Video : बांधवगढ़ और संजय दुबरी की टीम ने अनूपपुर में आतंकी हाथी का किया रेस्क्यू पढ़िए पूरी जानकरी
आतंकी हाथी के रिस्क को कैसे दिया गया अंजाम? विभागीय अधिकारियों ने क्या निभाया अपना रोल? आतंकी हाथी को कब तक कर लिया जाएगा ट्रेंड ? अभी और कितने जंगली हाथियों का शहडोल संभाग में होगा रेस्क्यू
![बांधवगढ़ और संजय दुबरी की टीम ने अनूपपुर से आतंकी हाथी का रेस्क्यू कर किया कान्हा टाइगर रिसर्व रवाना पढ़िए कैसे पूरा हुआ रेस्क्यू](/wp-content/uploads/2024/02/photo_2024-02-25_10-59-33-780x470.jpg)
Wild Elephant Rescue Operation : मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में जंगली हाथी का आतंक बीते तीन से चार दिनों से देखा जा रहा था। जंगली हाथी के द्वारा एक व्यक्ति को मौत के घाट भी उतार दिया गया। वही जंगली हाथी को काबू करने के चक्कर में जिले के लॉ एंड ऑर्डर में भी समस्या उत्पन्न हो गई थी जिसे शहडोल जोन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर के द्वारा मौके पर पहुंच करके मामले को शांत कराया गया और जंगली हाथी को काबू में करने के लिए एक्शन प्लान बनाया गया.
रेस्क्यू आपरेशन का वीडियो
50 सदस्सीय टीम के साथ 3 विभागीय हाथी जुटे ऑपरेशन में
आतंकी हाथी के रेस्क्यू आपरेशन को अंजाम देने के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के साथ-साथ संजय दुबरी टाइगर रिज़र्व की 50 सदस्सीय टीम अनूपपुर पहुंची और दो दिनों के भीतर आतंकी जंगली हाथी को बांधवगढ़ का टाइगर रिजर्व के तीन अनुभवी हाथी गौतम, लक्ष्मण और सूर्या की मदद से आतंकी हाथी को दो दिनों के अंदर रेस्क्यू करके कान्हा टाइगर रिजर्व भेज दिया गया है।
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कहा मिला आतंकी हाथी
2 दिनों के रेस्क्यू आपरेशन के बाद टीम ने अनूपपुर जिले के जैतहरी रेंज के गोबरी बीट में RF 302 के झुरही तलैया के पास जँगली हाथी का रेस्क्यू किया गया है। उक्त जंगली हाथी को लेकर टीम कान्हा टाइगर रिसर्व के लिए रवाना भी हो चुकी है.
कैसे विभागीय हाथियों ने दिया रेस्क्यू को अंजाम
दरअसल खबर मिली थी कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से अनुभवी हाथी गौतम के साथ हाथी लक्ष्मण और बांधवी को अनूपपुर भेजा जा रहा है लेकिन एन वक्त पर बांधवी ने वाहन पर बैठने से मना कर दिया था इसलिए सिर्फ दो विभागीय हाथी गौतम और लक्ष्मण अनूपपुर रवाना हुए थे। लेकिन जब गौतम और लक्ष्मण जंगली हाथी के रेस्क्यू को अंजाम नहीं दे पा रहे थे तब रेंजर अर्पित मृणाल की देखरेख में बांधवगढ़ से हाथी सूर्या को रवाना किया गया। इन तीनों विभागीय हाथियों ने ट्रायंगुलर बना करके सबसे पहले आतंकी हाथी का रेस्क्यू किया उसके पश्चात उसे वाहन तक में चढ़ाने में विभाग की मदद की है।
कितने माह में जंगली हाथी हो जाएगा ट्रेंड
