला, मगधी,खितौली और 2 बफर ज़ोन पनपथा और परासी में पर्यटक टाईगर सफारी मे जाते हैं। बांधवगढ टाइगर रिजर्व में कुल 165 बाघ है। बाघ कोर बफर के साथ जंगल से लगे हुए गांव में भी दिखाई देते हैं।