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Tiger Shifting: बांधवगढ़ से रातोंरात माधव राष्ट्रीय उद्यान के लिए रवाना हुई बाघिन जानिए क्या हैं पूरा मामला

Tiger Shifting:  मध्यप्रदेश के राष्ट्रिय उद्यानों की फेरहिस्त में सबसे अधिक बाघों की संख्या और प्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा दिलाने में अपनी एक अलग ही भूमिका रखने वाले बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व से आज एक बाघिन का रेस्क्यू कर ...

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Sanjay Vishwakarma

Tiger Shifting:  मध्यप्रदेश के राष्ट्रिय उद्यानों की फेरहिस्त में सबसे अधिक बाघों की संख्या और प्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा दिलाने में अपनी एक अलग ही भूमिका रखने वाले बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व से आज एक बाघिन का रेस्क्यू कर विशेष वाहन से शिवपुरी (Shivpuri जिले के माधव राष्ट्रिय उद्यान (Madhav National Park) भेजा गया है. 9 फरवरी की देर शाम को यह कार्यवाही क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा और उप संचालक लवित भारती की मौजूदगी में वन्यप्राणी चिकित्सक एवं रेस्क्यू टीम द्वारा मगधी परिक्षेत्र के बहेरहा में 6 नम्बर के इन्क्लोजर में रखी गई बाघिन को विशेष वाहन से रवाना किया गया. उक्त बाघिन को 4 मार्च को पनपथा बफर परिक्षेत्र से रेस्क्यू कर बेहेरहा इन्क्लोजर में मोनिटरिंग और स्वास्थ्य परिक्षण के लिए रखा गया था.

बांधवगढ़ के बाघों से गुलजार हैं कई पार्क

बाघों को लेकर बांधवगढ़ (Bandhavgarh Tiger Reserve) का बहुत ही बड़ा समृद्धशाली ईतिहास रहा है, मध्यप्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा दिलाने वाले बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के अधिक बाघों की संख्या पूरे विश्वभर के बाघ प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करती है, यह कोई पहला मौका नही है जब बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व से किसी बाघ या बाघिन को अन्य की पार्क या उद्यान में भेजा गया हैं,इससे पहले भी वन विहार भोपाल ,संजय गांधी टाइगर रिजर्व सीधी और नौरादेही और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को गुलजार करने के लिए भेजे जा चुके हैं.

2009 से पहले बाघ विहीन हो गया था पन्‍ना टाइगर रिजर्व

मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की सफल वापसी के कई साल बाद शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क (Madhav National Park) भी इसका गवाह बनने जा रहा है. यहां 26 साल बाद बाघ की दहाड़ सुनाई देगी। आपको बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व भी बाघों से रहित था, लेकिन 2009 में यहां बाघों की पुनर्स्थापना की योजना शुरू की गई और अब यहां करीब 78 बाघ हैं। माधव राष्ट्रीय उद्यान में 1997 तक बाघ थे। जब यहां की 20 मादा बाघिन प्रजनन योग्य  हो जाएंगी तो पुनर्स्थापना सफल माना जाएगा. निकट भविष्य में रणथंभौर, शिवपुरी और पन्ना को जोड़ने वाला टूरिस्ट सर्किट बनाने की भी कार्य योजना बनाई जा रही है.

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माधव नेशनल पार्क में बाघ छोड़ने पहुचेंगे शिवराज और सिंधिया

10 मार्च को पूर्व में तय कार्यक्रम के अनुवर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा दो मादा और एक नर बाघ को माधव नेशनल पार्क में छोड़ेंगे और टाईगर मित्रों से बात भी करेंगे. शुरूवाती दौर में बाघों को  बलारपुर रेंज में बनाए गए विशेष बाड़े में रहेंगे। खुले में विचरण के लिए यहां पांच बाघ छोड़े जाने की अनुमति राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से प्राप्त हुई है। प्रारंभिक तौर पर अभी एक बाघ और 2 बाघिन छोड़ी जा रही है.

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15 दिन तक बाघों पर रहेगी विशेष निगरानी

वैसे तो एनटीसीए  ने 5 बाघों को माधव राष्ट्रिय उद्यान में रखे जाने की अनुमति दे दी है लेकिन पहले चरण में यहां सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से एक नर बाघ और पन्ना टाईगर रिज़र्व  व बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से एक-एक मादा बाघ भेजे जा रहे हैं, 15 दिनों तक इन तीनो बाघों पर पार्क प्रबंधन की विशेष निगरानी रहगी, 15 दिन के बाद इन्हें पार्क में  खुले में विचरण करने के लिए छोड़ दिया जाएगा.

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26 वर्ष पहले माधव राष्ट्रिय उद्यान गुलजार था बाघों से

यह कोई पहली बार नही हैं जब शिवपुरी के माधव राष्ट्रिय उद्यान में बाघों की दहाड़ गूंजेगी, इसके पहले वर्ष 1989 में कांग्रेस नेता स्व. माधवराव सिंधिया की अगुवाई में  यहां टाइगर सफारी स्थापित किया गया था, उस समय  बाघ पेटू और बाघिन  तारा को लाया गया था। तारा-पेटू ने मिलकर कुछ ही समय में माधव राष्ट्रीय उद्यान को गुलजार कर दिया था और बाघों की संख्या यहाँ बढकर 11 हो गई। बाद में बाघिन तारा नरभक्षी हो गई थी.

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बाड़े में फंस के फसने के बाद शिप्ट किए गए थे बाघ

बात वर्ष 1997 की है जब  राजस्थान के रणथंभौर से एक बाघ आकर यहां बाड़े में बुरी तरह से फंस गया था और उस बाघ का रेस्क्यू उसे कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की टीम के द्वारा किया गया था. इसके बाद जू अथारिटी आफ इंडिया ने इस टाइगर सफारी को बंद करने का निर्णय लिया और वर्ष 1995 तक सभी बाघों को अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में शिफ्ट कर दिया गया था.

माधवराव के जैसे वन्यजीव प्रेमी हैं महानआर्यमन

इस पहल के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महानआर्यमन की बढ़ी सोच रही हैं, महानआर्यमन ने अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया को सुझाव दिया वही राष्ट्रिय उद्यानों में बढती बाघों की संख्या को द्रस्तिगत रखते हुए सितंबर 2021 में भोपाल में एनटीसीए के अधिकारियों ने बाघों को बसाने की विस्तृत योजना मांग ली। इसके बाद बाघ बसाने की तैयारी की गई। अगर माधव राष्ट्रिय उद्यान की बात करें तो यहाँ भोजन की उपलब्धता के आधार पर  यहां 42 बाघ और क्षेत्रफल की दृष्टि के आधार पर 28 बाघ रह सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस का लिया कार्यक्रम का जायजा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी में 10 मार्च को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों की मुख्यमंत्री निवास से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग  के माध्यम से समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान सहित शिवपुरी में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की पर्याप्त संभावनाएं विद्यमान हैं। उद्यान में प्राकृतिक बाघों का समृद्ध इतिहास रहा है। बाघों के पुनर्स्थापन से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान माधव राष्ट्रीय उद्यान में 3 बाघों को छोड़ेंगे और टाइगर मित्रों से संवाद करेंगे।

इनकी भी रहेगी उपस्थिति

कार्यक्रम में केंद्रीय विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya M Scindia ) मध्यप्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोदाराजे सिंधिया (Yashodhara Raje Scindia)  वन मंत्री डॉ. कुवर विजय शाह (Kunwar Vijay Shah) , पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया सहित क्षेत्र के जन-प्रतिनिधि शामिल होंगे।

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Artical by Aditya
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