Mohaniya Ghati Tunnel : वन्य जीवों को संरक्षण के लिए मील का पत्थर साबित होगी मोहनिया घाटी सुरंग - खबरीलाल.नेट
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Mohaniya Ghati Tunnel : वन्य जीवों को संरक्षण के लिए मील का पत्थर साबित होगी मोहनिया घाटी सुरंग

Mohaniya Ghati Tunnel : सड़क और रेलमार्ग देश की विकास की धमनियाँ हैं। एक अच्छा सड़क मार्ग विकास के कई द्वार खोलता है। रीवा से सीधी के बीच प्रदेश की सबसे बड़ी सड़क सुरंग बनकर तैयार है। नेशनल हाइवे नम्बर ...

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Sanjay Vishwakarma

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Mohaniya Ghati Tunnel : सड़क और रेलमार्ग देश की विकास की धमनियाँ हैं। एक अच्छा सड़क मार्ग विकास के कई द्वार खोलता है। रीवा से सीधी के बीच प्रदेश की सबसे बड़ी सड़क सुरंग बनकर तैयार है। नेशनल हाइवे नम्बर 75 ई में मोहनिया घाटी में बनाई गई इस सुरंग से रीवा और सीधी के बीच में 7 किलोमीटर की दूरी घटेगी। आवागमन सुगम होने के साथ लगभग 45 मिनट का कम समय सीधी पहुंचने में लगेगा। यह सुरंग आवागमन को सुगम करने के साथ पर्यावरण एवं वन्य जीवों के संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगी। मोहनिया घाटी में सुरंग बन जाने से आवागमन लगभग बंद हो जाएगा। इससे घाटी में रहने वाले छोटे-बड़े वन्य जीव स्वच्छंद रूप से विचरण कर सकेंगे।

टनल में बीच से ही हैं वापस लौटने की व्यवस्था :

रीवा से सीधी के बीच बनाई गई सड़क सुरंग का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। राष्ट्रीय सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा इसका निर्माण 1004 करोड़ रुपए की लागत से किया गया। इसका निर्माण कार्य 18 दिसम्बर 2018 को आरंभ हुआ। इसका निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा मार्च 2023 से 6 महीने पहले ही पूरा हो गया है। मोहनिया घाटी में बनाई गई इस सुरंग की कुल लंबाई 2280 मीटर है। इसमें कुल 6 लेन हैं जिनमें से तीन आने के लिए तथा तीन जाने के लिए हैं। इन लेनों को आपस में 7 स्थानों पर जोड़ने के लिए अंडर पास दिए गए हैं। यदि कोई वाहन बीच से वापस लौटना चाहे तो सरलता से लौट सकता है। सुरंग के साथ घाटी से लेकर चुरहट तक 15.7 किलोमीटर की फोरलेन बाईपास सड़क का भी निर्माण किया गया है।

चार महीने के रिकार्ड समय में एक्वाडक्ट का निर्माण :

रीवा की ओर सुरंग के शुरूआत बिन्दु पर रीवा का इकलौता सोलर पावर प्लांट स्थापित है। यह टनल दो बड़े निर्माण कार्यों का मिलन स्थल है। सड़क सुरंग सीधी की ओर जिस स्थान पर समाप्त होती है वहाँ इसके ऊपर से बाणसागर बांध की नहर गुजर रही है। इस नहर से बाणसागर बांध से उत्तरप्रदेश राज्य को पानी दिया जाता है। कठिन प्रयासों के बाद इस नहर को बंद करके केवल चार महीने के रिकार्ड समय में एक्वाडक्ट का निर्माण किया गया। इस सड़क सुरंग के ऊपर से एक नहर और एक सड़क गुजर रही है।

मोहनिया घाटी टनल सड़क प्रदेश के लिए निर्माण की अनुपम सौगात:

रीवा-सीधी मार्ग में सड़क सुरंग का निर्माण पूरा हो जाने से आवागमन सुगम हो गया है। मोहनिया घाटी में आए दिन वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते थे। इन दुर्घटनाओं में हो रही जानमाल की हानि अब नहीं होगी। देश की ऊर्जाधानी सिंगरौली को इस नेशनल हाइवे से भारी वाहन, मशीनें एवं अन्य सामग्री लेकर जाते हैं। इन वाहनों को मोहनिया घाटी के कठिन मोड़ों तथा उतार-चढ़ाव पर बहुत कठिनाई होती थी। सुरंग बन जाने से अब भारी वाहन भी सुगमता से घाटी पार कर लेंगे। यह सुरंग सड़क सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मोहनिया घाटी की सड़क सुरंग रीवा ही नहीं पूरे प्रदेश के लिए निर्माण की अनुपम सौगात है।

 

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