मध्य प्रदेश का बाँधवगढ़ का टाइगर रिजर्व जहां मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा अधिक बाघ हैं। पूरे विश्व भर के पर्यटकों की पहली पसंद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बना हुआ है। लेकिन एक और मामला है जिसके साथ मध्य प्रदेश का यह टाइगर रिजर्व लगातार सुर्खियों में बना रहता है वह बाघों की मौत।
एक के बाद एक बार की मौत ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते 3 सालों में बाघों की मौत के आंकड़ों ने वन्य जीव प्रेमियों को चिंता में डाल दिया है।
हालांकि लगातार बाघों की मौत के मामले में अब मध्य प्रदेश सरकार जागी है। प्रभारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक मध्य प्रदेश के द्वारा एक समिति गठित की गई है जिसमें तीन सदस्यों को रखा गया है। यह तीनों सदस्य बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व सहित शहडोल वन वृत्त में बीते 3 वर्षों 2021 2022 और 2023 में हुई बाघों की मौत और शिकार के प्रकरण की जांच करेंगे।
बांधवगढ़ में जब भी किसी बात की मौत होती है तो प्रबंधन के द्वारा एक रटा-रटाया जवाब दिया जाता है कि आपसी संघर्ष से बाघों की मौत हुई है लेकिन इस पत्र के माध्यम से प्रभारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने भी माना है कि बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों के शिकार भी हुए हैं और छत-विछत मिले शवो में शरीर की कई अंग गायब भी कई बार मिले हैं। लेकिन प्रबंधन के द्वारा सुस्त रवैया अपना करके आरोपियों की पताशाजी और गिरफ्तारी के प्रयास भी नहीं किए गए है। प्रभारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक नहीं यह भी माना है कि बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व और शहडोल वन वृत्त में NTCA की SOP का ठीक तरीके से पालन नहीं किया गया है।
प्रभारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक का यह पत्र बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में नियुक्त NTCA प्रतिनिधि की कर शैली पर भी सीधे सवाल खड़े कर रहे हैं। लगातार मीडिया के द्वारा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में नियुक्त NTCA के प्रतिनिधि को लेकर के भी बड़े सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। कई बार देखने में आता है कि NTCA प्रतिनिधि मीडिया और प्रबंधन के बीच एक ब्रिज ना बनते हुए हमेशा प्रबंधन का पक्ष ही रखा जाता है। हालांकि अगर यह जांच टीम ठीक तरीके से काम करती है तो NTCA प्रतिनिधि को भी हटाए जाने का प्रस्ताव जांच समिति के द्वारा किया जा सकता है ऐसा वन्य जीव प्रेमियों का मानना है।
बीते 4 वर्षो में लगभग 53 बाघों की मौत बांधवगढ़ में हुई है।
2020 में 11
2021 में 15
2022 में 7
2023 में 13
2024 में अब तक 07
03 वर्षो (2021, 2022 एवं 2023) में घटित बाघ की मृत्यु एवं शिकार प्रकरणों की जांच हेतु निम्नानुसार सदस्यों को शामिल कर एक समिति गठित किया गया है।
- रितेश सरोठिया (भा.व.से.)
प्रभारी स्टेट टाइगर स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स म.प्र. भोपाल
अध्यक्ष
सदस्य
डॉ. काजल जाधव, सहायक प्राध्यापक
स्कूल आफ वाइल्ड लाईफ फॉरेन्सिक एन्ड हेल्थ जबलपुर
सुश्री मंजुला श्रीवास्तव,
अधिवक्ता एवं मानसेवी वन्यप्राणी अभिरक्षक कटनी म.प्र.