छतरपुर, रिक्की सिँह। कांग्रेस में जिलाध्यक्ष के चयन की कवायद शुरू हो गई है। कार्यकर्ताओं को अगले डेढ़ माह में नया जिलाध्यक्ष मिल जाएगा। एआईसीसी से नियुक्त पर्यवेक्षक दो सप्ताह जिले में छः विधानसभा में रहेंगे और जिलाध्यक्ष के नामों का पैनल तैयार करेंगे। गुरुवार को पर्यवेक्षक ने अपनी टीम के साथ राजनगर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। पर्यवेक्षक शनिवार को चंदला के बाद महाराजपुर, छतरपुर, बिजावर बड़ामलहरा विधानसभा में कार्यकर्ताओं से रायशुमारी करेंगे। सूत्रों के अनुसार अभी तक जिलाध्यक्ष के लिए 10 से अधिक नाम सामने आ चुके हैं। सभी नामों का पैनल दिल्ली जाएगा और वहीं से जिलाध्यक्ष की घोषणा होगी।
झारखण्ड से आए हैं पर्यवेक्षक
झारखण्ड से पूर्व मंत्री विधायक बन्न गुप्ता को पर्यवेक्षक बनाया गया है। वे राहुल गांधी के सृजन अभियान के माध्यम से संगठन को मजबूत करने कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। छः विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक दिन रुककर वे पार्टी नेताओं, युवाओं और कार्यकर्त्ता से चर्चा करेंगे। पर्यवेक्षक के अनुसार बेदाग छवि वाले, सर्वसमावेशी और भाजपा से मजबूती से लड़ने वाले नेता को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी। सूत्र बताते हैं कि जिलाध्यक्ष बनने की रुचि रखने वाले कुछ नेताओं को पर्यवेक्षक ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि गुटबाजी करने वाले नेताओं को कोई जगह नहीं मिलेगी। कार्यकर्ताओं की पसंद व समाज में अच्छी छवि रखने वाले को ही पार्टी जिलाध्यक्ष बनाएगी।
दो महिला सहित 10 से ज्यादा दावेदार तीन दिन पूर्व जिला कांग्रेस कार्यलय में आयोजित एक बैठक में पूर्व लोकसभा प्रत्यासी कविता राजे सहित 10 से ज्यादा दावेदारों के नाम अब तक रायशुमारी में सामने आ चुके हैं। प्रबल दावेदारों में अशोक मिश्रा, आदित्य सिँह, गगन यादव, लोकेन्द्र वर्मा, राजेंद्र सिँह चौका दिलीप सिँह, केशु राजा, महाप्रसाद पटेल, अनीश खान, लखन पटेल,दीप्ति पांडे, कविता राजे शामिल हैं। इस बैठक में पूर्व विधायक अलोक चतुर्वेदी नीरज दीक्षित नाती राजा, प्रकाश पांडेय सरमन लाल, केंद्रीय पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री बन्न गुप्ता, जिला प्रभारी रूद्र प्रताप सिँह बड़ामलहरा विधायक राम सिया भारती प्रमुख रूप से मौजूद थे। जिले में बहुत कमजोर हो चुके संगठन को मजबूत करने कांग्रेस के नेता काफी जोर लगा रहे हैं हालांकि कार्यकर्ताओं उत्साह नजर नहीं आ रहा है।
राजनगर के पूर्व विधायक नाती राजा के कोटे का माना जाता था वर्तमान जिला जिलाध्यक्ष महाप्रसाद पटेल
2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में गुटबाजी के चलते लखन पटेल को हटाकर विक्रम सिंह नाती राजा के करीबी किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष को कांग्रेस का जिला अध्यक्ष नियुक्त कराया गया था जो की पूर्व विधायक विक्रम सिंह नाती राजा के करीबी माने जाते हैं महाप्रसाद पटेल महाप्रसाद पटेल का डेढ़ वर्ष के कार्यकाल के दौरान कोई बड़ी उपलब्धि उन्हें हाथ नहीं लगी है विधानसभा चुनाव हारने के बाद कार्यकर्ताओं की निराशा हताशा के चलते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था तथा कई पुलिंग बूथ पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष एजेंट नियुक्त नहीं कर पाए थे इसलिए इन्हें अब तक का कांग्रेस में सबसे निष्क्रिय जिला अध्यक्ष माना जाता है
जिले में भाजपा के मुकाबले बहुत कमजोर है कांग्रेस
2023 के विधानसभा चुनाव में बड़ामलहरा सीट पर भाजपा की हार को अगर छोड दिया जाए तो अन्य पांच सीटों पर कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था इसके बाद तीनो लोकसभा क्षेत्र( खजुराहो, टीकमगढ, दमोए ) चुनाव भाजपा से कांग्रेस को हर विधानसभा क्षेत्र से रिकॉर्ड मतों से हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2022 में हुए निकाय चुनाव में नौगांव, हरपालपुर नगरपालिका में कांग्रेस पार्षदों के ज्यादा संख्या में जीतने के बाद भी अध्यक्ष पद भाजपा के खाते में गया। विधानसभा चुनाव में प्रदेश में करारी हार के बाद जिले से बड़ी संख्या में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया था।
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विधानसभा चुनाव के दौरान ही लखन पटेल को जिलाध्यक्ष पद से हटाकर गया था, उनके बाद राजनगर के पूर्व विधायक नाती राजा के करीबी महाप्रसाद पटेल को यह जिम्मेदारी दी गई थी। जिले में भाजपा के सामने कांग्रेस संगठन बहुत कमजोर है। कई बार तो चुनावों में पोलिंग बूथ पर बैठने तक एजेंट नहीं मिलते है