संजय दुबरी (sanjay dubri tiger reserve) से रेस्क्यू ऑपरेशन में पहुंचे असिस्टेंट डायरेक्टर सुधीर मिश्रा ने बताया कि 20 सदस्य टीम संजय दुबरी से रेस्क्यू ऑपरेशन में पहुंची थी इसके साथ ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से 30 सदस्यों का दल और तीन विभाग की हाथी रेस्क्यू ऑपरेशन में पहुंचे थे।वही आगे असिस्टेंट डायरेक्टर सुधीश मिश्रा ने जानकारी देते बताया कि अगले 3 से 6 माह के भीतर इस जंगली हाथी को ट्रेनिंग देकर के विभागीय हाथी के रूप में काम लेना शुरू कर दिया जाएगा।वही मिली जानकारी के अनुसार अनूपपुर में तांडव मचाने वाले इस जंगली हाथी को अब कान्हा टाइगर रिजर्व में रखकर के उसे विभागीय ट्रेनिंग दी जाएगी। और मध्य प्रदेश में इसे आने वाले समय में किसी भी टाइगर रिजर्व में विभागीय कामों में इससे मदद ली जाएगी।
क्यों किया गया इस जंगली हाथी का रेस्क्यू
मिली जानकारी के अनुसार अनूपपुर के जैतहरी क्षेत्र में बीते कई दिनों से इस जंगली हाथी ने आतंक मचा रखा था एक एक जानकारी के अनुसार अभी तक इसने एक दर्जन से अधिक घरों को तोड़ा है और तीन लोगों को मौत के घाट उतारा है साथ ही फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है, इस कारण इस हाथी के रेस्क्यू करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा निर्णय लिया गया और केंद्र से मिले मिली हरी झंडी के बाद में इसका रेस्क्यू किया गया है।
कहा होगा दो अन्य हाथियों का रेस्क्यू
अनूपपुर के जैतहरी क्षेत्र में तांडव मचाने वाले इस जंगली हाथी के अलावा एक और जंगली हाथी जो की जयसिंह नगर क्षेत्र में काफी दिनों से एक्टिव है और काफी उत्पादन मचा रहा है, उसका भी रेस्क्यू बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम के द्वारा किया जाएगा इसके साथ ही बांधवगढ़ का टाइगर रिजर्व में कुछ दिनों पूर्व सड़क पर बाइक सवार को क्षति पहुंचाने वाला एक जंगली हाथी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर काफी एक्टिव है उसका भी रेस्क्यू किया जाएगा कुल मिलाकर के अभी दो अन्य जंगली हाथों का रिस्क बांधों का टाइगर रिजर्व टीम के द्वारा किया जाएगा।
लक्ष्मण भी था कभी आतंकी हाथी
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अनूपपुर में गौतम और सूर्या के साथ रेस्क्यू आपरेशन में जाने वाला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का हाथी लक्ष्मण भी कभी आतंकी हाथी की लिस्ट में शुमार था। मिली जानकारी के अनुसार कुछ वर्षों पहले सीधी जिले के मझौली में जंगली हाथी के रूप में लक्ष्मण ने अपने आतंक का तांडव मचाया था। लेकिन उसे दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम के द्वारा उसे रेस्क्यू करके बांधवगढ़ लाया गया और आज लक्ष्मण बांधों का टाइगर रिजर्व की टीम के साथ में कम से कदम मिलाकर के विभाग के कामों में मदद करता है।
क्यों मुश्किल है जंगली हाथी का रेस्क्यू
उक्त मामले में रेंजर अर्पित मैराल जानकारी देते बताया कि जंगली हाथी के रेस्क्यू से सरल टाइगर का रेस्क्यू होता है क्योंकि टाइगर को ट्रेंकुलाइज करके उसे चार से पांच लोगों की टीम उठा करके शिफ्ट कर देती है। लेकिन जंगली हाथियों को ट्रेंकुलाइज ना करके उसे ड्रैग किया जाता है जिससे काफी रिस्क होने के साथ साथ समय भी लगता है.
फिलहाल अनूपपुर जिले के जैतहरी क्षेत्र से इस जंगली हाथी के रिस्क के बाद आसपास के गांव के लोगों के बीच में यह खबर जंगल की आज की तरह फैल गई। और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
Article By : Sanjay Vishwakarma