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‘देश 2 जून की रोटी मांगे’ आज सोशल मीडिया में कर रहा है ट्रेंड

आज 2 जून है। लोग अक्सर 'दो जून की रोटी' पर जोक्स बनाते हैं। आज 2 जून है तो रोटी जरूर खानी चाहिए क्योंकि '2 जून की रोटी बड़ी मुश्किल से मिलती है'

2 June: आज 2 जून है। लोग अक्सर ‘दो जून की रोटी’ पर जोक्स बनाते हैं। उदाहरण के लिए, आज 2 जून है, आपको आज रोटी खानी चाहिए क्योंकि ‘2 जून की रोटी बहुत मुश्किल से मिलती है’। इसके अलावा ‘वो लोग बहुत खुशनसीब होते हैं जिन्हें 2 जून को रोटी मिलती है’. 2 जून का सीधा सा मतलब है दिन में दो वक्त का खाना। जिन्हें दिन में दो वक्त का भोजन मिलता है वे भाग्यशाली हैं क्योंकि उन्हें ‘दो जून की रोटी’ मिल रही है। मेहनत करने के बाद भी जिन्हें दो वक्त की रोटी नहीं मिलती उनके लिए मुश्किल है।

क्या है दो जून का मतलब

‘डू जून’ का मतलब दो बार होता है। अवधी भाषा में, ‘जून’ का अर्थ है ‘समय’। ‘दो जून की रोटी’ का मतलब है कि आपको दिन में दो वक्त का खाना मिल रहा है। इसका मतलब आप अमीर हैं। अगर किसी को ‘दो जून’ यानी ‘दो वक्त’ का खाना न मिले तो उसके बारे में कहा जाता है कि बहुत मेहनत करने के बाद भी ‘दो जून की रोटी’ यानी ‘दो वक्त’ का खाना नहीं मिलता। हालाँकि, 2 जून उत्तर भारत में विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश में बहुत लोकप्रिय है। क्योंकि इस भाषा में इस भाषा का प्रयोग किया जाता है। आज सोशल मीडिया पर कई लोग इसका मजाक उड़ा रहे हैं।

अंग्रेजी में दो जून का मतलब

2 जून का सही अर्थ निकालें तो अंग्रेजी में छठे महीने को जून कहते हैं। जैसे आज अंग्रेजी माह जून की द्वितीया तिथि है। इसलिए आज ‘2 जून’ है।आज भी नहीं मिल पाती दो जून की रोटी

ध्यान रहे कि अब भी भारत में ऐसे लोग रहते हैं जिन्हें ‘दो जून की रोटी’ नहीं मिलती। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2017 के मुताबिक भारत में 19 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें ‘दो जून की रोटी’ नहीं मिलती है. लोगों को ‘दो जून की रोटी’ मिल सके इसके लिए सरकार ने कोरोना काल में लोगों को मुफ्त राशन बांटा. बताया जा रहा है कि इस योजना से करीब 80 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है.

क्यों हो रहा है ‘देश 2 जून की रोटी मांगे’ ट्रेंड

वही आज सोशल मीडिया में देश 2 जून की रोटी मांगे आज देश के पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ शेयर किया जा रहा है और आज देश 2 जून की रोटी मांगे को देश की महगाई से जोडकर शेयर किया जा रहा है वैसे तो आज एक दिन लोग 2 जून की रोटी को अक्सर शेयर करते है लेकिन आज देश 2 जून की रोटी मांगे’ को लोगों ने राजनीतिक रूप धारण कर लिया है.

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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