Territorial Fight : अपनी बादशाहत कायम करने एक माह के अंदर बाप और बेटे को उतार दिया मौत के घाट - खबरीलाल.नेट
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Territorial Fight : अपनी बादशाहत कायम करने एक माह के अंदर बाप और बेटे को उतार दिया मौत के घाट

बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व में लगातर बढ़ रही बाघों की संख्या एक ओर जहाँ पूरे विश्व भर के वन्यजीव प्रेमियों का घ्यान अपनी ओर खीच रही वहीँ बाघों के संघर्ष की तस्वीरें भी लगातार सामने आ रही है.बीते एक माह पूर्व ...

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Sanjay Vishwakarma

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बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व में लगातर बढ़ रही बाघों की संख्या एक ओर जहाँ पूरे विश्व भर के वन्यजीव प्रेमियों का घ्यान अपनी ओर खीच रही वहीँ बाघों के संघर्ष की तस्वीरें भी लगातार सामने आ रही है.बीते एक माह पूर्व अपने पढ़ा था कि जुट्टा तलैया वाली बाघिन का 3 माह के एक शावक को एक नए बाघ ने मौत के घाट उतार दिया था,अब उसी बाघ ने उस शावक के पिता जिसकी उम्र 10 वर्ष से ज्यादा की थी उसे भी मौत के घात उतार दिया है. और जुट्टा तलैया के क्षेत्र में अपनी बादशाहत कायम कर ली है.

दरअसल दिनांक 07/5/2023 अपरान्ह 3.30 pm  के आसपास ग्राम करौंदिया थाना अमरपुर परिक्षेत्र पनपथा (बफर) मे राजस्व क्षेत्र चुनिया कछरा रामकिशोर चौधरी के खेत मे गए थे उन्हें किसी वन्यजीव के गंध काफी तेज आई उन्होंने तत्काल इसकी सूचना बीटगार्ड करौंदिया को दी,सूचना मिलते ही बीटगार्ड करौंदिया सुरक्षा श्रमिकों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे तो देखा की लगभग 3 ऐ 5 दिन पुराना बाघ का शव भदार नदी के बगल में राजस्व एरिया में पड़ा हुआ है.

डाग स्वाकड ने किया क्षेत्र का मुआयना

घटना की सूचना जब पार्क प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारीयों तक पहुंची तो पैदल एवं डाग स्वाकड की मदद से चारों ओर सघन छानबीन की गई लेकिन शिकार करने को लेकर ऐसे कोई भी शक्ष्य नही मिले वही जप्ती नामा , पंचनामा की कार्यवाही कर रात भर शव की निगरानी करवाई गई और 8 मई की दोपहर वरिष्ठ सक्षम अधिकारियों की मौजूदगी मे पशु चिकित्सक नितिन गुप्ता चिकित्सक दल के साथ NTCA प्रतिनिधि सत्येंद्र तिवारी कि उपस्थित मे शव विच्छेद कर विसरा सेम्पल संग्रहित किया गया। शव विच्छेद उपरांत शव दाह किया गया.

बाघ की कैसे हुई मौत कैसे पंहुचा राजस्व एरिया में

मृत बाघ के आगे के दाएं पैर में केनाईन के निशान मिले हैं और स्किन में भी केनाईन के निशान देखे गए है,दरअसल जिस राजस्व एरिया में बाघ का मृत शरीर मिला है वह पार्क क्षेत्र के कम्पार्टमेंट नम्बर 407 के काफी नजदीक भदार नदी के किनारे ही है, एसी आशंका जाहिर की जा रही है कि अन्य बाघ के साथ हुई फाइट से घायल यह बाघ जुट्टा तलैया का एरिया छोड़ कर नदी के किनारे खेतों की शरण ले लिया जिससे पालतू पशुओ का शिकार कर अपना पेट भर सके लेकिन फाइट में लगी चोट के कारण उमदराज बाघ की मौत हो गई.

किस बाघ से लड़ने से हुई मौत

बताया जा रहा है की शावक का शव 3 अप्रैल की दोपहर 12 से 1 बजे के एक 3 माह के शावक का शव गस्ती दल को मिला था यह शावक जिस बाघिन की संतान था उसके कुल 3 शावक थे और जिस बाघ की अभी मौत हुई है ये तीनों शावक इसी बाघ की संतान है, जुट्टा तलैया वाली बाघिन के तीनो शावको का यह पिता था और जुट्टा तलैया वाली बाघिन अपने 3 शावकों के साथ इसी बाघ के साथ अक्सर देखी जाती थी,लेकिन जुट्टा तलैया क्षेत्र में अपनी बादशाहत कायम करने पहुचें बाघ ने पहले तो 3 माह के शावक को मौत के घाट उतार दिया और अब उसके पिता की जान ले ली. बताया जा रहा कि यह बाघ ताला क्षेत्र से पनपथा बफर क्षेत्र में अपनी टेरिटरी बनाने के लिए लगातार अन्य बाघों से संघर्ष कर रहा है.

Territorial Fight : अपनी बादशाहत कायम करने एक माह के अंदर बाप और बेटे को उतारा मौत के घाट
Territorial Fight : अपनी बादशाहत कायम करने एक माह के अंदर बाप और बेटे को उतारा मौत के घाट

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