MP News :मंदसौर नगर में नगर गौरव कार्यक्रम में पहुचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर पालिका द्वारा 60 लाख रुपए की लागत से यशोधर्मन की आदमकद प्रतिमा, स्वागत द्वार एवं अन्य सौंदर्यीकरण के निर्माण कार्य की शिलालेख पट्टी का अनावरण किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सम्राट यशोधर्मन की मूर्ति निर्माणकर्ता एवं निर्माण में सहयोग प्रदान करने वाली प्रभात राय, पन्नालाल जैन को साल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।
सूबे के 4 मंत्रियों की रही मौजूदगी :
इस दौरान जिले के प्रभारी मंत्री तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग मध्यप्रदेश शासन के मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के मंत्री जगदीश देवड़ा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा तथा पर्यावरण विभाग के मंत्री हरदीप सिंह डंग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग मध्यप्रदेश शासन के मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, सांसद सुधीर गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्षा दुर्गा विजय पाटीदार, मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया, गरोठ विधायक देवीलाल धाकड़, नगर पालिका अध्यक्षा रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, जनपद पंचायत मंदसौर अध्यक्ष बसंत शर्मा, उपाध्यक्ष मनु प्रिया विनीत यादव, नानालाल अटोलिया, बंशीलाल गुर्जर, मुकेश काला, सहित सभी जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारियों में कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक मौजूद थे।
देश के चार सूर्य मंदिर में से एक है मंदसौर में :
मंदसौर के प्राचीन नाम दशपुर से जुड़े सम्राट यशोधर्मन द्वारा सूर्य मंदिर की स्थापना वाले दिन गौरव दिवस मनाया जा रहा है। सम्राट यशोधर्मन की मूर्ति मंदसौर की शान एवं गौरव है। सम्राट यशोधर्मन की गौरव गाथा हर व्यक्ति को सुनना चाहिए। गौरव दिवस मना कर हम सभी को गर्व महसूस हो रहा है। गौरव दिवस के कारण सभी को सम्राट यशोधर्मन के कार्य स्मरण में रहेंगे।
ओलिकर वंशीय सम्राट यशोधर्मन द्वारा चीन की नाक में दम कर देने वाले हुणो को पराजित करने और मालवा देश की राजधानी दशपुर में सूर्य मंदिर की स्थापना करने वाले दिन पर मंदसौर का गौरव दिवस मना रहा है। हुणों को परास्त करने की गाथा से लेकर देश के चार सूर्य मंदिर में से एक दशपुर में स्थापित होने की गौरवपूर्ण इतिहास पर आज मंदसौर वासियों को गर्व है।
दशपुर पर अधिकांश समय ओलीकर वंश का शासन रहा और उस समय के शासक बंधु वर्मन थे। इन्हीं के वंशज सम्राट यशोधर्मन ने खिलचीपुरा में सूर्य मंदिर की स्थापना की। उस समय देश में चार जगह सूर्य मंदिर थे। पौष माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर विक्रम संवत 493 ईसवी सन 436 में सूर्य मंदिर की स्थापना की गई। उस दिन तारीख 8 दिसंबर थी। उस समय मालवा के सम्राट यशोधर्मन ने विदेशी आक्रांता को जिसमें हूण भी थे। उन्हें हराते हुए अपने देश की रक्षा की।