Bandhavgarh : उमरिया जिले में 29 अक्टूबर 2024 से 31 अक्टूबर 2024 के बीच बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व की बांउड्री से लगे हुए ग्राम सलखनिया में 10 हाथियों की मौत के मामले में NGT ने स्वतः संज्ञान लिया था। इस मामले में
NGT ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मध्य प्रदेश), मुख्य वन्यजीव संरक्षक, उमरिया कलेक्टर, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) और केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी किया था। और एनजीटी ने इस घटना को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का संभावित उल्लंघन बताया है। इस मामले को भोपाल की केंद्रीय क्षेत्रीय पीठ को स्थानांतरित कर दिया गया है।
NGT भोपाल बेंच ने इस मामले में 10 जनवरी 2024 को 49 पन्ने का आर्डर जारी किया है।जारी आर्डर में NGT ने माना है कि बांधवगढ टाईगर रिज़र्व में 10 हाथियों की मौत कोदो मिलेट्स खाने से हुई है।कोदो में पाए जाने वाले माइकोटाक्सिन को ही 10 हाथियो की मौत का कारण NGT ने माना है।NGT ने यह भी माना है कि इन 10 हाथियो की मौत के मामले में कोई भी मानवीय हस्तक्षेप नही है।
NGT ने वर्ष 1934 में Journal of the Bombay Natural History में RC Morris द्वारा छापे गए घटना का हवाला दिया है।NGT ने आर्डर में लिखा है कि 17 दिसंबर 1933 को 14 हाथियो की मौत तमिलनाडु के Vannathiparai Reserve Forest में कोदो मिलेट्स खाने से हुई थी।