Umaria News : लापरवाही देख कलेक्टर ने लगाई फटकार,प्राचार्य एवं अधीक्षक के विरूद्ध दिए कार्यवाही के निर्देष
कलेक्टर ने एकलव्य विद्यालय छात्रावास तथा कन्या छात्रावास का किया औचक निरीक्षण,बालक छात्रावास में अव्यवस्थाओ एवं छात्रवृत्ति का वितरण नही होने पर प्राचार्य एवं अधीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देष
Umaria News : कलेक्टर डा0 के.डी. त्रिपाठी ने जनपद मुख्यालय पाली मे संचालित एकलव्य बालक विद्यालय छात्रावास का औचक निरीक्षण किया। उन्होने पीआईयू के महाप्रबंधक को निर्देष दिये की छात्रावास भवन शीघ्र पूरा कर जनजातीय विभाग को हस्तांतरित करे। जिससे छात्रावास को नये भवन में संचालित किया जा सकें। कलेक्टर ने विद्यार्थियो को छात्रवृत्ति का वितरण नही होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की तथा प्राचार्य एवं छात्रावास अधीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देष सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को दियें। उन्होने विद्यार्थियो से छात्रावास मे मिल रही सुविधाओ की जानकारी प्राप्त की। छात्रावास में विद्यार्थियो को गणवेष एवं दैनिक उपयोग हेतु बाल्टी मग आदि नही वितरित किये गये। छात्रावास की टीव्ही भी नही चल रही थी। विद्यार्थियो ने बताया कि पुस्तकालय पढने हेतु नही उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्राचार्य और अधीक्षक पर हुई कार्यवाही
निर्धारित मीनू के अनुसार भोजन भी नही दिया जा रहा है। शौचालय एवं बाथरूम की साफ सफाई ठीक से नही की जा रही है। कलेक्टर ने बाथरूम की मरम्मत कराने एवं साफ सफाई पर विषेष ध्यान देने के निर्देष दिये। उपस्थित पंजी का निरीक्षण करने पर पाया गया कि प्राचार्य टूर लिखकर विद्यालय में उपस्थित नही रहते हैं। अधीक्षक का कार्यालय प्रथम तल पर संचालित है, जिससे उनके द्वारा विद्यार्थियो की गतिविधियों पर ध्यान नही दिया जाता। कलेक्टर ने अधीक्षक कार्यालय ग्राउड फलोर के कक्ष में संचालित करने के निर्देष दिये। छात्रावास में पाई गई कमियो के कारण कलेक्टर ने प्राचार्य एवं छात्रावास अधीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देष सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को दिये ।
कन्या छात्रावास का भी किया निरिक्षण
कलेक्टर ने कन्या छात्रावास का भी निरीक्षण किया उन्होने अधीक्षक को छात्रावास की साफ सफाई, भोजन की गुणवत्ता सुधारने तथा विद्यार्थियो को दी जाने वाली कीट एवं गणवेष का वितरण सुनिष्चित कराने के निर्देष दिये। भ्रमण के दौरान तहसीलदार पाली रमेष परमार भी साथ रहे,बता दें की जिले के लगभग कई ऐसे छात्रावास हैं जहा वर्षों से अधीक्षक के रूप में सेवाएँ देने वाले कई ऐसे कर्मचारी हैं जो छात्रावास में छात्रों को सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति ही करते हैं लेकिन घर परिवार से दूर उनके अधीनस्थ छात्रावास में रह रहे छात्र आवाज उठाने की हिम्मत नही कर पाते.