Lymphatic Filariasis : आरोग्य केंद्र में फाइलेरिया से बचाव के बारे में और हाथी पांव के साथ जीवन यापन के लिए उन्हें तौर तरीके समझाए गए और रुग्णता प्रबंधन किट भी दी गई ।पैर को साफ रखना , छोटे-छोटे व्यायाम के माध्यम से पैर की सूजन ना बढ़ने देने तथा घाव की साफ सफाई रखने के बारे में मरीजों को समझाया गया तथा उन्हें डीईसी ,अल्बेंडाजोल की एक खुराक दी गई जिससे शरीर में फाइलेरिया के परजीवी कृमि पैदा न हो और बीमारी का ट्रांसमिशन रोका जा सके l
हाथी पाँव के 10 पीड़ितों में 6 का हुआ उपचार :
फाइलेरिया के प्रसार को ध्यान में रखते हुए ग्राम थोना निवाड़ी जिले में सबसे ऊपर है जहां 20 वर्ष से अधिक उम्र के 300 लोगों की जांच के दौरान फाइलेरिया के कृमि 10 स्वस्थ व्यक्तियों के खून में पाए गए जिनमें से 6 व्यक्तियों का उपचार पूरा हो चुका है 3 व्यक्तियों का उपचार चल रहा है 1व्यक्ति उत्तर प्रदेश से है l
CMHO ने किया क्षेत्र का दौरा :
इसी संदर्भ में दवा सेवन ना करने वाले लोगों को समझाने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टीकमगढ़ डॉ पी के माहोर और खंड चिकित्सा अधिकारी निवाड़ी डॉक्टर रमेश चंद मलारिया द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र थोना की विजिट की गई और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कार्यक्रम की समीक्षा की गई l जिसमें दवा सेवन ना करने वाले लोगों को बुलाकर समझाया गया जिससे फाइलेरिया बीमारी के प्रसार को रोका जा सके और जिले में वर्ष 2030 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य हासिल किया जा सके
क्यूलेक्स मच्छर से फैलता हैं हाथी पाँव
ध्यान देने योग्य है कि गंदे पानी में पैदा होने वाले क्यूलेक्स मच्छर संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्तियों को फाइलेरिया के कृमि से संक्रमित कर सकते हैं इसलिए साल में एक बार डीईसी अल्बेंडाजोल की दवा अवश्य खाएं, इस बार टीकमगढ़ और निवाड़ी दोनों जिलों में फाइलेरिया रोधी सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है l